Himachal Pradesh election results 2022 : भाजपा और कांग्रेस में है कांटे की टक्कर, बहुत दिलचस्प होने वाला हिमाचल का चुनावी नतीजा
आज गुजरात और हिमाचल में चुने नतीजे आने वाले हैं , हिमाचल में भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर जारी है। आइये जानते हैं हिमाचल चुनावी नतीजे से जुडी कुछ बातें
HR Breaking News, New Delhi : हिमाचल प्रदेश के चुनाव के परिणामों के लेकर वोटों की गिनती जारी है. कांग्रेस और बीजेपी में कांटे की टक्कर दिख रही है. सुबह से ही कभी बीजेपी और कभी कांग्रेस आगे चल रही है. पहले यह साफ संकेत रहे हैं कि हिमाचल प्रदेश में सरकार बदलने का दस्तूर रहा है. यहां पर बीजेपी और कांग्रेस में सत्ता का हस्तांतरण होता रहा है.
10 बातों में समझिए अभी तक का पूरा चुनाव परिणाम
इस बार भी कांग्रेस को यही उम्मीद रही है और बीजेपी सत्ता बरकरार रखने के लिए लड़ाई लड़ी रही है. सुबह करीब 11.15 पर कांग्रेस पार्टी की बढ़त दिख रही है और चार बागी उम्मीदवार भी आगे चल रहे हैं. इन बागियों में बीजेपी के 3 और कांग्रेस का एक पूर्व नेता आगे चल रहा है.
ऐसे में कांग्रेस पार्टी को अपने नवनिर्वाचित होने वाले विधायकों के टूट का डर सताने लगा है. ऐसे में पार्टी ने केंद्र से कुछ नेताओं को हिमाचल प्रदेश भेज दिया है ताकि अपने चुने हुए विधायकों को छत्तीसगढ़ के रायपुर में भेजा जा सके. राज्य के 55 लाख वोटरों में 75 प्रतिशत लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था.
इस बार के चुनाव में दो बातें सबसे अहम हैं जिन पर लोगों की निगाहें टिकी हुई हैं. एक, क्या रिवाज टूटेगा. सत्ता बरकरार रहेगी. या फिर बागी पार्टियों के लिए मुसीबत बनने जा रहे हैं.
2017 के चुनाव में बीजेपी ने 68 में से 44 सीटों पर जीत दर्ज की थी. कांग्रेस को 21 सीटों पर संतोष करना पड़ा था. एक सीट सीपीआईएम को गई थी और दो निर्दलीय भी चुनाव जीते थे. इस चुनाव में प्रेम कुमार धूमल चुनाव हार गए थे और बीजेपी ने जयराम ठाकुर को सीएम बनाया था.
हिमाचल प्रदेश में 1985 के बाद से लगातार सरकार बदलती रही है. एक बार कांग्रेस और एक बार बीजेपी. इस बार पीएम नरेंद्र मोदी ने राज्य में जोरदार प्रचार किया और बीजेपी उम्मीद कर रही थी कि इस बार इस रिवाज को तोड़ा जाएगा. बीजेपी ने नारा दिया था कि राज नहीं, रिवाज बदलेगा. बीजेपी ने उत्तराखंड में ऐसा करके दिखाया था और वह आशावान रही है कि पार्टी प्रमुख जेपी नड्डा के गृहराज्य हिमाचल में वह ऐसा कर पाएगी.
वहीं कांग्रेस पार्टी को उम्मीद रही है कि इस बार भी हिमाचल के लोग रिवाज के हिसाब से उसे मौका देंगे और पार्टी ने प्रचार में दिग्गज नेताओं की ज्यादा रैलियां भी नहीं की. कांग्रेस पार्टी ने पिछले दो सालों में एक भी चुनाव नहीं जीता है. राजस्थान और छत्तीसगढ़ में ही कांग्रेस की सरकार बची है और दोनों ही राज्यों में 2023 में चुनाव होने हैं.
हिमाचल चुनाव में इस बार बागियों ने दोनों ही पार्टियों की स्थिति खराब रखी है. बीजेपी में 21 नेताओं ने बागी होकर चुनाव लड़ा है और बीजेपी अपने इन बागियों से संपर्क में है.
बीजेपी को पूरे राज्य में बागियों का सामना करना पड़ा. वहीं कांग्रेस पार्टी में दो दिग्गज नेताओं की आपसी लड़ाई पार्टी को नुकसान पहुंचा सकती है. राज्य में पार्टी के दिग्गत नेता और छह बार के सीएम वीरभद्र सिंह अब नहीं रहे. पिछले साल उनका देहांत हो गया. उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह जो सांसद भी हैं और राज्य में पार्टी प्रमुख भी हैं. उनके बेटे विक्रमादित्य सिंह भी इस बार चुनाव मैदान में हैं. वहीं पार्टी के सदन में विपक्ष नेता सुखविंदर सुक्खू और मुकेश अग्निहोत्रि भी दावेदार हैं.
आम आदमी पार्टी ने भी हिमाचल में पहले जोर लगाया क्योंकि पार्टी ने इस साल के आरंभ में पड़ोसी राज्य पंजाब में शानदार जीत दर्ज की थी. और बाद में पार्टी ने दिल्ली में एमसीडी चुनाव पर ज्यादा ध्यान दिया और गुजरात चुनाव में भी जोर लगाया.
हिमाचल प्रदेश में इस बार पुरानी पेंशन स्कीम सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा रही है. कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे पर चुनाव लड़ी है. इस राज्य में सरकारी नौकरी वाले ज्यादा लोग हैं.