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Chanakya Niti: इन 7 चीजों के पैर लगाने से पीढ़ियां भुगतेंगी अंजाम, पलभर में हो जाएगा सर्वनाश!

चाणक्य नीति में कुछ ऐसी बातों और चीजों का जिक्र किया गया है, जिन्हें गलती से भी नहीं करना चाहिए. चाणक्य जी कहते हैं कि ऐसा करने से जीवन का सर्वनाश हो जाता है. इतना ही नहीं, ये किसी पाप से कम नहीं होते और इसा दोष सात पीढ़ियों को भगना पड़ता है. ये गलतियां करने से कुल के सर्वनाश की नौबत तक आ जाती है.
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इन 7 चीजों के पैर लगाने से पीढ़ियां भुगतेंगी अंजाम, पलभर में हो जाएगा सर्वनाश! 

HR Breaking News, Digital Desk- पूरी दुनिया में एक तरफ जहां भारतीय संस्कृति और संस्कारों का डंका बजता है, विदेशों में हजारों लाखों लोग हिंदू संस्कार अपना रहे हैं, वहीं, दूसरी ओर यहां पर कई ऐसी मान्यताएं हैं, जिनको लेकर कहा जाता है कि अगर कोई व्यक्ति अपने जीवन में उतार ले तो उसका जीवन सरल और आसान हो जाएगा. 

भारत देश तमाम तरह की मान्यताओं और आस्थाओं का देश है. यहां माता-पिता अपने बच्चों को संस्कारों की बचपन से ही ट्रेनिंग देना शुरू कर देते हैं. हमारे देश में तो गाय को भी माता का दर्जा दिया गया है, वहीं, दूसरी ओर देश के महान राजनीतिज्ञ, अर्थशास्त्री और ज्ञानी आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों में संस्कारों से जुड़ी कई ऐसी बातों का उल्लेख किया है, जिन्हें अपनाने मात्र से किसी का भी जीवन शांतिपूर्वक गुजर सकता है.


आपने अक्सर देखा होगा कि भारत में बच्चों को बचपन से ही बताया जाता है कि बड़ों का सम्मान करें. कई घर की ऐसी चीजें होती हैं, जिनपर पैर न मारने की भी बात कही जाती है. इन चीजों के सम्मानस्वरूप ऐसी चीजों पर पैर मारने वाले न केवल पाप के भागी बनते हैं बल्कि उनकी जिंदगी में परेशानियों और कष्टों का अंबार लग जाता है. आचार्य चाणक्य की नीतियों में बताई गई इन बातों का अनुसरण करने से जिंदगी सरल और आसान बनती है.

 

बता दें कि चाणक्य नीति में कुछ ऐसी बातों और चीजों का जिक्र किया गया है, जिन्हें गलती से भी नहीं करना चाहिए. चाणक्य जी कहते हैं कि ऐसा करने से जीवन का सर्वनाश हो जाता है. इतना ही नहीं, ये किसी पाप से कम नहीं होते और इसा दोष सात पीढ़ियों को भगना पड़ता है. ये गलतियां करने से कुल के सर्वनाश की नौबत तक आ जाती है.


बड़े-बुजुर्ग का करें आदर-


वैसे तो बचपन से ही घरों में बच्चों को बड़े-बुजुर्गों का सम्मान करना सिखाया जाता है लेकिन आज कल के बच्चे आधुनिकता के चलते यह आदतें बदलते जा रहे हैं, जो कि पूरी तरह से गलत है. आचार्य चाणक्य कहते हैं कि बच्चों ही नहीं, सभी को अपने से बड़ों का सम्मान करना चाहिए. जो लोग अपने से बड़ों का सम्मान नहीं करते हैं, उन्हें जिंदगी में कभी तरक्की नहीं मिलती है.


गाय को नहीं मारें पैर-


सभी जानते हैं कि हिंदू धर्म में गाय को माता का दर्जा दिया गया है. गाय ही एकमात्र वह जानवर है, जिसे हिंदुओं में पूजनीय माना गया है. गाय के दूध-दहू को भी पूजा में इस्तेमाल करने के लिए सबसे शुद्ध माना गया है. चाणक्य कहते हैं कि गाय को कभी गलती से भी पैर नहीं मारना चाहिए. अगर लग भी जाता है तो तुरंत पैर छूकर माफी मांग लेनी चाहिए. 


अग्नि को पैर लगने पर मांगनी चाहिए माफी-


आचार्य चाणक्य कहते हैं कि हिंदू धर्म में अग्नि को काफी शुद्ध माना गया है. उसे देवता का भी दर्जा दिया गया है. आपने खुद देखा होगा कि घर में कोई भी शुभ काम होता है तो उसे अग्नि को ही साक्षी मानकर किया जाता है. चामक्य कहते हैं कि अगर अग्नि में पैर लग भी जाए तो तुरंत हाथ जोड़कर माफी मांगनी चाहिए.

ब्राह्मण का करें सम्मान-


सभी जानते हैं कि हिंदू धर्म में हमेशा से ही ब्राम्हण पूजनीय रहे हैं. घर में किसी तरह का पूजा-पाठ हो, ब्राम्हण को ही बुलाकर किया जाता है फिर बाद में उन्हें दान भी दिया जाता है. आचार्य चाणक्य कहते हैं कि हमेशा ब्राम्हण का सम्मान करें और कभी उन्हें पैर न मारें.


शिशु को कभी पैर न मारें-


आचार्य चाणक्य की नीति के मुताबिक, नन्हें बच्चों में भगवान का वास होता है. वह किसी भी तरह के बुरे कर्मों से अलग होते हैं. उनका दिल आईने की तरह साफ होता है. इसलिए छोटे बच्चों के पैर छूना चाहिए और उन्हें कभी पैर नहीं लगने देना चाहिए. नहीं तो परिवार और व्यक्ति दोनों कभी खुश नहीं रह सकता.


गुरू का सम्मान सबसे जरूरी-


गुरू वह शख्स होते हैं, जो इंसान को आगे बढ़ने के लिए न केवल उसे शिक्षा देते हैं बल्कि उसके चरित्र निर्माण में भी महती भूमिका निभाते हैं. हिंदू धर्म में तो गुरू का स्थान माता-पिता से भ बढ़कर माना गया है. किसी को भी अपने गुरू का अनादर नहीं करना चाहिए. गुरू का सम्मान न करने वालों का सर्वनाश हो जाता है.


कुंवारी कन्या होती हैं देवी तुल्य-


आपने देखा होगा कि जब नवरात्रि या कोई अन्य पूजन होता है तो उसमें कुंवारी कन्या को देवी के स्थान पर बिठाकर उसकी पूजा की जाती है. कहते हैं कि कुंवारी कन्या में देवी मां वास करती हैं. इसलिए कभी भी छोटी बच्चियों को गलती से भी पैर नहीं मारना चाहिए. अगर गलती से कभी पैर लग जाए तो तुरंत उनके पैर वापस छूने चाहिए. 


(Disclaimer: यह सभी बातें चाणक्य नीति से मिली जानकारियों पर आधारित हैं. HR Breaking News.com इनकी पुष्टि नहीं करता है.)