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Relationship Trip: अपने पार्टनर पर ब्लेम डालने से पहले जान ले ये बात, रिश्ते बचाने में मददगार होगी साबित

रिश्ता चाहे कोई भी हो, हर रिश्ता विश्वास और प्यार पर टिका होता है। तब रिश्तों में प्यार और विश्वास की जगह शक ले लेता है तो रिश्ते अक्सर टूट जाया करते हैं। आइए आज हम आपको इस खबर के माध्यम से बताते है कि किन कारणों से अक्सर रिश्ते टूट जाया करते हैं।
 
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HR Breaking News, Digital Desk- सम्पूर्ण या परफेक्ट कोई नहीं होता। हर एक इंसान में कुछ न कुछ कमी होती ही है। महत्वपूर्ण यह है कि कोई व्यक्ति अपनी कमियों को सुधारने का प्रयास करता है या नहीं। दाम्पत्य जीवन में दो लोग साथ रहने के लिए एक-दूसरे से जुड़ते हैं। चाहे अरेंज्ड मैरिज हो या लव मैरिज, किसी को भी पूरी तरह जान लेना सम्भव नहीं है।

रात-दिन साथ में रहने पर ही किसी भी व्यक्ति की खामियां या कमजोरियां सामने आती हैं। यह कमियां यदि व्यवहारगत हैं तो इन्हें सुधारने का प्रयास किया जा सकता है। लेकिन यदि सुधारने या सामंजस्य बैठाने की बजाय कोई व्यक्ति अपने जीवनसाथी पर सिर्फ पूरे समय दोषारोपण ही करता रहे तो रिश्ते ज्यादा दिन नहीं टिकते।


कई दम्पत्तियों के बीच ऐसा होता है कि वे हर काम के लिए अपने जीवनसाथी को दोष देने लगते हैं। कई बार इसे किस्मत से जोड़ते हैं तो कभी सामने वाले की किसी कमी से। जबकि जरूरी यह है कि स्थिति को समझकर उसके समाधान को ढूँढा जाए। अन्यथा घर के माहौल के साथ साथ जीवन भी अशांत ही बना रहता है। 


बिना विचारे ब्लेम करना-

अपने आस पास ही ऐसे कई दम्पत्ति आपको दिखाई दे जायेंगे जो कभी मजाक में, कभी कटाक्ष में तो कभी गुस्से या चिढ़ में अपने जीवनसाथी पर किसी भी घटना का ब्लेम डालने यानी उस घटना के लिए उसे दोषी ठहराने में देर नहीं करते। यहाँ तक कि टिफिन देने में देर होने से लेकर दफ्तर से आने में देर हो जाने तक जैसी बातों के लिए तुरंत बिना विचारे पति या पत्नी को दोषी ठहरा दिया जाता है।

यह चीज धीरे धीरे आदत में शामिल होने लगती है और इसकी वजह से घर में कलह, कलेश का माहौल बनने लगता है। ब्लेम करने वाला व्यक्ति सामने वाले की सारी अच्छाइयों को भूलकर सिर्फ बुराइयां देखने लगता है और आगे जाकर उसकी उपस्थिति को बर्दाश्त करना भी उसके बस से बाहर होने लगता है। यह रिश्तों के टूटने की वजह बन जाता है।


छोटी बड़ी बातें- 

'मुझे मालूम था, तुम ये कागज संभाल कर रख ही नहीं पाओगी। आदत जो है चीजों को इधर-उधर रखने की।' 'तुम कल बाहर से खाकर आये इसलिए खाना बच गया और मुझे फेंकना पड़ रहा है। कितना नुकसान होता है जानते हो।' 'तुम्हारी ही छूट का नतीजा है कि बच्चों के नंबर कम आये हैं, दिनभर खुद भी फोन में लगी रहती हो, बच्चों को भी नहीं टोकती।' 'और हंस हंस कर बात करो पड़ोसियों से, बहुत सोशल होने की लत है न। अब देख लो तुम्हारी वजह से अपने डॉग्स छुट्टी के दिन हमारे भरोसे छोड़ गए।

पूरी छुट्टी बर्बाद।' ये या ऐसी कई बातें हैं जो बहुत सामान्य हैं और थोड़ी शांति से सोचा जाए तो इनका हल निकाला जा सकता है, लेकिन जब एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति पर सिर्फ दोषारोपण करने लगता है तो वह सिर्फ समस्या में अटक कर रह जाता है, समाधान के बारे में सोचता भी नहीं। 

ऐसे करें समाधान-

किसी भी समस्या या स्थिति का समाधान हो सकता है यदि शांति से उसके बारे में सोचा जाए तो। इसलिए यदि आपके पति या पत्नी कोई गलती कर रहे हैं या फिर किसी काम को ठीक से नहीं कर पा रहे हैं तो उसके समाधान के बारे में सोचें, बजाय सिर्फ उन्हें दोषी ठहराने के। इसके लिए कुछ बातों को ध्यान में रखें-
 


