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भारत के इतिहास में पहली बार ये सजा : 38 लोगों को एक साथ फांसी, अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट के 49 गुनहगारों को को कोर्ट ने सुनाई सजा

अहमदाबाद। दिन शुक्रवार, तारीख 18 फरवरी 2022, समय सुबह के 11.30 बजे... ये वो वक्त रहा जब अदालत ने 13 साल तक आतंक से मिले जख्मों का दर्द सहने वाले अहमदाबाद को इंसाफ दिया। इंसाफ उन लोगों व उनके परिवारों को जिन 56 लोगों ने 2008 में हुए अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट में जान गंवाई थी। आज विशेष अदालत ने धमाकों के 49 गुनहगारों को सजा दी। 38 के लिए सजा-ए-मौत मुकर्रर की गई है। 11 ताउम्र कैद में रहेंगे।

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This punishment for the first time in the history of India: 38 people hanged together, the court sentenced 49 accused of Ahmedabad serial blasts

फैसला ऐतिहासिक है, क्योंकि देश के इतिहास में पहली बार एक साथ 38 लोगों को फांसी की सजा सुनाई गई है। इससे पहले केवल राजीव गांधी हत्याकांड ही था, जिसमें एकसाथ 26 लोगों को सजा सुनाई गई थी।

78 में से 29 बरी और एक सरकारी गवाह बना
8 फरवरी को सिटी सिविल कोर्ट ने 78 में से 49 आरोपियों को UAPA (गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम) के तहत दोषी करार दिया था। इनमें से एक दोषी अयाज सैयद को जांच में मदद करने के लिए बरी किया जा चुका है। 29 आरोपी सबूतों के अभाव में बरी हो चुके हैं। फैसले के वक्त कोर्ट ने धमाकों में मारे गए लोगों के परिजनों को एक लाख, गंभीर घायलों को 50 हजार और मामूली घायलों को 25 हजार रुपए की सहायता देने का भी आदेश दिया।

अहमदाबाद ब्लास्ट

 

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70 मिनट में हुए थे 21 धमाके
26 जुलाई 2008, यही वह दिन था जब 70 मिनट के दौरान 21 बम धमाकों ने अहमदाबाद की रूह को हिलाकर रख दिया। शहर भर में हुए इन धमाकों में कम से कम 56 लोगों की जान गई, जबकि 200 लोग घायल हुए थी। धमाकों की जांच-पड़ताल कई साल चली और करीब 80 आरोपियों पर मुकदमा चला। पुलिस ने अहमदाबाद में 20 प्राथमिकी दर्ज की थीं, जबकि सूरत में 15 अन्य प्राथमिकी दर्ज की गई थीं, जहां विभिन्न स्थानों से भी जिंदा बम बरामद किए गए थे।

नहीं फट पाए थे 29 बम
ब्लास्ट के बाद गुजरात की सूरत पुलिस ने 28 जुलाई और 31 जुलाई 2008 के बीच शहर के अलग-अलग इलाकों से 29 बम बरामद किए थे, जिनमें से 17 वराछा इलाके के और अन्य कतारगाम, महिधरपुरा और उमरा इलाके के थे। जांच में पता चला कि गलत सर्किट और डेटोनेटर की वजह से इन बमों में विस्फोट नहीं हो पाया था।

गोधरा कांड के जवाब में किए गए थे ब्लास्ट
ये ब्लास्ट आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन (IM) और बैन किए गए स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI) से जुड़े लोगों ने किए थे। विस्फोट से कुछ मिनट पहले, टेलीविजन चैनलों और मीडिया को एक ई-मेल मिला था, जिसे कथित तौर पर 'इंडियन मुजाहिदीन' ने धमाकों की चेतावनी दी थी। पुलिस का मानना था कि IM के आतंकियों ने 2002 में गोधरा कांड के बाद हुए दंगों के जवाब में ये धमाके किए। इस मामले के एक अन्य आरोपी यासिन भटकल पर पुलिस नए सिरे से केस चलाने की तैयारी में है।

DGP आशीष भाटिया के नेतृत्व में बनाई गई थी स्पेशल टीम
गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के आदेश पर JCP क्राइम के नेतृत्व में अहमदाबाद क्राइम ब्रांच की एक विशेष टीम का गठन किया गया था। DGP आशीष भाटिया ने इस टीम को लीड किया। वहीं, इस टीम में अभय चुडास्मा (DCP क्राइम) और हिमांशु शुक्ला (ASP हिम्मतनगर) ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मामलों की जांच तत्कालीन DSP राजेंद्र असारी, मयूर चावड़ा, उषा राडा और वीआर टोलिया को सौंपी गई थी। अहमदाबाद क्राइम ब्रांच की इस विशेष टीम ने 19 दिनों में मामले का पर्दाफाश किया था और 15 अगस्त 2008 को गिरफ्तारी का पहला सेट बनाया था।

78 आरोपियों के खिलाफ मुकदमे की हुई थी शुरुआत
अदालत की ओर से सभी 35 FIR को एक साथ जोड़ देने के बाद दिसंबर 2009 में 78 आरोपियों के खिलाफ मुकदमे की शुरुआत हुई थी। इनमें से एक आरोपी बाद में सरकारी गवाह बन गया था। मामले में बाद में चार और आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गया था, लेकिन उनका मुकदमा अभी तक शुरू नहीं हो पाया है। मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन ने 1100 गवाहों का परीक्षण किया। सरकारी वकीलों में एचएम ध्रुव, सुधीर ब्रह्मभट्ट, अमित पटेल और मितेश अमीन, जबकि बचाव पक्ष से एमएम शेख और खालिद शेख आदि शामिल रहे।

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19 दिन में पकड़े गए 30 आतंकी
स्पेशल टीम ने महज 19 दिनों में 30 आतंकियों को पकड़कर जेल भेज दिया था। इसके बाद बाकी आतंकी देश के अलग-अलग शहरों से पकड़े जाते रहे। अहमदाबाद में हुए धमाकों से पहले इंडियन मुजाहिदीन की इसी टीम ने जयपुर और वाराणसी में भी धमाकों को अंजाम दिया था। देश के कई राज्यों की पुलिस इन्हें पकड़ने में लगी हुई थी, लेकिन ये एक के बाद एक ब्लास्ट करते चले गए। अहमदाबाद धमाकों के दूसरे दिन, यानी 27 जुलाई को सूरत में भी सीरियल ब्लास्ट की कोशिश की गई थी, लेकिन टाइमर में गड़बड़ी की वजह से ये फट नहीं पाए थे।

अभी भी 8 की तलाश जारी
इस मामले में सूरत में 15 और अहमदाबाद में 20 शिकायतें दर्ज की गई थीं। देश के अलग-अलग शहरों से कुल 78 लोगों को अरेस्ट किया गया था। ब्लास्ट में शामिल आठ अन्य आरोपियों की तलाश अभ भी जारी है। सीरियल बलास्ट का मास्टर माइंड यासीन भटकल दिल्ली की जेल में, जबकि अब्दुल सुभान उर्फ तौकीर कोचीन की जेल में बंद है।

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