हरियाणा के छोरे ने किया कमाल, अमेरिका ब्रिटेन की तर्ज पर बना रहा फ्यूचर एआइ रोबोट
सिरसा के गांव चोरमारखेड़ा निवासी खेत मजदूर वीरा राम के 17 वर्षीय बेटे मुखपाल ने अमेरिका-ब्रिटेन के पेटर्न पर फ्यूचर एआइ (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) रोबोट तकनीक विकसित करके सबको हैरत में डाल दिया है। इसके सहारे हम बैठे-बैठाए इलेक्ट्रानिक्स डिवाइस जैसे फ्रिज या पंखा आन-आफ कर सकते हैं। एप के जरिए मोबाइल हैक करके उसका आइपी एड्रेस, लोकेशन का पता लगाया जा सकता है।
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पहले बना चुका है ये रोबोट
मोबाइल नंबर के लिए जो आधार कार्ड दिया होगा, एप पर वह भी प्रदर्शित होगा। छात्र का दावा है कि वाट्सएप काल तक ट्रेस की जा सकती है। मुखपाल का एआइ रोबोट पुलिस के लिए मददगार साबित हो सकता है। चूंकि हार्ड कोर क्रिमिनल या गैंगस्टर वाट्सएप कालिंग करते हैं। यही नहीं अगर मोबाइल लाक करके भूल गए हैं तो इस छात्र का रोबोट कुछ ही देर में उसे अनलाक कर देगा।
मुखपाल मिठड़ी गांव के सरकारी स्कूल में 11वीं कक्षा के विज्ञान संकाय का छात्र है। 14 साल की उम्र में वह एआइ रोबोट तकनीक पर कार्य कर रहा है। इससे पूर्व वह हैकिंग टिप्स, बच्चों के लिए क्रिएटिव राकेट लांचर, लेक्सा जैसे रोबोट बना चुका है।
आरोही स्कूल से मिला ज्ञान
मुखपाल पहली से आठवीं गांव के सरकारी स्कूल में पढ़ा है। नौवीं में आरोही माडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल जलालआना में दाखिला हुआ। वहां एआइ का पाठ्यक्रम था। स्क्रीनिंग हुई तो वह दूसरे नंबर पर आया। एआइ अध्यापक ने उसे पढ़ाना शुरू किया। रुचि बढ़ती गई।
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फिर मोबाइल पर को¨डग सीखने और करने लगा। एक दिन में 500 से 600 पेज लिखने लगा। हालात ऐसे थे कि मोबाइल बंद हो जाता, तो पुन: मेहनत करनी पड़ती थी।
मामा की प्राबल्म हल की तो मिला लैपटाप
नौवीं में था तो पता चला कि तलवंडी साबो (बठिंडा) निवासी मामा बूटा सिंह को कोई व्यक्ति फेसबुक पर परेशान करता है। सिविल इंजीनियर मामा ने प्रोब्लम को भांजे के आगे रखा। मुखपाल ने आरोपित की फेसबुक आइडी हैक करके उसका मोबाइल नंबर पता लगा लिया। उसे काल करके साइबर अपराध के बारे में चेताया।
परेशानी का अंत हुआ तो मामा ने भानजे को गिफ्ट में लैपटाप दिया। अब लैपटाप के सहारे वह एआइ रोबोट बनाने में जुटा हुआ है। वह एक साफ्टवेयर डिवेल्प कर रहा है।
मिठड़ी के सरकारी स्कूल में 11वीं में पढ़ता है चोरमारखेड़ा गांव का रहने वाला मुखपाल
हम तीन बहन-भाई हैं। मैं सबसे बड़ा हूं। मेरी बहन 10वीं में पढ़ती है, सबसे छोटा भाई आठवीं का छात्र है। मुङो बचपन से इलेक्ट्रानिक्स में क्रेज था। आरोही में को डग सीखने को मिली तो रुचि बढ़ने लगी।
अमेरिका आज बिना चालक के चलने वाली कार बना रहा है, तो वहीं ब्रिटिश भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में काम कर रहे हैं। फिर हम क्यों पीछे रहे। मैं भी एक साफ्टवेयर डिवेल्प कर रहा हूं। मेरा सपना है कि मैं हमेशा सीखता रहूं। मुङो पता है कि भविष्य में दुनिया एआइ से ही चलेगी।
---- मुखपाल, छात्र, सरकारी स्कूल मिठड़ी।