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इलेक्ट्रिक वाहनो के रेटो में भारी गिरावट, जानिए कम से कम क्या है कीमत

Electric vehicles: पिछले कुछ वर्षों के दौरान भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों(electric vehicles)के  का बाजार लगातार बढ़ा है। जल्द ही इलेक्ट्रिक वाहन ज्यादा किफायती हो सकते हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) काउंसिल लिथियम-आयन (lithium-ion)बैटरी पर टैक्स की दर कम कर सकती है।
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इलेक्ट्रिक वाहनो के रेटो में भारी गिरावट, जानिए कम से कम क्या है कीमत

HR Breaking News (नई दिल्ली) Media report: मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, योजना पर आगे बढ़ने के लिए केंद्र सरकार (Central government)ने सभी हितधारकों के साथ बातचीत शुरू कर दी है। नीति आयोग, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा (Renewable energy)मंत्रालय, भारी उद्योग और अन्य सरकारी विभागों (government departments)के सदस्यों के बीच बैटरी-स्वैपिंग नीति पर चर्चा के लिए मंगलवार को एक बैठक आयोजित की गई थी। टैक्स को युक्तिसंगत बनाने और ईवी बैटरी को स्टैंडर्ड (Battery Standard)करने के सुझाव दिए गए। नीति आयोग एक मसौदा(commission a draft) नीति तैयार कर रहा है जिसे आगे विचार के लिए जीएसटी परिषद को भेजा जाएगा। दरअसल बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन का वह हिस्सा है जो फिलहाल सबसे महंगे कंपोनेंट्स (expensive components)में से एक है। काउंसिल इलेक्ट्रिक वाहनों (electric vehicles)के बराबर ईवी बैटरी पर जीएसटी कम कर सकती है। इसका मतलब भारत में इलेक्ट्रिक कारों और दोपहिया वाहनों की कुल कीमत में बड़ी गिरावट हो सकती है।

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नीति आयोग द्वारा भेजी गई मसौदा नीति में कहा गया है, "मौजूदा जीएसटी व्यवस्था के मुताबिक, लिथियम-आयन बैटरी और इलेक्ट्रिक वाहन आपूर्ति उपकरण (ईवीएसई) पर टैक्स की दरें क्रमशः 18% और 5% हैं। जीएसटी प्रावधानों पर निर्णय लेने वाली संस्था जीएसटी परिषद दो टैक्स दरों में अंतर को कम करने पर विचार कर सकती है। परिषद इस संबंध में उचित समय पर उचित निर्णय लेगी।"


इस समय लिथियम-आयन बैटरी पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगता है, जबकि भारत में एक इलेक्ट्रिक वाहन की कुल लागत पर 5 प्रतिशत जीएसटी लगता है। 2018 से पहले EV बैटरियों पर GST की दर ज्यादा थी। उस समय ईवी बैटरी पर 28 प्रतिशत टैक्स लगता था। जिसे चार साल पहले GST परिषद द्वारा घटाकर मौजूदा दर पर लाया गया।


ईवी बैटरी की लागत इलेक्ट्रिक वाहन की कुल लागत का 25 प्रतिशत से 35 प्रतिशत तक होती है। ईवी बैटरियों पर जीएसटी में कमी से ईवी को ज्यादा किफायती बनाने में भी मदद मिलेगी।

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यह कदम, यदि लागू किया जाता है, तो ईवी के भविष्य के वैश्विक केंद्र के रूप में भारत को खुद को प्रोजेक्ट करने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। हाल ही में, टेस्ला ने भारत में इलेक्ट्रिक कारों पर आयात शुल्क को कम करने के लिए केंद्र को मनाने की कोशिश की और असफल रही। टेस्ला ने आखिरकार भारत में ईवीस लॉन्च करने की अपनी योजना को छोड़ दिया। कई अन्य कार निर्माताओं ने भी भारत में ईवी विकास में बाधा डालने वाले हाई टैक्स का मुद्दा उठाया है।