NCR की तर्ज पर विश्वस्तरीय कंपनी बनाएगी USCR, डीपीआर बनाने को लेकर काम शुरू

HR Breaking News, डिजिटल डेस्क नई दिल्ली,सीएम योगी आदित्यनाथ की नेशनल कैपिटल रीजन (एनसीआर) के तर्ज पर उत्तर प्रदेश स्टेट कैपिटल रीजन (यूपीएससीआर) बनाने की घोषणा के बाद कार्य योजना बनाने की दिशा में काम तेजी से शुरू कर दिया गया है। विश्व स्तरीय कंपनी इसके लिए डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करेगी।
मेट्रो सेवाओं का विस्तार होगा
मुख्यमंत्री ने निकट भविष्य की जरूरतों को देखते हुए एससीआर की कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं। इसमें विश्व स्तरीय सुविधाएं लोगों को मिलेंगी। इसीलिए डीपीआर तैयार करने के लिए ऐसी कंपनी के चयन करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय टेंडर निकाला जाएगा। एससीआर के दायरे में आने वाले सभी जिलों के सुनियोजित और सुव्यवस्थित विकास होगा। सभी जिलों में समान रूप से निवेश को बढ़ावा दिया जाएगा। रोड कनेक्टिविटी बेहतर करने के लिए जिले इंटर कनेक्ट होंगे। इससे सभी शहरों से आवागमन आसान होगा। इंफ्रास्ट्रक्चर, रोड और मेट्रो सेवाओं को भी विस्तार किया जाएगा।
सभी जिलों में एक समान होगा निवेश
एससीआर के जिलों में सुनियोजित विकास के लिए रोडमैप तैयार किया जाएगा। निवेश को बढ़ावा देने के लिए नए औद्योगिक क्षेत्र भी गठित होंगे। इससे औद्योगिक विकास को पंख लगेंगे। मुख्यमंत्री के एक ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी के लक्ष्य को पाने में एससीआर बड़ी भूमिका निभाएगा। सभी जिलों में समान रूप से निवेश को बढ़ावा दिया जाएगा, ताकि किसी एक शहर पर बोझ न पड़े, बल्कि सर्वसमावेशी विकास हो। इसके लिए सरकार अलग से बजट आवंटित कर सकती है। इसके लिए महत्वपूर्ण फैसले मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनने वाले उच्चाधिकार समिति यानी एचपीसी करेगी।
जल्द शुरू होगा सर्वे
आवास विभाग ने छह जिलों लखनऊ, उन्नाव, रायबरेली, बाराबंकी, कानपुर नगर व कानपुर देहात को एससीआर के दायरे में लाने का प्रस्ताव बनाया था। मुख्यमंत्री के निर्देश पर इसमें सीतापुर जिले को भी शामिल किया गया है। किस जिले का कितना भाग इसके दायरे में आएगा और इसके लिए कनेक्टिविटी क्या होगी इसके लिए जल्द ही सर्वे का काम शुरू होगा। आवास विभाग के एक उच्चाधिकारी ने बताया कि सर्वे के दौरान यह देखा जाएगा कि किस जिले में कौन सा उद्योग लग सकता है। उद्योग लगाने वालों को कहां कितनी जमीनें दी जा सकती हैं।
एससीआर बोर्ड भी बनेगा
एससीआर में सुनियोजित विकास और निवेश के लिए एक बोर्ड का भी गठन आगे चलकर किया जाएगा। इसका अध्यक्ष उच्च स्तर के अधिकारी को बनाया जाएगा। इसमें सदस्य भी होंगे। इसकी देखरेख में भविष्य में आगे की कार्ययोजनाएं तैयार की जाएंगी। जरूरत के आधार पर निवेशकों की सुविधाएं दी जाएंगी। इसका व्यापक प्रचार-प्रसार भी किया जाएगा जिससे निवेशक इसके प्रति आर्कषक हो सकें।