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Vastu Tips: पड़ोसियों को मांगने पर भी न दें ये चीजें, चला जाएगा सुख-चैन

किचन में रखी कई छोटी-मोटी चीजें आपके भाग्य और घर की सुख-शांति से जुड़ी होती हैं। इनका दान नहीं करना चाहिए।

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पड़ोसियों को मांगने पर भी न दें ये चीजें, चला जाएगा सुख-चैन

HR Breaking News, Digital Desk- ज्योतिष में ग्रहों की शांति का एक सर्वमान्य नियम है कि ऐसे ग्रह जो आपके घर में सुख-समृद्धि के कारक हों, उनसे जुड़ी चीजें किसी को दान में नहीं देनी चाहिए। उदाहरण के लिए अगर आपका चंद्रमा मजबूत स्थिति में हैं, या आप कला, संगीत या रचनात्मक कार्यों से जुड़े हैं, दूध, चांदी आदि का व्यवसाय कर रहे हैं, तो आपको इस ग्रह से जुड़ी चीजें बिल्कुल भी दान नहीं करना चाहिए।

इससे आप चंद्र से जुड़ी शुभता का दान करेंगे और आपका ही नुकसान होगा। यानी किसी भी सूरत में दूध,दही, चांदी, सफेद वस्त्र आदि का दान ना करें। इसी तरह हमारी रसोई में कई ऐसी चीजें होती हैं, जो ग्रहों से जुड़ी होती हैं और आपके घर की सुख-समृद्धि को बढ़ाती हैं। ऐसे में अगर आपने अपने पड़ोसियों को इस तरह की चीजें दे दीं, तो आपके घर की सुख-शांति चली जाएगी और बड़ी परेशानियां भी आ सकती हैं।


घर की रसोई में रखी कुछ चीजों से हमारे भाग्य का सीधा कनेक्शन होता है। आज हम आपको कुछ ऐसी चीजों के बारे में बताते हैं, जो किचन में रखी होती हैं और आप अच्छे संबंध बनाने के चक्कर में अपने पड़ोसियों को फौरन दे देती हैं। लेकिन ये छोटी-मोटी चीजें भी आपके घर के लिए अहम हैं और वास्तु के मुताबिक बेहतर माहौल प्रदान करती हैं। जानिये किन वस्तुओं के दान से हमें बचना चाहिए।


हल्दी-


यह ना सिर्फ किचन में एक अनिवार्य तौर पर इस्तेमाल किया जानेवाला मसाला है, बल्कि आयुर्वेदिक दवा भी है। इसकी एंटी-एलर्जिक प्रॉपर्टी की वजह से कई तरह से इसका इस्तेमाल होता है। लेकिन सबसे बड़ी बात ये है कि ज्योतिष के मुताबिक हल्दी का संबंध बृहस्पति से है। हल्दी का दान करने से गुरु का दोष लगता है।

ज्योतिष शास्त्र में गुरु को सबसे शुभ फल देनेवाला माना गया है। इसी से व्यक्ति को धन, विद्या, सम्मान और प्रसिद्धि मिलती है। गुरु का दोष लगने पर घर में धन की कमी होने लगेगी और मान-सम्मान में कमी आएगी। व्यवसाय और नौकरी में भी परेशानी बढ़ने लगेगी। ऐसे में कभी भी रसोई में रखी हल्दी को किसी को भी उधार या दान में ना दें।


चावल-


वैसे तो गरीबों को चावल देना अच्छा माना गया है। मंदिरों में ब्राह्मणों और दरिद्रनारायण के भोजन के लिए इसका दान किया जाता है, लेकिन घर में रखे चावल को उधार में देना या बिना किसी खास मकसद के किसी को देना शुभ नहीं होता। दरअसल, चावल का संबंध शुक्र ग्रह से माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र में शुक्र ग्रह को ऐश्वर्य और भौतिक सुखों का कारक माना गया है। घर में चावल का खत्म होना या पड़ोसियों को उधार देना, शुक्र दोष का कारण बनता है।

शुक्र दोष में आपको बिस्तर पर आराम नहीं मिलेगा, परिवार में कलह शुरु हो जाएंगे, और जीवन में आनंद की अनुभूति नहीं होगी। मन हमेशा खिन्न रहेगा। इसलिए कोशिश करें कि घर में चावल खत्म होने से पहले ही मंगवा लें और छोटी-मोटी वजहों से इसे उधार में ना दें। अगर दान करना हो, तो पहले घर में भगवान को समर्पित करें, फिर किसी जरुरतमंद को दान दें। एक बार भगवान को समर्पित हो जाए, तो वह प्रसाद होता है, जिसे किसी को भी दिया जा सकता है।


सरसों का तेल-


किचन में रखा सरसों का तेल भी कभी खत्म नहीं होना चाहिए। ज्योतिष शास्त्र में सरसों तेल का संबंध शनि ग्रह से होता है। ऐसे में शनि को प्रकोप से बचने के लिए कोशिश करें कि घर की रसोई में सरसों का तेल कभी खत्म ना हो। साथ ही इसे किसी पड़ोसी को उधार ना दें।

अगर घर के बाहर ये तभी जाए, जब आप शनि मंदिर में चढ़ाना हो या पीपल के पेड़ के नीचे दीया जलाना हो। घर में रखे तेल का दान आपको शनि के प्रकोप का भागी बना सकता है। शनि के प्रकोप की निशानी है बेवजह की टेंशन, हर काम में अड़ंगा लगना, या बना हुआ काम बिगड़ जाना। ऐसे में शनि की शांति के उपाय करें और घर में सरसों के तेल खत्म ना होने दें। सरसों का तेल कभी भी मंगलवार और शनिवार को लेकर ना आएं और ना ही इस दिन इसे किसी को दान में दें।


नमक-


पड़ोसियों को सबसे ज्यादा नमक और चीनी की जरुरत पड़ती है। लेकिन रसोई में रखा नमक किसी को दान में नहीं देना चाहिए। अगर आपके पास एक से ज्यादा नमक के पैकेट हों, तो आप जरुर दे सकती हैं, लेकिन किचन में इस्तेमाल के लिए रखा नमक नहीं देना चाहिए। इसकी वजह ये है कि ज्योतिष में नमक का संबंध राहू से माना गया है।

घर में नमक ना हो, तो राहू को प्रभाव पड़ने लगता है। राहू के प्रभाव से आपकी बुद्धि भ्रष्ट होने लगेगी, आपके दिमाग में गलत काम के विचार आने लगेंगे, जुए-सट्टे-दारूबाजी का ख्याल आने लगेगा। इसलिए राहू को शांत रखने के लिए कोशिश करें कि घर में नमक कभी खत्म ना हो और किसी को उधार में ना दिया जाए।

डिसक्लेमर-

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।'