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7th Pay Commission : लगातार इतने दिन छुट्‌टी पर रहे कर्मचारी तो सेवाएं हो जाएंगी समाप्त, केंद्र सरकार ने जारी किया FAQ

7th Pay Commission : अगर आप कर्मचारी है तो ये खबर आपके लिए है। दरअसल हाल ही में केंद्र सरकार की ओर से आए एक अपडेट के मुताबिक आपको बता दें कि अब लगातर इतने दिन की छुट्‌टी रहने पर कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त हो जाएंगी। केंद्र सरकार ने एफएक्यू जारी किया है। 
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7th Pay Commission : लगातार इतने दिन छुट्‌टी पर रहे कर्मचारी तो सेवाएं हो जाएंगी समाप्त, केंद्र सरकार ने जारी किया FAQ

HR Breaking News, Digital Desk- Employee Rule : प्राइवेट सेक्टर की बजाय सरकारी कर्मचारी को ज्यादा छुट्टियां मिलती है। कई सरकारी कर्मचारी भी छुट्टियों को लेकर कंफ्यूजन करते है। हाल ही में केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों की विभिन्न श्रेणी के लिए छुट्टी नियमों और पात्रता पर कुछ अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न एफएक्यू (Frequently Asked Questions) जारी किए।

इसमें छुट्टियों से जुड़े नियम के बारे में जान सकते है। कर्मचारी यह भी पता लगा सकते हे कि लगातार कितने दिन छुट्टी करने पर सरकारी नौकरी से हाथ धोना पड़ सकता है। आइए जानते है छुट्टियों से जुड़े नियम के बारे में।

केंद्र सरकार ने जारी किया एफएक्यू-

एफएक्यू में अवकाश की समान्य पात्रता, अवकाश रियायत एलटीसी के साथ अवकाश नकदीकरण, अर्जित अवकाश का नकदीकरण, निलंबन, बर्खास्तगी, हटाने पर अवकाश का नकदीकरण, अवकाश नकदीकरण पर ब्याज, स्टडी लीव अध्ययन अवकाश और पितृत्व अवकाश से जुड़े सवाल के बारे में स्थिति स्पष्ट की गई है।

लगातार पांच वर्षों तक नहीं मिलेगी छुट्टी-

केंद्रीय सिविल सेवा या सीसीएस अवकाश नियम 1972 के नियम 12(1) का हवाला देते हुए इसने कहा कि किसी भी सरकारी कर्मचारी को लगातार 5 साल की अवधि के लिए किसी भी प्रकार की छुट्टी नहीं दी जाएगी। आमतौर पर विदेश सेवा के अलावा पांच साल से अधिक की निरंतर अवधि के लिए अवकाश या बिना अवकाश के ड्यूटी से अनुपस्थित रहने का अर्थ है कि ऐसे सरकारी कर्मचारी ने सरकारी सेवा से इस्तीफा दे दिया है।

लीव इनकैशमेंट पर क्‍या है नियम-

एफएक्यू में कहा है कि कर्मचारियों को लीव इनकैशमेंट की अनुमति पहले लेनी पड़ती है। जो एलटीसी के साथ लेना सही रहेगा। हालांकि कुछ मामलों में तय समय के बाद भी लीव इनकैशमेंट किया जा सकता है।

सिर्फ महिलाओं को मिलती है ये छुट्टियां-

बच्‍चे की देखभाल के लिए केवल महिलाओं को ही चाइल्‍ड केयर लीव मिलती है। यदि बच्‍चा विदेश में पढ़ाई कर रहा है या उसकी देखभाल के लिए महिला कर्मचारी को विदेश जाने की जरूरत पड़ती है तो कुछ जरूरी प्रक्रिया के बाद उसे यह लीव दी जा सकती है।