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Budget 2023: बजट में इन 5 बड़ी घोषणाओं की उम्मीद, जानिए किसे कितना मिलेगा फायदा

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को बजट पेश करेंगी. इस केंद्रीय बजट (Union Budget 2023) 2023-24 से इन 5 बड़ी घोषणाओं की उम्मीद की जा रही है। इन होने वाली 5 बड़ी घोषणाओं से किसको मिलेगा फायदा... आइए ये जानते है नीचे इस खबर में। 

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HR Breaking News, Digital Desk- केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) 1 फरवरी को बजट पेश करेंगी. इस केंद्रीय बजट (Union Budget 2023) 2023-24 से उम्मीद की जा रही है कि सरकार बुनियादी ढांचे (Infrastructure) के विकास पर ध्यान केंद्रित करेगी और कर लाभ के रूप में आम लोगों के लिए कुछ राहत की घोषणा करेगी. सभी की निगाहें इस बात पर हैं कि सरकार अपने खर्च की योजना कैसे बनाती है.

साथ ही इसके जरिये राजकोषीय घाटे (Fiscal Deficit) और मुद्रास्फीति को कैसे नियंत्रित करती है. यदि सरकार पूंजी और राजस्व व्यय पर अपेक्षा से अधिक व्यय करती है, तो इससे राजकोषीय घाटा बढ़ने की संभावना है. इसके परिणामस्वरूप सरकार को उच्च बाजार से उधार लेना पड़ेगा, जिसकी वजह से ब्याज दरों (Interest Rate) पर भारी दबाव पड़ेगा और मुद्रास्फीति (Inflation) की दर बढ़ने की आशंका और प्रबल हो जाएगी.


कम राजकोषीय घाटा-


गोल्डमैन सैच ग्रुप ने कहा है कि भारत 1 अप्रैल 2023 से शुरू होने वाले अगले वित्तीय वर्ष के लिए अपने राजकोषीय घाटे के लक्ष्य में 50 आधार अंकों की कटौती कर सकता है. एंड्रयू टिल्टन और शांतनु सेनगुप्ता सहित गोल्डमैन अर्थशास्त्रियों ने एक रिपोर्ट में लिखा है कि आते नए वित्तीय वर्ष में भारत अपने राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद के सापेक्ष 5.9 प्रतिशत तक बनाए रखेगा.

अर्थशास्त्रियों को लग रहा है कि केंद्र सरकार पूंजीगत व्यय को बनाए रखते हुए कल्याणकारी खर्च में वृद्धि करेगी. इसके अलावा अर्थशास्त्रियों के मुताबिक ग्रामीण रोजगार और आवास योजनाओं पर भी अधिक ध्यान केंद्रित होने की संभावना है.

टैक्स स्लैब-


मौजूदा टैक्स स्लैब में व्यक्तिगत आयकरदाताओं के लिए 2.5 लाख रुपये की मूल छूट सीमा है, जिसे 2014-15 से नहीं बदला गया है. इसका मतलब है कि इस सीमा से कम आय वाले व्यक्तियों को आयकर रिटर्न दाखिल करने की आवश्यकता नहीं है. अगले साल आमचुनाव के मद्देनजर अब आगामी बजट में आयकर छूट की सीमा को बढ़ाकर 5 लाख रुपये किए जाने की उम्मीद है.

मानक कटौती-


करदाताओं को यह भी उम्मीद है कि सरकार मानक कटौती को 50,000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर सकती है. विशेषज्ञों के अनुसार जिंदगी जीने की बढ़ती लागत और बढ़ती मुद्रास्फीति को ध्यान में रखते हुए मानक कटौती की सीमा को दोगुना किया जाना चाहिए.

इंफ्रास्ट्रक्चर और सामाजिक योजनाओं पर खर्च-


इस साल के बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी खर्च बढ़ने की उम्मीद है. इसके साथ ही आने वाले वर्षों में बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट लांच होने की संभावना है. चूंकि यह बजट 2024 के आम चुनावों से पहले का होगा, इसलिए उम्मीद की जा रही है कि सरकार बुनियादी ढांचा परियोजनाओं और सामाजिक क्षेत्र की कल्याणकारी योजनाओं के लिए अधिक धनराशि आवंटित करेगी.

गृह ऋण कटौती सीमा भी बढ़ सकती है-


करदाता आयकर अधिनियम की धारा 24 (बी) के अनुसार गृह ऋण पर भुगतान किए गए ब्याज पर कटौती का लाभ उठा सकते हैं. हालांकि इस तरह की कटौती की सीमा 2 लाख रुपये प्रति वर्ष है. पिछले कुछ वर्षों में संपत्तियों की कीमत में वृद्धि के साथ कटौती की सीमा बढ़ने की संभावना है.