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Gratuity New Rules: नए नियम ने कर दी कर्मचारियों की मौज, अब इस आधार पर मिलेगा ग्रेच्युटी का लाभ

नए लेबर कोड्स में कर्मचारियों को मिलने वाली ग्रेच्‍युटी को लेकर बड़ा बदलाव होने जा रहा है. नए नियमों के तहत ग्रेच्‍युटी के लिए नौकरी की बाध्‍यता को 5 साल से घटाकर 1 साल कर दिया जाएगा.

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Gratuity New Rules: नए नियम ने कर दी कर्मचारियों की मौज, अब इस आधार पर मिलेगा ग्रेच्युटी का लाभ 

HR Breaking News, Digital Desk- देश में श्रम सुधार (Labor Reform) के लिए केंद्र सरकार जल्‍द ही 4 नए लेबर कोड (New Labour Codes) लागू कर सकती है. इसको लेकर श्रम राज्यमंत्री रामेश्वर तेली ने लोकसभा में लिखित जानकारी दी है. नए लेबर कोड्स लागू होने के बाद कर्मचारियों की सैलरी, छुट्टी, प्रोविडेंट फंड और ग्रेच्युटी (Gratuity) में बदलाव आएगा. सरकार ग्रेच्युटी के लिए किसी संस्थान में 5 साल लगातार नौकरी की बाध्यता नहीं रहेगी. हालांकि, अभी सरकार की तरफ से इस पर औपचारिक ऐलान नहीं हुआ है. लेकिन, नए लेबर कानून लागू होते ही ये अमल में आ जाएगा.

 

 

कितनी मिलती है Gratuity?


ग्रेच्युटी को लेकर अभी तक जो नियम है, उसमें किसी भी संस्थान में 5 साल पूरे करने पर ग्रेच्युटी बनती है. 5 साल पूरा होने पर जिस दिन आप कंपनी छोड़ते हैं उस महीने में आपकी जितनी सैलरी होगी उसके आधार पर ग्रेच्युटी का कैलकुलेशन होता है. उदाहरण के तौर पर A ने एक कंपनी में 10 साल काम किया. आखिरी महीने में A के अकाउंट में 50 हजार रुपए आता है. उसमें उसकी बेसिक सैलरी 20 हजार रुपए है. 6 हजार रुपए उसका डियरनेस अलाउंस है. ग्रेच्युटी का कैलकुलेशन 26 हजार (बेसिक और डियरनेस अलाउंस) के आधार पर होगा. ग्रैच्युटी में वर्किंग डे 26 माने जाते हैं. अब 26 हजार को 26 से भाग दें. नतीजा 1000 रुपया निकला. अब इसे 15 दिन से गुणा करना है क्योंकि इसे एक साल में 15 दिन के हिसाब से जोड़ी जाती है. नतीजा 15000 आएगा. उसने 5 साल काम किया तो उसे कुल 75000 रुपए ग्रेच्युटी के रूप में मिलेंगे.


सोशल सिक्योरिटी बिल में है ग्रेच्युटी का जिक्र-


सोशल सिक्योरिटी बिल, 2020 के चैप्टर 5 में ग्रेच्युटी के नियम की जानकारी दी गई है. लंबे समय से एक ही कंपनी में काम करने वाले कर्मचारियों को वेतन, पेंशन और भविष्य निधि के अलावा ग्रेच्युटी भी दी जाती है. ग्रेच्युटी किसी कर्मचारी को कंपनी से मिलने वाला इनाम है. अगर कर्मचारी नौकरी की कुछ शर्तों को पूरा करता है, तो उसे निर्धारित फार्मूले के तहत गारंटी से ग्रेच्युटी का भुगतान किया जाता है. ग्रेच्युटी का एक छोटा हिस्सा कर्मचारी के वेतन से काट लिया जाता है, लेकिन बड़े हिस्से का भुगतान कंपनी करती है.

1 साल की नौकरी पर भी मिलेगी ग्रेच्युटी?


लोकसभा में दाखिल ड्राफ्ट कॉपी में दी गई जानकारी के मुताबिक, कोई भी कर्मचारी किसी जगह एक साल नौकरी करता है तो वह ग्रेच्‍युटी का हकदार हो जाएगा. सरकार ने फिक्स्ड टर्म कर्मचारियों यानी अनुबंध पर काम करने वालों के लिए यह व्यवस्था की है. अगर कोई व्यक्ति किसी कंपनी के साथ अनुबंध पर एक वर्ष की निश्चित अवधि के लिए काम करता है, तो भी उसे ग्रेच्युटी मिलेगी. अनुबंध पर काम करने वाले कर्मचारी को अब नियमित कर्मचारी की तरह सामाजिक सुरक्षा का अधिकार दिया जा रहा है. इसका फायदा संविदा कर्मचारियों के अलावा सीजनल इस्टैबलिशमेंट में काम करने वालों को भी मिलेगा.

Gratuity एक्ट 2020 से किसे मिलेगा फायदा?


Gratuity एक्ट 2020 का फायदा सिर्फ फिक्स्ड टर्म कर्मचारियों को मिलेगा. दूसरों के लिए भी पुराना नियम जारी रहेगा. फिलहाल, पांच साल की नौकरी पूरी होने पर हर साल 15 दिन के वेतन के आधार पर ग्रेच्युटी तय की जाती है. कंपनी की तरफ से कर्मचारियों को ग्रेच्युटी दी जाती है. इसकी अधिकतम सीमा 20 लाख रुपए है.