home page

Court News - कार नहीं दे रही थी माइलेज, कोर्ट का खटखटाया दरवाजा, मिला लाखों का मुआवजा

कई लोग माइलेज के चक्कर में डीजल गाड़ियों को खरीदते हैं. लेकिन अगर तब भी उन्हें माइलेज पेट्रोल गाड़ी जैसा मिले, तो ग्राहक के पास परेशान होने के अलावा कोई रास्ता नहीं रह जाता. लेकिन ऐसे में एक ग्राहक ने कोर्ट का ही दरवाजा खटखटा दिया है। 

 | 

HR Breaking News, Digital Desk- माइलेज को लेकर कार कंपनियां कई बड़े दावें करती हैं. कोई कहता है उनकी गाड़ी 1 लीटर में 25KM चल जाएगी, तो कुछ का दावा 30-35KM का भी है. कई लोग माइलेज के चक्कर में डीजल गाड़ियों को खरीदते हैं. लेकिन अगर तब भी उन्हें माइलेज पेट्रोल गाड़ी जैसा मिले, तो ग्राहक के पास परेशान होने के अलावा कोई रास्ता नहीं रह जाता. हालांकि केरल के एक कार ग्राहक ने हिम्मत जुटाई और कोर्ट का दरवाजा खट-खटाया. उन्हें कंपनी के खिलाफ कानूनी लड़ाई में जीत हासिल हुई और कोर्ट ने 3 लाख मुआवजे का ऐलान किया है.

TOI Auto की रिपोर्ट के मुताबिक, केरल कंज्यूमर कोर्ट में एक शख्स ने Ford कंपनी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. शख्स का दावा था कि 2014 में ली गई उनकी Ford Classic Diesel कार उतना माइलेज नहीं दे रही है, जैसा कि विज्ञापन में दिखाया गया है. Ford का विज्ञापन कहा था कि इसका माइलेज 32 kmpl का है. जबकि जांच में पाया गया है कि Ford Classic डीजल कार दावे से 40% कम माइलेज दे रही थी. ऐसे में केरल उपभोक्ता अदालत ने कार मालिक को मुआवजे के रूप में 3 लाख रुपये देने का आदेश दिया.

कार कंपनी ने दी यह दलील-


वहीं, इस मामले में फोर्ड का कहना है कि कि गाड़ी का माइलेज कई चीजों पर निर्भर करता है, मसलन- सड़क का प्रकार, ड्राइविंग और यातायात की स्थिति. इसके अलावा, फोर्ड ने कहा कि कार का माइलेज थर्ड पार्टी (ARAI) निर्धारित करती है. जब कोर्ट की जांच टीम ने गाड़ी की टेस्टिंग की, तो पाया कि इसका माइलेज 19.6 kmpl का है. कोर्ट ने पाया कि वास्तविक माइलेज 32 किमी/लीटर के  आंकड़े से 40% कम था. 

कंज्यूमर कोर्ट ने कहा कि दावे किए गए माइलेज और वास्तविक माइलेज के बीच इतने बड़े अंतर को पचा पाना मुश्किल है. विरोधी पार्टी माइलेज क्लेम को लेकर शिकायतकर्ता के आरोपों का खंडन करने में बुरी तरह विफल रहे हैं. इसके अलावा अदालत ने कहा कि कार निर्माता, फोर्ड इंडिया और विक्रेता कैराली फोर्ड ने व्यापार के अनुचित तरीके को अपनाया, जिसके परिणामस्वरूप कार का माइलेज कम निकला.