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Income Tax Slab: आपकी भी 50 हजार सैलरी है तो जानिए नए या पुराने, किस टैक्स स्लैब से बचेगा टैक्स

अगर आपकी सैलरी भी 50 हजार रुपये है तो ये खबर आपको एक बार जरूर पढ़ लेनी चाहिए। दरअसल आज हम आपको अपनी इस खबर में ये बताने जा रहे है कि आप नए या पुराने किस टैक्स स्लैब से पैसे बचा सकते है। 

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Income Tax Slab: आपकी भी 50 हजार सैलरी है तो जानिए नए या पुराने, किस टैक्स स्लैब से बचेगा टैक्स

HR Breaking News, Digital Desk- 1 फरवरी को आम बजट पेश किया जाएगा. वित्त वर्ष 2022-23 अब खत्म होने को है. इस बार लोगों को उम्मीद है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पिटारे से इनकम टैक्स में छूट की सौगात निकलेगी. बजट में हर किसी की नजर टैक्स स्लैब पर ही रहती है.

देश में फिलहाल इनकम टैक्स के दो स्लैब हैं. इन दोनों में अलग-अलग प्रावधान हैं. अगर किसी की सैलरी 50 हजार है तो नए या पुराने टैक्स स्लैब पर कितना टैक्स कटेगा, आइए आपको इस बारे में बताते हैं.

टैक्स के दो स्लैब-

बात करें टैक्स स्लैब में बदलाव की तो बीते कुछ बजट सत्रों में लोगों के हाथों मायूसी ही लगी है. फिलहाल देश में दो टैक्स सिस्टम मौजूद हैं. पहले सिस्टम को ओल्ड टैक्स स्लैब कहा जाता है. टैक्सपेयर्स को राहत देने के मकसद से साल 2020 में सरकार नया टैक्स स्लैब लेकर आई थी, ताकि आईटीआर फाइलिंग में आसानी हो. इसके लिए नया सिस्टम भी शुरू किया गया था. हालांकि नया स्लैब लाने के बावजूद भी सरकार ने पुराना टैक्स स्लैब बरकरार रखा था.

50 हजार सैलरी पर ओल्ड सिस्टम से कितना टैक्स-

अगर मासिक तनख्वाह 50 हजार रुपये है और इनकम का कोई अन्य सोर्स नहीं है तो एनुअल इनकम 6 लाख रुपये होगी. अगर आप ओल्ड सिस्टम चुनते हैं तो इनकम टैक्स के सेक्शन 80सी (IT Act 80C) के तहत 1.5 लाख रुपये तक का डिडक्शन मिलता है. नौकरीपेशा लोगों को 50 हजार रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन का फायदा भी मिलता है. 

ओल्ड सिस्टम में 2.5 लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगता. 2.5 लाख से 5 लाख रुपये तक की इनकम पर 5 परसेंट टैक्स देना पड़ता है. मगर 12,500 रुपये की रिबेट के बाद यह जीरो हो जाता है. यानी इस स्लैब के हिसाब से 5 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा. 

5,00,000(आमदनी) - 5,00,000 (कुल टैक्स डिडक्शन)= 0 टैक्स  

नए टैक्स सिस्टम में 6 लाख की आय पर टैक्स कैसे बचेगा?


नए टैक्स सिस्टम में 2.50 लाख रुपये तक की इनकम तो टैक्स फ्री है लेकिन इसके बाद के 2.5 लाख पर 5 परसेंट के हिसाब से टैक्स लगेगा, जो 12,500 रुपये बैठता है. 6 लाख तक की सैलरी पर 24,400 रुपये का टैक्स बनता है. अगर आय 5 लाख रुपये से 1 लाख रुपये ज्यादा है तो वह एक लाख रुपये की रकम 10 परसेंट के ब्रैकेट में आएगी.

इस पर 10 हजार रुपये का टैक्स बनेगा. साथ ही कैलकुलेट किए गए टैक्स पर 4 परसेंट का सेस लगेगा. अगर 12,500 रुपये टैक्स है तो सेस होगा 900 रुपये.

6 लाख की इनकम कैसे होगी टैक्स फ्री?

80सी के तहत 1.5 लाख रुपये तक की छूट मिलती है. इसके लिए आप एनएससी, ईएलएसएस, पीपीएफ और ईपीएफ में इन्वेस्ट कर सकते हैं. इसके अलावा नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) में 50 हजार रुपये का इन्वेस्टमेंट करते हैं तो 80सीसीडी (1बी) के तहत अतिरिक्त 50 हजार रुपये की छूट मिलेगी. होम लोन वाले 2 लाख रुपये अलग से बचा सकते हैं. 

इनकम 6,00,000-1,50,000 (पीपीएफ, ईपीएफ)= 4,50,000
4,50,000-50,000 (एनपीएस)= 4,00,000
4,00,000-2,00,000 (होम लोन) = 2,00,000 (टैक्स फ्री)