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Vastu Tips - वैवाहिक जीवन में आज ही आजमाएं ये टिप्स, पति-पत्नी में कभी नहीं होगा झगड़ा

 यदि परिवार व दांपत्य जीवन में ज्यादा कलह रहती है तो घर के मुखिया को दक्षिण दिशा में सोना चाहिए।
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वैवाहिक जीवन में आज ही आजमाएं ये टिप्स, पति-पत्नी में कभी नहीं होगा झगड़ा

HR Breaking News, Digital Desk- वास्तु शास्त्र में मान्यता है कि नकारात्मक और सकारात्मक ऊर्जा जीवन के हर पहलू को प्रभावित करते हैं और इसी के आधार पर वास्तु टिप्स भी दिए जाते हैं। हर व्यक्ति चाहते है कि उसके वैवाहिक जीवन में शांति बनी रहे और जीवनसाथी से कोई विवाद न हो। यदि आपके भी वैवाहिक जीवन में तनाव या कलह है तो कुछ वास्तु नियमों को आजमा कर इन्हें शांत कर सकते हैं।

वास्तु शास्त्र में काफी छोटे-छोटे ऐसे टिप्स दिए गए हैं, जिनका यदि सावधानी पूर्वक पालन किया जाए तो वैवाहिक जीवन में शांति लाई जा सकती है। वास्तु के मुताबिक किसी भी धार्मिक कार्यक्रम में पत्नी को दाहिनी ओर बैठना चाहिए। इसी प्रकार सांसारिक मामलों में भी पत्नी को हमेशा पति के बायीं ओर ही बैठना चाहिए।


इस अवसर पर पत्नी को बायीं ओर बैठाएं-


जब भी भोजन करें, सोते समय, आशीर्वाद प्राप्त करते समय पत्नी को बायीं ओर ही बैठाना चाहिए। परिवार की सुख समृद्धि के लिए इन छोटे-छोटे वास्तु टिप्स का ध्यान रखना चाहिए।

दक्षिण दिशा में सोएं घर का मुखिया- 


यदि परिवार व दांपत्य जीवन में ज्यादा कलह रहती है तो घर के मुखिया को दक्षिण दिशा में सोना चाहिए। ऐसा करने से घर में सकारात्मक माहौल बनता है। पति पत्नी में अच्छा तालमेल बना रहता है। सोते समय इस बात की सावधानी रखें कि दंपति के पैर दक्षिण दिशा में नहीं हो, क्योंकि ऐसा करने से शरीर की ऊर्जा नष्ट हो जाती है।

वैज्ञानिक दृष्टि से ऐसा माना जाता है कि उत्तर प्लस है और दक्षिण माइनस है, इसलिए शरीर के पैर माइनस हैं और सिर प्लस है, इसलिए कहा जाता है कि व्यक्ति को दक्षिण दिशा में सिर और उत्तर में पैर रखकर सोना चाहिए, ऐसाकरने से जीवन में शांति बनी रहती है।

डिसक्लेमर-

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।'