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Bank Privatisation : इस बड़े सरकारी बैंक का बिकना तय, कहीं आपका खाता तो नहीं

निजीकरण की दौड़ में सरकार ने एक और कदम बढ़ाया है। सरकार ने देश के एक और बड़े सरकारी बैंक को बेचने की तैयारी कर ली है। इससे जुड़े account holders को क्या नुकसान हो सकता है और क्या फायदा ये Detail खबर में दी गई है। इसलिए पूरी खबर ध्यान से पढ़ें।
 
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Bank Privatisation : इस बड़े सरकारी बैंक का बिकना तय, कहीं आपका खाता तो नहीं

HR Breaking News : नई दिल्ली : IDBI Privatisation: भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के चेयरमैन एमआर कुमार ने कहा कि एलआईसी को अपनी सहायक इकाई IDBI बैंक (IDBI Bank) में अपनी हिस्सेदारी बेचने के लिए सरकार की तरफ से कोई समयसीमा नहीं दी गई है।

IDBI बैंक में LIC की 49.2 प्रतिशत हिस्सेदारी है जबकि बाकी हिस्सा सरकार और निवेशकों के पास है।


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हिस्सेदारी की सीमा तय नहीं


एलआईसी (LIC) ने इस बैंक के गहरे वित्तीय संकट में रहते समय उसमें हिस्सेदारी ली थी. कुमार ने LIC के तिमाही नतीजों की घोषणा के दौरान मीडिया से बातचीत में कहा कि बीमा कंपनी के पास IDBI बैंक (IDBI Bank) में अपनी हिस्सेदारी बेचने के लिए अभी कोई समय सीमा नहीं तय की गई है। उन्होंने कहा कि विनिवेश विभाग इस पर काम कर रहा है लेकिन अभी तक कोई अभिरुचि पत्र नहीं मंगाया गया है।


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जानिए सरकार की क्या है Planing


उन्होंने कहा कि विभाग की ओर से कोई औपचारिक प्रस्ताव भी LIC के पास नहीं आया है. बीमा कंपनी ने अपना आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) लाने के पहले कहा था कि वह बैंक बीमा माध्यम का लाभ लेने के लिए आईडीबीआई बैंक में अपनी कुछ हिस्सेदारी बनाए रखेगा. सरकार अब आईडीबीआई बैंक (IDBI Bank) से बाहर निकलना चाहती है और इसके लिए वह इस Bank का पूरी तरह निजीकरण करना चाहती है।

इससे पहले खबर आई थी कि सरकार की तरफ से निजीकरण के लिए सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन ओवरसीज बैंक को भी चुना गया था. यानी Future में Indian Overseas Bank और Central Bank Of India का privatization हो सकता है।