Haryana Mosam Update पश्चिमी विक्षोभ से मौसम की बिगड़ रही चाल, जानिए आगे कैसा रहेगा मिजाज
HR Breaking News, हिसार । प्रदेश में लगातार पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो रहे हैं। जिसके कारण कभी गर्मी तो कभी बादलवाई देखने को मिल रही है। इससे तापमान पर भी काफी असर पड़ रहा है। दो दिन की गर्मी के बाद अब फिर से पश्चिमी विक्षोभ का आंशिक प्रभाव देखने को मिल सकता है। गौरतलब है कि पिछले कुछ समय से पश्चिमी विक्षोभ काफी आ रहे हैं। सर्दी के सीजन में सबसे अधिक पश्चिमी विक्षोभ आए थे। अब गर्मी की शुरुआत होने पर भी ऐसी ही स्थिति बनी हुई है।
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अक्सर एक माह में तीन से चार पश्चिमी विक्षोभ आते हैं, मगर इस बार पांच से छह पश्चिमी विक्षोभ देखने को मिले हैं। इस बार अधिक पश्चिमी विक्षोभ आ रहे हैं मगर अधिक सक्रिय नहीं रहे हैं। आगे भी ऐसी स्थिति देखने को मिल सकती है। पश्चिमी विक्षोभ का आना हवाओं पर निर्भर करता है। कई बार यह पहाड़ों की तरफ चले जाते हैं तो कई बार मैदानी क्षेत्र की तरफ चले जाते हैं। जिससे एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन बनाते हैं। मौसम विज्ञानियों ने सोमवार को बारिश होने का अंदेशा जताया है।
खासकर उत्तरी और पश्चिमी हरियाणा के क्षेत्रों में तो बूंदाबांदी भी बताई गई है। वहीं रविवार को काफी गर्मी रही।
प्रदेश में सबसे गर्म दिन नारनौल का रहा। यहां दिन का तापमान 28.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि दूसरे स्थान पर हिसार रहा यहां 28 डिग्री सेल्सियस तापमान पहुंच गया। इसके साथ ही रात्रि तापमान 11.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जोकि सामान्य के एक डिग्री सेल्सियस कम है।
विज्ञानी बताते हैं कि पश्चिमी विक्षोभ आने से दिन का तापमान कम हो जाता है। अभी 28 डिग्री सेल्सियस तक तापमान चला गया था। अधिक तापमान होने के कारण फसलों की बढ़वार कम हो जाती है, अगर सामान्य तापमान रहे तो फसलों को पकने के लिए अधिक समय मिल जाती है। गेहूं और सरसों दोनों ही फसलों में पश्चिमी विक्षोभ का फायदा होगा। मगर हवा चलने से फसलों के गिरने का जोखिम भी बना रहता है।
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आगे मौसम को लेकर क्या कहते हैं मौसम विज्ञानी
हरियाणा में 9 मार्च तक मौसम परिवर्तनशील रहने की संभावना है। पश्चिमीविक्षोभ के आंशिक प्रभाव से राज्य में सात मार्च को आंशिक बादलवाई रहने व हल्की से मध्यम गति से हवा चलने की संभावना है। चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डा. मदन खिचड़ ने बताया कि सात मार्च को उत्तरी व पश्चिमी क्षेत्रों में कुछ एक स्थानों पर गरज चमक व छिटपुट बूंदाबांदी की संभावना है। इसके बाद में 8 व 9 मार्च को मौसम आमतौर पर खुश्क रहने व दिन के तापमान में हल्की बढ़ोतरी परन्तु रात्रि तापमान सामान्य के आसपास ही बने रहने की संभावना है।
क्या होता है पश्चिमी विक्षोभ
पश्चिमी विक्षोभ भूमध्यरेखा-क्षेत्र में उत्पन्न होने वाली वह बाह्य- उष्णकटिबंधीय आंधी है जो सर्दी में भारतीय उपमहाद्वीप के पश्चिमोत्तर भागों में अकस्मात बारिश ले आती है। यह बारिश मानसून की बरसात से भिन्न होती है। बाह्य-उष्णकटिबंधीय आंधियां विश्व में सब जगह होती हैं। इनमें नमी सामान्यतः ऊपरी वायुमंडल तक पहुंच जाती है, जबकि उष्णकटिबंधीय आंधियों में आर्द्रता निचले वायुमंडल में बनी रहती है। भारतीय महाद्वीप में जब ऐसी आंधी हिमालय तक जा पहुंचती है तो नमी कभी-कभी बरसात के रूप में बदल जाती है।