home page

Chanakya Niti : यें 4 परिस्थितियां बन सकती है आपकी जान का दुश्मन, हमेशा रहे इनसे दूर

महान विद्वान, शिक्षक, कुशल कूटनीतिज्ञ, रणनीतिकार और अर्थशास्त्री आचार्य चाणक्य ने एक नीति शास्त्र की रचना की है। अपनी नीति शास्त्र में उन्होंने जीवन के हर पहलू के बारे में विस्तार से बताया है। अपनी इन नीतियों के जरिए आचार्य चाणक्य ने मनुष्य को जरूरी और कड़े संदेश भी दिए हैं। आज के संदेश वे बताते है वे कौन सी 4 परिस्थितियां जो आपकी जान की दुश्मन बन सकती है। आइए जानते हैं।  
 | 
 यें 4 परिस्थितियां बन सकती है आपकी जान का दुश्मन, हमेशा रहे इनसे दूर

HR Breaking News, Digital Desk- महान विद्वान, शिक्षक, कुशल कूटनीतिज्ञ, रणनीतिकार और अर्थशास्त्री आचार्य चाणक्य ने एक नीति शास्त्र की रचना की है। अपनी नीति शास्त्र में उन्होंने जीवन के हर पहलू के बारे में विस्तार से बताया है। अपनी इन नीतियों के जरिए आचार्य चाणक्य ने मनुष्य को जरूरी और कड़े संदेश भी दिए हैं। चाणक्य की नीतियों के जरिए कोई भी इंसान अपने जीवन को बेहतरीन बना सकता है।

सिर्फ यही नहीं, आचार्य चाणक्य की नीतियां इतनी कारगर हैं आज भी व्यक्ति को किसी भी परेशानी या मुसीबत से निकलाने में मदद करती हैं। चाणक्य ने कुछ ऐसी परिस्थितियों के बारे में भी बताया है जब मनुष्य की साहस दिखाने बजाय पीछे हट जाना चाहिए, क्योंकि ऐसे समय में साहस काम नहीं आता। चाणक्य नीति के अनुसार, इन परिस्थितियों का सामना करने वाले बुरे फंस सकते हैं। आइए जानते हैं कौन से वो चार हालात हैं जब व्यक्ति को उसका सामना करने के बजाय पीछे लौट जाना चाहिए.

अपराधी-


आचार्य चाणक्य के अनुसार, यदि कोई अपराधी व्यक्ति आपके पास आकर खड़ा हो या आपसे मदद मांगे तो उस जगह से आपको तुरंत हट जाना चाहिए।क्योंकि इससे आपके मान-सम्मान पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है और छवि भी खराब हो सकती है। 

बदला-


चाणक्य नीति कहती है यदि आपका दुश्मन आप पर हमला कर दे, तो उससे लड़ने के बजाय वहां से भागने में ही भलाई है, क्योंकि वो पहले से रणनीति करके आया होगा और आप बिना रणनीति के उसका सामना नहीं कर पाएंगे। जान बचेगी तो आप उससे दोबारा मुकाबला कर सकते हैं। 

हिंसा-

उपसर्गेऽन्यचक्रे च दुर्भिक्षे च भयावहे।
असाधुजनसंपर्के य: पलायति स जीवति

आचार्य चाणक्य ने इस श्लोक के जरिए बताया है कि यदि कहीं हिंसा भड़क जाए, दंगे हो जाएं तो व्यक्ति को उस जगह से तुरंत भाग जाना चाहिए। अक्सर उपद्रव में भीड़ बेकाबू हो जाती है और कभी भी हमला कर सकती है। ऐसे में वहां से जान बचाकर भागने में ही समझदारी है। 

अर्थव्यवस्था-

चाणक्य नीति के अनुसार, जिस जगह की अर्थव्यवस्था बिगड़ गई हो, वहां के लोगों को खाने-पीने, रहने के संसाधनों के लिए तरसना पड़ रहा हो वहां से निकल जाना बेहतर होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि ऐसी जगह ज्यादा दिन तक रुकने से आपके साथ आपके परिवार को भी नुकसान उठाना पड़ सकता है।