सबसे पहली चीज है स्वीकारना। आपके पति या पत्नी अपने काम को लेकर पूरी तरह समर्पित हैं, उन्हें घर में गंदगी का रहना पसंद नहीं, उनका टाइम मैनेजमेंट हमेशा गड़बड़ रहता है, वे दिखने या प्रेजेंटेशन में औसत हैं या उनकी कोई आदत अच्छी नहीं।


इन सब बातों के बावजूद अगर वे एक अच्छे इंसान हैं, किसी को धोखा नहीं देते, आपका सहयोग करते हैं और सबसे बढ़कर अपनी गलती मान लेते हैं, तो उन्हें इसी तरह स्वीकारिये। इससे आपको उन्हें सही तरीका बताने और उन्हें उस तरीके को अपनाने की ऊर्जा मिलेगी। 


धैर्य से जानें वजह- 

इसी तरह सामने वाले की भावनाओं को भी स्वीकारें और उनका सम्मान करें। उदाहरण के लिए यदि आपके पति या पत्नी को अपने काम को लेकर पूरी तरह समर्पित रहना पसंद है और इसकी वजह से वे अक्सर घर या किसी अवसर पर पहुंचने में लेट हो जाते हैं, तो उन्हें इसके लिए दोष देने की बजाय बीच का हल निकालें।

जैसे हफ्ते के एक दिन या किसी जरूरी अवसर पर उन्हें आपके साथ होना है इसके लिए हफ्ते की शुरुआत में ही प्लानिंग करें कि किस तरह वे अपने काम को पूरा करते हुए यह कर सकते हैं। यदि इसके बावजूद किसी बड़े कारण से वे नहीं आ पाते तो उनसे शांति से कारण पूछें और उसे समझने की कोशिश करें। यदि कारण आपको जायज नहीं लगता तो भी धैर्य के साथ उन्हें बताएं। 


कभी भी गुस्से, चिढ़, खीज, बदतमीजी से किसी को उसकी कमी या गलती न बताएं। इससे बात बनने की बजाय और बिगड़ सकती है। पहली-दूसरी बार कोई गलती होने पर सबसे पहले कॉफी या चाय के कप के साथ शांति से बैठें और पति/पत्नी को ये बताएं कि उनकी फलां आदत आप दोनों के लिए या घर के लिए ठीक नहीं है। इसे सुधारने के लिए दोनों को मिलकर उपाय खोजना पड़ेगा। 


खूबियों पर ध्यान दें -

सामने वाले की खूबियों को देखने की आदत डालें। उदाहरण के लिए आपके पति/पत्नी पूरे समय आपकी हेल्थ को लेकर सजग रहते हैं, घर के कामों में पूरी जिम्मेदारी से हाथ बंटाते हैं, कोई भी महत्वपूर्ण अवसर मिस नहीं करते और सबसे बड़ी बात, मुश्किल के समय में आपका संबल बनकर खड़े रहते हैं लेकिन कई बार वे घर की चीजों का मैनजमेंट ठीक से नहीं कर पाते तो उन्हें समझिए।

उनकी अच्छाइयों पर फोकस करते हुए उन्हें मैनेजमेंट को सुचारू बनाने के लिए प्रेरित कीजिये। जब वे अपने अच्छे काम की तारीफ पाएंगे और किसी आदत को सुधारने के लिए आपका सहयोग भी, तो अपने आप उनका मैनजमेंट ठीक होता चला जायेगा। 

कभी भी दूसरों के सामने अपने पति/पत्नी पर ब्लेम डालना न शुरू कर दें। इससे आपके पति/पत्नी के स्वाभिमान को तो ठेस पहुंचेगी ही, लोग आप दोनों का मजाक ही बनाएंगे। इसी तरह बच्चों के सामने भी दोषारोपण करने से बचें। वरना यह बच्चों की भी आदत में आ जाएगा और वे भी अपने पिता या माँ को उसी तरह ट्रीट करना शुरू कर देंगे जैसे आप करते हैं।

इसलिए यदि आपको कोई कमी या आदत सुधारनी ही है तो अकेले में बात करें और यह भरोसा दिलाएं कि इस काम में आप अपने पति/पत्नी की मदद करेंगे। 


प्रेम और विश्वास को बनाएं आधार 

आपसी प्रेम और विश्वास बड़ी से बड़ी बाधा को पार करने में मदद कर सकता है। अपने पति/पत्नी को यह विश्वास दिलाएं कि आप उनसे बेहद प्यार करते हैं और उनके भले के लिए कोई एक आदत सुधारने की बात कह रहे हैं। यह भी विश्वास दिलाएं कि इस काम में आप हमेशा उनकी मदद करेंगे और हमेशा साथ रहेंगे। ऐसा कई दम्पत्तियों के बीच होता है कि धैर्य और प्रेम से दोनों एक-दूसरे की कमियों और आदतों को सुधार लेते हैं और मिलकर हर मुश्किल का समाधान ढूंढते हैं। यही रिश्तों के अटूट बने रहने की वजह सभी बनता है।