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हरियाणा में पंचायत चुनाव जल्द होने के बने आसार, आठ फरवरी को हाई कोर्ट करेगा सुनवाई

Haryana Panchayat Election हरियाणा में पंचायत चुनावों का करीब एक साल से इंतजार है। हरियाणा में पंचायत चुनाव कराने पर पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में सुनवाई 8 फरवरी को होगा। पहले हाई कोर्ट की साइट पर सुनवाई की तिथि 22 सितंबर दिख रही थी।
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Haryana Panchayat Elections 2022: हरियाणा में पंचायत चुनाव जल्दी होने के आसार बन गए हैं। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में अब इस मामले में सुनवाई आठ फरवरी को होगी। पहले हाईकोर्ट की साइट पर सुनवाई की अगली तारीख 22 सितंबर दर्शाई जा रही थी, जिस कारण पंचायत चुनाव को लेकर पूरे प्रदेश में भ्रम की स्थिति पैदा हो गई थी।

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22 सितंबर की तारीख लगने के कारण हरियाणा सरकार ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर करने तथा जल्द सुनवाई कराने का अनुरोध करने का निर्णय लिया था।


पहले 22 सितंबर को सुनवाई की तारीख की वजह से बढ़ रहा था असमंजस

शुक्रवार को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट पर पंचायत चुनाव पर सुनवाई संबंधी केस आठ फरवरी को दर्शाया गया है, जिससे अब जल्द सुनवाई की उम्मीद बंध गई है। राज्य में पिछले साल फरवरी माह में पंचायतों का कार्यकाल पूरा हो गया था, जिसे अब एक साल बीत गया है। पंचायतों के चुनाव नहीं होने की वजह से गांवों में पार्टीबाजी बढ़ रही है।


गांवों के विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं और वहां प्रशासक लगे होने की वजह से अधिकारियों की मनमानी भी चल रही है। पंचायत चुनाव लड़ने के इच्छुक लोगों की यहां तक दलील है कि गांव में लोगों को अपने पक्ष में जोड़ने के लिए उनका ऐसा खर्चा भी बढ़ता जा रहा है, जिसका कहीं कोई रिकार्ड नहीं रखा जा सकता।

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गांवों में एक साल से पंचायत चुनाव का इंतजार कर रहे चुनाव लड़ने के दावेदार


हरियाणा सरकार ने पंचायतों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण का प्रविधान किया है। पिछड़ा वर्ग के लिए आठ प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था है, जिसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। इसी वजह से पंचायत चुनाव में देरी हो रही है। हरियाणा सरकार ने हालांकि पहले मन बना लिया था कि आरक्षण व्यवस्था खत्म कर जल्द ही चुनाव कराए जाएं,

लेकिन बाद में किसान संगठनों के आंदोलन के चलते सरकार ने अपने फैसले के पक्ष में हाईकोर्ट में मजबूती से लड़ाई लड़ने का मन बनाया, जिसके बाद हाई कोर्ट में सुनवाई चलती जा रही है। इससे चुनाव लड़ने के दावेदारों में बेचैनी बढ़ रही है।