Nitin Gadkari : वाहन चालकों को लगा तगड़ा झटका, 15 साल पुराने वाहनों को लेकर सरकार ने कर दिया ये एलान
HR Breaking News, New Delhi : सरकारी कर्मचारी अब 15 साल या इससे ज्यादा पुराने वाहनों का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे. पॉल्यूशन, पैसेंजर सेफ्टी और फ्यूल एफिशिएंसी को ध्यान में रखते हुए वित्त मंत्रालय की तरफ से नया आदेश जारी किया गया है. फाइनेंस मिनिस्ट्री की तरफ से सभी मंत्रालयों और विभागों (nitin gadkari) को जारी आदेश में कहा गया कि 'सर्विसिंग' किये जाने के लायक नहीं रहे 15 साल पुराने सभी वाहनों को (vehicle scrappage policy)कबाड़ में बदला जाए.
मौजूदा नियमों पर पुनर्विचार किया गया
वित्त मंत्रालय के अतंर्गत आने वाले व्यय विभाग ने कार्यालय ज्ञापन (Office Memorandum) में कहा कि पॉल्यूशन के स्तर को कम करने, पैसेंजर सेफ्टी और फ्यूल एफिशिएंसी को ध्यान में रखकर यह कदम उठाया जा रहा है. ज्ञापन में कहा गया कि सरकार के सुधार के व्यापक उद्देश्यों पर विचार (nitin gadkari) करते हुए नीति आयोग और सड़क परिवहन मंत्रालय के परामर्श से 15 साल पुराने या 'सर्विसिंग' के लायक नहीं रहे वाहनों को लेकर मौजूदा नियमों पर पुनर्विचार किया गया.
15 साल पुराने वाहनों को कबाड़ में बदला जाएगा
आधिकारिक ज्ञापन में कहा गया इसके बाद यह निर्णय किया गया कि मंत्रालयों / विभागों के 15 साल पुराने या 'सर्विसिंग' के लायक नहीं रहे वाहनों को कबाड़ में बदला जाएगा. इसमें कहा गया कि ऐसे वाहनों का रजिस्टर्ड व्हीकल स्क्रैप सेंटर पर ही निपटान किया जएगा. जो वाहन 15 साल पुराने हो चुके हैं, उनकी नीलामी नहीं की जाएगी. व्यय विभाग ने कहा कि ऐसे वाहनों को कबाड़ में बदलने की प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी सड़क परिवहन मंत्रालय की तरफ से अलग से दी जाएगी.
सोशल मीडिया के जरिये भी जानकारी दी गई
इससे पहले सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की तरफ से तैयार ड्रॉफ्ट में यह तय किया गया था कि सरकारी विभाग 1 अप्रैल 2022 से 15 साल पुराने वाहनों का रजिस्ट्रेशन रिन्यू नहीं करा पाएंगे. इसमें केंद्र, राज्य सरकार, केंद्र शासित प्रदेश, PSUs और म्युनिसिपल बोर्ड आदि के वाहन शामिल हैं. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की तरफ से सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से भी यह जानकारी दी गई थी.
इससे पहले सरकार की तरफ से वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में वॉलेंट्री व्हीकल स्क्रैपिंग पॉलिसी लाने की घोषणा की गई थी. इस पॉलिसी के अंतर्गत पर्सनल व्हीकल की 20 साल बाद और कमर्शियल व्हीकल को 15 साल बाद ऑटोमेटिड फिटनेस टेस्ट कराना जरूरी होगा. इस टेस्ट को पास नहीं करने वाले वाहनों को चलाने पर वाहन मालिक पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा. इसके अलावा ऐसे वाहनों का सीज करने का भी प्रावधान है.