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मेरी कहानी: पति को पत्नी पर दूसरे मर्दो के फिदा होने का लगा रहता था डर, नहीं करने देता था ये काम

शादीशुदा जीवन में एक दुसरे पर विश्वास होना बेहद जरूरी है ऐसे में आज की कहानी में कुछ अलग ही दिखाई दे रहा है। जहां पति को पत्नी पर दूसरे मर्देों के फिदा होने का डर सताता रहता था । जिसको लेकर पति पत्नी को कभी ये काम नहीं करने देता था। 
 
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HR Breaking News, डिजिटल डेस्क नई दिल्ली, सवाल: मैं एक विवाहित महिला हूं। मेरी शादी को ज्यादा समय नहीं हुआ है। मेरे साथी का चुनाव मेरे माता-पिता ने ही किया था, इसलिए यह पूरी तरह से एक अरेंज मैरिज है। हालांकि, मेरे वैवाहिक जीवन में किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन मेरे पति थोड़े रूढ़िवादी किस्म के हैं। दरअसल, मुझे छोटे कपड़े और मिडी स्कर्ट पहनना पसंद है जबकि उन्हें मेरे ऊपर ऐसे कपड़े अच्छे नहीं लगते हैं। हालांकि, शादी से पहले जब हम मिले थे, तो उन्होंने मुझसे कहा था कि मैं जिस भी ऑउटफिट में सहज हूं, उसे कभी भी पहन सकती हूं। उन्हें मेरे पहनावे से कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन शादी के बाद ऐसा नहीं हुआ।


ऐसा इसलिए क्योंकि शादी के कुछ ही महीनों बाद उन्होंने मेरी निगरानी करनी शुरू कर दी। उन्हें हर बार जानना होता है कि मैं क्या पहन रही हूं। इतना ही नहीं उन्होंने मेरी लाल लिपस्टिक लगाने की आदत भी छुड़वा दी। जब मैंने इस बारे में उनसे बात करनी चाही, तो उन्होंने कहा कि यह दूसरे मर्दों को घूरने के लिए आकर्षित करती है। वह मुझे भीनी खुशबू वाले परफ्यूम लगाने से भी रोकते हैं। मैं अपने बालों को भी ज्यादा देर खुला नहीं छोड़ सकती हूं। इन सब चीजों में मेरी सास भी उन्हीं का साथ देती हैं।


उन्हें भी मेरे अच्छे से तैयार होकर रहने से दिक्कत है जबकि वह खुद अभी तक लाल लिपस्टिक लगाती हैं। ऐसा नहीं है कि मैंने अपने पति से इस बारे में बात करने की कोशिश नहीं की, लेकिन वह हर बार मुझे बुरी तरह डांट देते हैं। मुझे समझ नहीं आ रहा है कि मैं करूं तो आखिर करूं क्या? 


एक्सपर्ट का जवाब
एआईआर इंस्टीट्यूट ऑफ रियलाइजेशन एंड एआईआर सेंटर ऑफ एनलाइटनमेंट के संस्थापक रवि कहते हैं कि शादी एक बहुत ही नाजुक रिश्ता है, जहां पति-पत्नी को हर समय एक-दूसरे का साथ देकर चलना पड़ता है। इस बंधन में न केवल बहुत तरह के एडजस्टमेंट्स शामिल होते हैं बल्कि कभी-कभार एक-दूसरे की पसंद-नापसंद को भी हमें अपनाना पड़ता है।

लेकिन जिन शादियों में प्यार से ज्यादा जगह एडजस्टमेंट्स लेने लगे, तो वहां दोनों भागीदारों का दम घुटने लगता है। आपकी शादी में मुझे कुछ ऐसा ही दिख रहा है। आपकी बातों से साफ पता चल रहा है कि आपकी शादी में प्रेम बिल्कुल भी नहीं है।


पति के विचारों को भी समझने की कोशिश करें
स्नेह-संचार, समझ और एक-दूसरे का सम्मान एक सफल विवाह की कुंजी है। शादी कभी भी मस्ती के लिए नहीं की जाती है। यह एक गंभीर प्रतिबद्धता है, जिसे जीवन भर सफल बनाने के लिए पति-पत्नी दोनों को ही हर संभव कोशिश करनी पड़ती है। मैं मानता हूं कि आपको अच्छे से तैयार होकर रहना पसंद है। लेकिन जीवन में लाल लिपस्टिक और फैंसी कपड़े ही सब कुछ नहीं है। हालांकि, इसमें मैं आपके पति का साथ भी नहीं दे रहा हूं। लेकिन एक बात का ख्याल रखें कि कपड़े व्यक्ति के जीवन का आइना होते हैं।

हो सकते हैं कि आप जिस परिवार से आती हों, वहां छोटे कपड़े पहनना एकदम आम हो जबकि आपके पति के घर में अभी ऐसा न हो। आप जो कुछ भी पहनना चाहती हैं, आप पहन सकती हैं, लेकिन तब जब आप अपने पति के साथ अकेले रह रही हों। ऐसा इसलिए क्योंकि मुझे लग रहा है कि आपके घर का वो माहौल नहीं है, जो आप लाना चाहती हैं।
अपने लिए स्टैंड लें


आपकी सभी बातों को ध्यान में रखते हुए मैं केवल आपसे इतना कहना चाहता हूं कि अपने लिए स्टैंड जरूर लें, लेकिन इस बात का भी ख्याल रखें कि इस एक वजह से आपके रिश्ते पर किसी भी तरह की कोई आंच नहीं आए। ऐसा इसलिए क्योंकि कभी-कभार छोटी-छोटी बातों की वजह से बड़े मुद्दे बन जाते हैं।

अगर आपके पति को आपका छोटे कपड़े पहनना पसंद नहीं है, तो आप उन्हें इस तरह मना सकती हैं कि जब आप उनके साथ कहीं जाएं, तो आप अपनी पसंद के कपड़े पहन लें। यही नहीं, आप उन्हें विनम्रता और दृढ़ता से अपनी पसंद बता सकती हैं। हालांकि, इस सब में कुछ समय लग सकता है। लेकिन मेरा यकीन मानिए धीरे-धीरे चीजें बेहतर हो जाएंगी।