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Bank Merger HDFC बैंक का इस होने वाला है विलय, जानिए ग्राहकों पर क्या होगा असर

HDFC And HDFC Bank Merger अगर आप भी एचडीएफसी बैंक होल्डर्स है तो यह खबर आपके लिए है। सूत्रों के अनुसार मिली जानकारी के अनुसार एचडीएफसी और एचडीएफसी बैंक के साथ विलय होने के लेकर प्रस्ताव को शेयर बाजार की ओर से मंजूरी दे दी गई है। आइए नीचे खबर में जानते है कि दोनों के मर्जिग होने का ग्राहकों पर क्या पड़ेगा असर
 
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HR Breaking News, डिजिटल डेस्क नई दिल्ली, HDFC And HDFC Bank Merger: आखिरकार एचडीएफसी का इंतजार खत्म हुआ. देश के कॉरपोरेट इतिहास में सबसे बड़ा लेनदेन होने जा रहा है. एचडीएफसी के एचडीएफसी बैंक के साथ विलय के प्रस्ताव को शेयर बाजारों की मंजूरी मिल गई है. गौरतलब है कि शेयर बाजार के दोनों इंडेक्स से एचडीएफसी और एचडीएफसी बैंक को अनापत्ति (नो ऑब्जेक्शन) मिल गई है. यानी अब एचडीएफसी और एचडीएफसी बैंक मर्ज हो जाएगा.

 


बैंक ने दी जानकारी

एचडीएफसी बैंक ने बताया कि उसे बीएसई लिमिटेड से 'किसी भी प्रतिकूल टिप्पणी के बिना' ऑब्जर्वेशन लेटर और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड से 'नो ऑब्जेक्शन’ के साथ ऑब्जर्वेशन लेटर मिला है. यानी अब एचडीएफसी और एचडीएफसी बैंक के विलय का रास्ता साफ हो गया है.

 

एचडीएफसी बैंक ने कहा, ‘यह योजना अन्य बातों के साथ ही भारतीय रिजर्व बैंक, भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग, राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण और योजना में शामिल कंपनियों के संबंधित शेयरधारकों और लेनदारों से मंजूरी सहित विभिन्न वैधानिक और नियामक अनुमोदनों के अधीन है.' गौरतलब है कि लंबे समय से एचडीएफसी और एचडीएफसी बैंक के विलय की बात चल रही थी.

40 अरब डॉलर का सौदा
गौरतलब है कि इससे पहले 4 अप्रैल को देश की सबसे बड़ी आवास वित्त कंपनी एचडीएफसी लिमिटेड का निजी क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक एचडीएफसी बैंक में विलय का फैसला हुआ था. आपको बता दें कि करीब 40 अरब डॉलर के इस अधिग्रहण सौदे से वित्तीय सेवा क्षेत्र की एक बड़ी कंपनी अस्तित्व में आएगी. एचडीएफसी और एचडीएफसी बैंक के विलय के साथ ही कंपनी एक नए वजूद में आ जाएगी.


बैंक ने दी जानकारी

एचडीएफसी बैंक ने बताया कि उसे बीएसई लिमिटेड से 'किसी भी प्रतिकूल टिप्पणी के बिना' ऑब्जर्वेशन लेटर और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड से 'नो ऑब्जेक्शन’ के साथ ऑब्जर्वेशन लेटर मिला है. यानी अब एचडीएफसी और एचडीएफसी बैंक के विलय का रास्ता साफ हो गया है.

एचडीएफसी बैंक ने कहा, ‘यह योजना अन्य बातों के साथ ही भारतीय रिजर्व बैंक, भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग, राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण और योजना में शामिल कंपनियों के संबंधित शेयरधारकों और लेनदारों से मंजूरी सहित विभिन्न वैधानिक और नियामक अनुमोदनों के अधीन है.' गौरतलब है कि लंबे समय से एचडीएफसी और एचडीएफसी बैंक के विलय की बात चल रही थी.

40 अरब डॉलर का सौदा
गौरतलब है कि इससे पहले 4 अप्रैल को देश की सबसे बड़ी आवास वित्त कंपनी एचडीएफसी लिमिटेड का निजी क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक एचडीएफसी बैंक में विलय का फैसला हुआ था. आपको बता दें कि करीब 40 अरब डॉलर के इस अधिग्रहण सौदे से वित्तीय सेवा क्षेत्र की एक बड़ी कंपनी अस्तित्व में आएगी. एचडीएफसी और एचडीएफसी बैंक के विलय के साथ ही कंपनी एक नए वजूद में आ जाएगी.


कितना है कंबाइंड एसेट?
प्रस्तावित इकाई का कंबाइंड  एसेट बेस लगभग 18 लाख करोड़ रुपये होगा. विलय के वित्त वर्ष 24 की दूसरी या तीसरी तिमाही तक पूरा होने की उम्मीद है, जो रेगुलेटरी अप्रूवल के अधीन है. सौदा प्रभावी होने के बाद, एचडीएफसी बैंक 100 प्रतिशत सार्वजनिक शेयरधारकों के स्वामित्व में होगा और एचडीएफसी के मौजूदा शेयरधारकों के पास बैंक का 41 प्रतिशत हिस्सा होगा.

बीएसई ने कही ये बात 
बीएसई ने अपने अवलोकन पत्र में कहा है, 'कंपनी को सलाह दी जाती है कि वह एनसीएलटी के समक्ष दायर की जाने वाली याचिका में सेबी या किसी अन्य नियामक द्वारा किसी भी संस्था, उसके निदेशकों / प्रमोटरों और प्रमोटर समूह के खिलाफ की गई सभी कार्रवाइयों के विवरण का खुलासा करे.' इतना ही नहीं, प्रत्येक एचडीएफसी शेयरधारक को प्रत्येक 25 शेयरों के लिए एचडीएफसी बैंक के 42 शेयर मिलेंगे. यानी ग्राहकों पर भी इसका असर पड़ेगा