Bank Privatization : बिकने जा रहा है ये बैंक, अगर आपका है इस बैंक में खाता तो अभी निकलवा ले सारे पैसे
HR Breaking News, New Delhi, हमारे देश की सरकार निजीकरण को लेकर तेजी से कार्य कर रही है. इस निजीकरण के कार्य को लेकर लोगों के बीच सरकार ने अक अलग ही छवि बनाई है. आपको बता दें कि पिछले दिनों सरकारी कंपनियों के निजीकरण के बाद अब सरकार बैंकों को प्राइवेट करने का काम कर रही हैं. सरकार के इस कदम से देश के लोग भी सरकार का काफी विरोध कर रह हैं. इसी बीच सरकार ने कई कम्पनियों के लिए बोलियां भी लगाई हैं.
सरकारी बैंकों को प्राइवेट करने की प्रक्रिया जारी है. इसके साथ ही यह अनुमान लगाया जा रहा है कि सरकारी बैंक का प्राइवेटाइजेशन हो सकता है. जिसमें दो बैंकों को शॉर्ट लिस्टेड भी कर लिया गया है. जैसे ही इसकी खबर लोगों को हुई तो इसके विरोध में कुछ लोगों ने हड़ताल करना भी शुरू कर दिया है.
शॉर्ट लिस्ट में हुए शामिल हुए दो सरकारी बैंक
सरकार बैंकिंग विनियमन अधिनियम में संशोधन करके पीएसयू बैंकों (PSUB) में विदेशी स्वामित्व पर 20 प्रतिशत की सीमा को हटाने की तैयारी कर रही है. सूत्रों के अनुसार, इनमें दो बैंक सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन ओवरसीज बैंक शॉर्ट लिस्ट में शामिल किए जाने की खबर सामने आई है.
वहीं दूसरी ओर दो सरकारी अधिकारियों ने नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर मीडिया को बताया कि इस पर जल्द कैबिनेट की भी मुहर लग सकती है. सरकार सितंबर में दोनों में से कम से कम एक बैंक का प्राइवेटाइजेशन सुनिश्चित करना चाहती है. इसलिए हो सकता है कि इसी माह एक बड़ा सरकार बैंक प्राइवेट कर दिया जाए.
आपको बता दें कि सरकार की तरफ से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्राइवेटाइजेशन (Bank Privatization 2022) पर तेजी से काम किया जा रहा है. इंटर-मिनिस्ट्री परामर्श भी अंतिम चरण में है. इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि जल्द ही इसे पर आगे बढ़ा दिया जाएगा. इस फाइनेंशियल ईयर के अंत तक बैंक के प्राइवेटाइजेशन से जुड़े सभी काम लगभग पूरे कर लिए जाएंगे.
जानें क्या है सरकार की योजना
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी 2022 को फाइनेंशियल ईयर के लिए बजट पेश करते हुए आईडीबीआई के साथ दो सरकारी बैंकों के प्राइवेटाइजेशन की घोषणा की थी. नीति आयोग (NITI Aayog) ने निजीकरण के लिए दो PSU बैंक को शॉर्टलिस्ट कर लिया है.
इसके साथ ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि चालू वित्त वर्ष में एक बीमा कंपनी के निजीकरण की भी योजना है. इस मामले में एक अधिकारी का कहना है कि निजीकरण के लिए सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन ओवरसीज बैंक की उम्मीद जताई जा रही है. यानी इन दोनों बैंकों का निजीकरण होने की उम्मीद जताई जा रही है.