Vande Bharat Express: नए लुक में आ रही वंदे भारत, सबसे पहले इन दो राज्यों को मिलेगी
देश में अभी आठ वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें चल रही हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक अब नौवीं वंदे भारत ट्रेन जल्द ही नए लुक में आ रही है। जिसकी सौगात सबसे पहले इन दो राज्यों को मिलने वाली है। आइए जानते है खबर में इस वंदे भारत ट्रेन से जुड़ी पूरी अपडेट।
HR Breaking News, Digital Desk- देश में अभी आठ वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें (Vande Bharat Express Train) चल रही हैं। नौवीं ट्रेन अगले महीने पटरी पर आ सकती है। रेलवे सूत्रों के मुताबिक इसे पश्चिम बंगाल के हावड़ा और ओडिशा के पुरी के बीच चलाया जा सकता है। इस तरह यह पश्चिम बंगाल की दूसरी और ओडिशा की पहली वंदे भारत एक्सप्रेस होगी। पिछले महीने हावड़ा से न्यू जलपाईगुड़ी के बीच वंदे भारत ट्रेन चलाई गई थी।
हाल ही में तेलंगाना के सिकंदराबाद से आंध्र प्रदेश के तटीय शहर विशाखापट्टनम के बीच देश की आठवीं वंदे भारत ट्रेन चलाई गई थी। इस बीच रेलवे ने चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) को पायलट के तौर पर आठ कोच वाली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन बनाने को कहा है। अभी इस फैक्ट्री में 16 कोच वाली वंदे भारत ट्रेनें बनाई जा रही हैं।
सरकार ने आजादी के अमृत महोत्सव के मौके पर 75 वंदे भारत ट्रेन चलाने का लक्ष्य रखा है। लेकिन अब तक केवल आठ वंदे भारत ट्रेनें ही चलाई जा सकी हैं। विभिन्न राज्यों की ओर से इन ट्रेनों को चलाने की मांग बढ़ रही है। इसलिए 16 के बजाय आठ कोच वाली वंदे भारत ट्रेन बनाने पर विचार चल रहा है। इससे बढ़ती मांग को पूरा किया जा सकेगा। साथ ही आठ कोच वाली ट्रेनों को ऐसे रूट्स पर चलाया जा सकता है जहां मांग कम है। सूत्रों के मुताबिक कई ऐसे रूट्स हैं जहां ज्यादा पैसेंजर्स नहीं हैं। ऐसे रूट्स पर आठ से 12 कोच वाली ट्रेनों को चलाया जा सकता है।
रेलवे को होगी आसानी-
रेलवे बोर्ड ने आईसीएफ को भेजे एक पत्र में कहा कि कॉन्सेप्ट के तौर पर आठ डिब्बों वाली वंदे भारत एक्सप्रेस बनाने का फैसला किया गया है। इसे 12, 16, 20 और 24 डिब्बों तक बढ़ाया जा सकता है। किस रूट पर कितने डिब्बे होंगे, इसका फैसला ट्रैफिक के हिसाब से तय किया जाएगा।
सूत्रों के मुताबिक आठ डिब्बों वाली ट्रेन के डिजाइन को फाइनल किया जाएगा और पायलट के तौर पर एक रैक बनाया जाएगा। कोच की संख्या कम होने से अधिक से अधिक सीटें बनाने का प्रयास किया जाएगा लेकिन यात्री सुविधाओं के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
अभी देश में आठ वंदे भारत ट्रेनें चल रही हैं। अधिकारियों का कहना है कि ट्रेन में डिब्बों की संख्या कम होने से रिपेयर और मेंटनेंस में आसानी होगी। इसकी वजह यह है कि सामान्य ट्रेनों से अलग वंदे भारत ईएमयू की तरह है। रिपेयर और मेंटनेंस के लिए पूरी ट्रेन को यार्ड में ले जाना पड़ता है। किसी भी वंदे भारत ट्रेन के पास स्पेयर कोच या रैक्स नहीं है।
ऐसे में रेलवे बोर्ड ने आईसीएफ को फ्रंट नोज कोन्स बनाने को कहा है ताकि मामूली दुर्घटना की स्थिति में इसे तेजी के साथ बदला जा सके। हाल में वंदे भारत ट्रेन से मवेशियों के टकराने की कई घटनाएं हुई हैं। इनमें ट्रेन के अगले भाग को क्षति पहुंची है।