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Old Pension Scheme : राज्यों में भी लागू नहीं होगी पुरानी पेंशन, जानिए बड़ा अपडेट

पुरानी पेंशन योजना को लेकर सरकार की ओर से एक बड़ा अपडेट सामने आ रहा है। जिसके तहत ये कहा जा रहा है कि राज्यों में लागू नहीं होगी पुरानी पेंशन योजना। आइए नीचे खबर में विस्तार से जानते है सरकार का नया अपडेट। 

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HR Breaking News, Digital Desk- राजस्थान में पुरानी पेंशन स्कीम लागू हो चुकी है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान में लागू पुरानी पेंशन योजना (OPS) को पूरे देश में लागू करने की मांग की।

हालांकि, देशभर को छोड़िए, क्या यह राजस्थान में भी सही से काम कर पाएगी? दरअसल यह सवाल तब उठता है जब नीति आयोग इसपर चिंता जताता है।

नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी ने कुछ राज्यों की तरफ से इस स्कीम को फिर से शुरू करने पर चिंता जताई है। अब जहां ये सवाल उठने लगा है कि क्या राजस्थान में पुरानी पेंशन योजना को बंद कर दिया जाएगा? वहीं, गहलोत ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पुरानी पेंशन योजना के विरुद्ध है।

NITI Aayog ने कहा क्या?


पुरानी पेंशन योजना के पुनरुद्धार से चिंतित, नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी ने कहा कि इस तरह के कदम से भविष्य के करदाताओं पर बोझ पड़ सकता है जब भारत को राजकोषीय विवेक पर ध्यान केंद्रित करने और निरंतर विकास को बढ़ावा देने की आवश्यकता है।

बेरी ने कहा कि वह कुछ राज्यों द्वारा पुरानी पेंशन योजना की ओर लौटने के फैसले को लेकर चिंतित हैं। मुझे लगता है कि यह अधिक चिंता का विषय है क्योंकि लागत भविष्य के करदाताओं और नागरिकों द्वारा वहन की जाएगी, वर्तमान में यह नहीं दिखेगी।

पुरानी पेंशन योजना के तहत सरकारी कर्मचारी की पूरी पेंशन राशि का भुगतान सरकार द्वारा किया जाता था। एनडीए सरकार ने 2003 में 1 अप्रैल 2004 से इस योजना को बंद कर दिया था।


इन राज्यों ने भी योजना शुरू करने की घोषणा की-


पंजाब, झारखंड और छत्तीसगढ़ सरकार ने भी ये स्कीम लागू करने की घोषणा कर दी है। जानकारी के मुताबिक राजस्थान में अगर पुरानी पेंशन योजना को लागू किया जाता है तो सालाना 41 हजार करोड़ का वित्तीय बोझ बढ़ेगा। जब गहलोत ने स्कीम लागू करने को कहा था तो वित्त मंत्रालय के तरफ से इसे वित्तीय अनुशासनहीनता करार दिया गया था।

दरअसल यहां सवाल यह ही है कि केंद्र सरकार ही पैसा नहीं देगी तो राज्य सरकार पैसा कहां से देगी? नीति आयोग ने इस फैसले को टैक्सपेयर्स के लिए मुसीबत बताया।