home page

रेवाड़ी (Rewari) में स्थापित होगा देश का पहला ग्रीन एनर्जी प्लांट, पराली से तैयार होगी बिजली

हरियाणा. हरियाणा (Haryana) के रेवाड़ी (Rewari) जिला के गांव खुर्शीदनगर में पराली से बिजली का उत्पादन करने वाला देश का पहला ग्रीन एनर्जी प्लांट (First Green Energy Plant in India) स्थापित किया गया है। पर्यावरण संरक्षण की दिशा में स्थापित किया गया यह प्लांट प्रदूषण मुक्ति के साथ ही बिजली के उत्पादन का सफलतम कदम है।

 | 

हरियाणा अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी के माध्यम से निजी क्षेत्र की के-2 पॉवर रिन्यूएबल प्राइवेट लिमिटेड ने रेवाड़ी के गांव खुर्शीदनगर में देश का पहला ग्रीन एनर्जी प्लांट स्थापित करते हुए रेवाड़ी जिला को अनुकरणीय बनाया है।

 

खुर्शीदनगर में पराली से तैयार हो रही बिजली को प्लांट से बिसोहा 33 केवी सब स्टेशन में उपलब्ध कराया जा रहा है और सब स्टेशन से बिसोहा गांव में बिजली की नियमित आपूर्ति शुरू हो गई है।

PM Kusum Yojna : अब खेतों में सौर उर्जा से लहराएंगी फसलें, सरकार इस योजना में देगी 75 प्रतिशत सब्सिडी
पराली से बिजली उत्पादन की दिशा में उठाए गए इस कदम से अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी सहित बिजली वितरण निगम की पर्यावरण के प्रति सकारात्मक सोच सामने आई है। ग्रीन एनर्जी प्लांट में बिना प्रदूषण के 24 घंटे में 600 क्विंटल पराली से 48 हजार यूनिट बिजली का उत्पादन शुरू किया गया है। बिजली के उत्पादन के साथ ही क्षेत्र के इस प्लांट में लगभग 150 लोगों को सीधे रोजगार भी मिल रहा है।
बिसोहा गांव को 2 मेगावाट बिजली प्रति घंटे आपूर्ति
पंचकूला रिन्यूवल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी से मान्यता प्राप्त यह पहला पूरी तरह से प्रदूषण रहित प्लांट है। इसमें 400 किलोवाट क्षमता के पांच इंजन हैं, जिनसे बिना प्रदूषण के पराली से बिजली की उत्पादन प्रक्रिया को शुरू किया गया है। दक्षिणी हरियाणा बिजली वितरण निगम के 33 केवी सब स्टेशन बिसोहा को दो मेगावाट बिजली प्रति घंटे प्रदान की जा रही है और उक्त उत्पादित बिजली वितरण प्रक्रिया का भुगतान सरकार के नियमानुसार किया जा रहा है।

पहली बार सौर ऊर्जा से चलेगा हरियाणा का एविएशन हब, कम रोशनी में भी उतर सकेंगे हवाई जहाज
 

बायोमैस गैस विधि पर आधारित है प्लांट
पराली से चलने वाला यह प्लांट बॉयलर की बजाय बायोमैस गैस विधि से काम कर रहा है, जिसमें प्रदूषण की कोई संभावना नहीं है। पराली से चलने वाले पांचों इंजनों से तैयार होने वाली गैस से ही बिजली का उत्पादन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस प्लांट में पराली को जलाने की अपेक्षा उसे भाप से गलाकर बिजली पैदा की जा रही है, जिसमें किसी भी तरह का कोई वायु प्रदूषण नहीं हो रहा।