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Delhi में 11,150 करोड़ रुपये की लागत से बनेंगे 3 नए मेट्रो कॉरिडोर, 16 किलोमीटर होगी लंबाई

Delhi - हाल ही में आई एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक आपको बता दें कि दिल्ली में 11,150 करोड़ रुपये की लागत से तीन नए मेट्रो कॉरिडोर बनाए जाएंगें। इनकी कुल लंबाई 16 किलोमीटर से अधिक होगी, जो शहर की मेट्रो कनेक्टिविटी (metro connectivity) को और मजबूत करेगी... इससे जुड़ी पूरी डिटेल जानने के लिए इस खबर को पूरा पढ़ लें-

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Delhi में 11,150 करोड़ रुपये की लागत से बनेंगे 3 नए मेट्रो कॉरिडोर, 16 किलोमीटर होगी लंबाई

HR Breaking News, Digital Desk- (Delhi) दिल्ली में तीन नए मेट्रो कॉरिडोर (आर.के. आश्रम से इंद्रप्रस्थ, एरोसिटी से टर्मिनल-1 और तुगलकाबाद से कालिंदी कुंज) बनाए जाएंगे। इन पर लगभग ₹11,150 करोड़ खर्च होंगे। इनकी कुल लंबाई 16 किलोमीटर से अधिक होगी, जो शहर की मेट्रो कनेक्टिविटी (metro connectivity) को और मजबूत करेगी।

हाल ही में, इन परियोजनाओं का मूल्यांकन नेशनल प्लानिंग ग्रुप (NPG) द्वारा किया गया, जो पीएम गतिशक्ति फ्रेमवर्क के तहत बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की योजना बनाता है। अब ये योजनाएं अंतिम मंजूरी के लिए कैबिनेट (cabinet) के सामने पेश की जाएंगी।

आर के आश्रम से इंद्रप्रस्थ सबसे लंबा कॉरिडोर-

दिल्ली मेट्रो के इन तीनों कॉरिडोर में आर के आश्रम से इंद्रप्रस्थ कॉरिडोर सबसे लंबा होगा। यह पूरा रूट अंडरग्राउंड होगा। इस पर नौ स्टेशन होंगे। ये स्टेशन इंद्रप्रस्थ, भारत मंडपम, बड़ौदा हाउस, इंडिया गेट (सी-हेक्सागन के पास), कर्तव्य पथ पर बने नए कॉमन सेंट्रल सेक्रेटेरिएट (CCS) बिल्डिंग, सेंट्रल सेक्रेटेरिएट, युगे युगीन भारत म्यूजियम (रकाबगंज गुरुद्वारा के पास), शिवाजी स्टेडियम और आर के आश्रम मार्ग पर होंगे। एक सूत्र ने बताया, 'यह ग्रीन लाइन (इंद्रलोक-इंद्रप्रस्थ लिंक) को ब्लू लाइन और जनकपुरी वेस्ट-आर के आश्रम मार्ग कॉरिडोर से जोड़ेगा। इससे राजीव चौक पर भीड़ कम करने में भी मदद मिलेगी।'

इंडिया गेट तक सीधे पहुंच सकेंगे पहुंच सकेंगे लोग-

अधिकारियों का कहना है कि इंडिया गेट (India gate) पर बनने वाला स्टेशन पर्यटकों के लिए सुरक्षित और सुविधाजनक परिवहन का विकल्प होगा। इससे प्राइवेट गाड़ियों पर निर्भरता कम होगी। अभी इंडिया गेट के पास सबसे नजदीकी मेट्रो स्टेशन सेंट्रल सेक्रेटेरिएट है। वहां से लोगों को या तो पैदल जाना पड़ता है या ऑटो-रिक्शा (autorickshwa) लेना पड़ता है। यह कॉरिडोर कर्तव्य पथ पर बन रहे 10 बड़े सरकारी दफ्तरों तक तेजी से पहुंचने में भी मदद करेगा।

सीधी रेखा पर सीसीएस बिल्डिंग और सेंट्रल सेक्रेटेरिएट (CCS Building and Central Secretariat) पर दो मेट्रो स्टेशन बनने से सरकारी कर्मचारियों को ऑफिस तक पहुंचने में बहुत सुविधा होगी। पहले, कर्मचारियों के लिए सिर्फ एक ऑटोमेटेड पीपल मूवर सिस्टम (APMS) का प्रस्ताव था, जो एक छोटी, स्वचालित ट्रेन की तरह है। हालांकि, इस प्रस्ताव को रद्द कर दिया गया क्योंकि इसका उपयोग केवल सरकारी कर्मचारी ही कर पाते, जबकि नए मेट्रो स्टेशनों का लाभ आम जनता भी उठा पाएगी।

एरोसिटी से टर्मिनल-1 तक अंडरग्राउंड मेट्रो लाइन-

अधिकारियों ने बताया कि एरोसिटी से टर्मिनल-1 तक मेट्रो लाइन (2.3 किलोमीटर) पूरी तरह से अंडरग्राउंड होगी। इस पर सिर्फ एक स्टेशन होगा - टर्मिनल-1. इससे तुगलकाबाद, खानपुर, साकेत, महरौली और वसंत कुंज जैसे इलाकों में रहने वाले लोगों को सीधे एयरपोर्ट कनेक्टिविटी मिलेगी। इससे एयरपोर्ट तक पहुंचना आसान हो जाएगा। खासकर फरीदाबाद से आने वाले यात्रियों के लिए तुगलकाबाद इंटरचेंज के जरिए यात्रा करना सुविधाजनक होगा।

तुगलकाबाद-कालिंदी कुंज लिंक एलिवेटेड कॉरिडोर-

तुगलकाबाद-कालिंदी कुंज लिंक (4 किलोमीटर) पर तीन स्टेशन होंगे। यह एलिवेटेड कॉरिडोर होगा। एलिवेटेड कॉरिडोर का मतलब है कि मेट्रो लाइन (metro line) जमीन के ऊपर पिलर पर बनेगी। यह अली विलेज, अली विहार और मदनपुर खादर से होकर गुजरेगा। यह नया लिंक कालिंदी कुंज में मौजूदा मैजेंटा लाइन (magenta line) से जुड़ेगा। इससे वायलेट और मैजेंटा कॉरिडोर (magenta corridor) आपस में जुड़ जाएंगे।

दिल्ली में तीन नई मेट्रो लाइनों के निर्माण से परिवहन और भी आसान हो जाएगा। इससे लोगों का यात्रा समय कम होगा और शहर की ट्रैफिक (traffic) समस्या भी घटेगी। सरकार (government) का उद्देश्य सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देना है, ताकि लोग निजी वाहनों का कम उपयोग करें, जिससे प्रदूषण के स्तर में कमी आएगी। यह पहल दिल्ली को एक स्वच्छ और अधिक सुगम शहर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।