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Pollution in Weather : पहले के मुकाबले 10 गुना ज्यादा दूषित हुई इस जगह की हवा, लोगो का साँस लेना भी हुआ मुश्किल

दिवाली के समय लोग जमकर पटाखे फोड़ते हैं जिससे वातावरण पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है क्योंकि पटाखों से निकलने वाली ज़हरीले हवा, वातावरण में मिल; जाती यही जिससे सांस लेने में भी बहुत दिक्कत होती है और दिवाली के बाद तो इस जगह की हवा पहले के मुकाबले 10 गुना ज्यादा दूषित हो गयी।  आइये जानते है केसा है यहां  का हाल 

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HR Breaking News, New Delhi :  देश की राजधानी दिल्ली की जहरीली हवा लोगों का दम घोंट रही है। दिवाली के मौके पर प्रतिबंध के बावजूद लोगों ने जमकर आतिबाजी की। इसके अलावा पराली जलने और मौसम की अन्य वजहों से दिल्ली—एनसीआर में वायु प्रदूषण बढ़ गया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार मंगलवार की सुबह दिल्ली के आईटीओ में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 'बहुत खराब' श्रेणी में 332 दर्ज किया गया है। दिवाली की रात 12 बजे दिल्ली का AQI 323 रिकॉर्ड किया है। वहीं, यूपी के नोएडा का इससे भी बुरा हाल है, यहां AQI 342 दर्ज किया गया। कई लोगों ने पटाखों के धुएं के कारण आंखों में जलन होने की शिकायत की।

कई इलाकों में सामान्य से 10 गुना ज़्यादा प्रदूषित हवा


दिल्ली में प्रदूषण को लेकर जिस बात का डर था वहीं हुआ। दीपावली के त्योहार पर पटाखे फूटने के साथ-साथ पराली जलने और मौसम की अन्य वजहों से दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण बढ़ गया है। दिल्ली प्रदूषण कंट्रोल कमिटी के रियल टाइम डेटा के मुताबिक, दिल्ली के जहांगीरपुरी में सामान्य से 10 गुना ज़्यादा प्रदूषित हवा हो गई है। दिल्ली और एनसीआर में दिवाली की सुबह से ही वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एयर क्वालिटी इंडेक्स 'बेहद खराब' श्रेणी में है।


नोएडा—गुरुग्राम में AQI 300 के ऊपर


आनंद विहार में एक्यूआई 'बहुत खराब' श्रेणी में 363 दर्ज किया गया है, जबकि नोएडा में 'बहुत खराब' श्रेणी में 337 और गुरुग्राम में भी 'बहुत खराब' श्रेणी में 338 रिकॉर्ड किया है। बता दें कि एक्यूआई को शून्य और 50 के बीच 'अच्छा', 51 और 100 के बीच 'संतोषजनक' माना जाता है। वहीं, 101 और 200 के बीच 'मध्यम', 201 और 300 के बीच 'खराब', 301 और 400 के बीच 'बहुत खराब' और 401 और 500 के बीच 'गंभीर' श्रेणी में आता है।

बैन के बाजवूद दिल्ली के कई इलाकों में आतिशबाजी


दिल्ली और आसपास के इलाकों में दिल्ली से पहले ही आतिबाजी पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बाद भी लोगों ने शाम होते ही दक्षिण से लेकर उत्तर पूर्वी और उत्तर पश्चिम दिल्ली समेत शहर के विभिन्न इलाकों में लोगों ने आतिशबाज़ी शुरू कर दी। विशेषज्ञों ने इस बात की आशंका जताई थी कि अगर इस साल फिर से ज्यादा पटाखे फोड़े गए तो वायु गुणवत्ता और खराब हो सकती है।