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Toll Plaza - वाहन चालकों का अधिकार, सिर्फ इतने सेकेंड के बाद बिना टोल दिए निकालें गाड़ी

वाहन चालकों के लिए इस खबर को जानना बेहद जरूरी है। दरअसल आज हम आपको अपनी इस खबर में आपके कुछ खास अधिकार के बारे में बताने जा रहे है। दरअसल अब आपको टोल प्लाजा पर अगर 10 सेकंड से ज्यादा इंतजार करना पड़ा तो वाहन चालक को टोल टैक्स नहीं देना पड़ेगा. 

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Toll Plaza - वाहन चालकों का अधिकार, सिर्फ इतने सेकेंड के बाद बिना टोल दिए निकालें गाड़ी

HR Breaking News, Digital Desk- वाहन चालकों को ये खबर पढ़कर बेहद खुशी मिलेगी. दरअसल,अब टोल प्लाजा पर अगर 10 सेकंड से ज्यादा इंतजार करना पड़ा तो वाहन चालक को टोल टैक्स नहीं देना पड़ेगा. वाहनों चालकों के लिए टोल को और सुविधाजनक बनाते हुए NHAI ने घोषणा की है. इसके मुताबिक, टोल प्लाजा पर अगर लाइन 100 मीटर से ज्यादा लंबी है तो वाहन मालिकों को टोल टैक्स नहीं देना होगा.  

नए नियमों को लागू करने के लिए टोल कलेक्शन पॉइंट्स पर भी पीली लाइनें खींची जाएंगी, टोल ठेकेदार को निर्देश दिया जाएगा कि अगर ट्रैफिक पीली लाइन से आगे जाता है तो वाहन चालकों के लिए टोल माफ कर दिया जाए. राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण का कहना है कि फास्टैग अनिवार्य होने के बाद ज्यादातर टोल प्लाजा में वाहनों को इंतजार नहीं करना पड़ता है जिसके चलते 100 मीटर की लंबी लाइनें नहीं लगती.

 

NHAI का कहना है कि फास्टैग (FASTag) को अनिवार्य किए जाने के बाद से अधिकतर टोल प्लाजा के ऊपर वेटिंग टाइम नहीं के बराबर है. नई गाइडलाइन में यह भी सुनिश्चित करने को कहा गया है कि किसी भी टोल प्लाजा पर गाड़ियों की लाइन 100 मीटर से अधिक नहीं होनी चाहिए. अगर गाड़ियों की लाइन 100 मीटर से अधिक होती है तो सभी गाड़ियों को बगैर टोल का भुगतान किए जाने की अनुमति होगी.

हालांकि यह टोल पर फ्री में जाने का मौका तभी मिलेगा जब टोल प्लाजा से वाहन की कतार वापस 100 मीटर के भीतर नहीं आ जाती है. एनएचएआई का कहना है कि सभी टोल प्लाजा पर 100 मीटर की दूरी की जानकारी के लिए पीले रंग की लकीर बनाई जाएगी.

NHAI के मुताबिक मौजूदा समय में फास्टैग (FASTag) के जरिए टोल प्लाजा पर करीब 96 फीसदी भुगतान हो रहा है. इलेक्ट्रॉनिक माध्यम के जरिए टोल कलेक्शन को देखते हुए अगले 10 साल में टोल प्लाजा के निर्माण पर जोर दिया जाएगा. एनएचएआई का कहना है कि फास्टैग का इस्तेमाल बढ़ने की वजह से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी आसानी से हो रहा है. दरअसल, इलेक्ट्रॉनिक मोड से टोल कलेक्शन की वजह से टोल संचालक और वाहन चालक एक दूसरे के संपर्क में नहीं आते हैं.