Weather Update: मौसम विभाग का अलर्ट हरियाणा में बारिश शुरू, जानिए 2 दिन कैसा रहेगा मौसम
मौसम में उतार-चढ़ाव का सिलसिला लगातार जारी है। लगातार पश्चिमी विक्षोभ पिछले कुछ समय से पश्चिमी हिमालय की ओर बढ़ रहे हैं। गिलगित-बाल्टिस्तान, मुजफ्फराबाद लद्दाख और जम्मू कश्मीर के कुछ हिस्सों में पहले ही हल्की बारिश और बर्फबारी हो चुकी है।
बुधवार सुबह बारिश हुई। शाम तक, बारिश की गतिविधियां तेज़ हो जाएंगी। देर रात हरियाणा के विभिन्न हिस्सों में भी पश्चिमी विक्षोभ का व्यापक असर देखने को मिला।
दिल्ली, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के कुछ हिस्सों में भी बारिश शुरू हुई। बारिश और बर्फ़बारी की ये गतिविधियां 9 फरवरी तक जारी रहेंगी और इसके बाद मौसम साफ हो जाएगा।
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राजस्थान के पश्चिमी हिस्सों पर एक प्रेरित चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना है, जो धीरे-धीरे पूर्व की ओर बढ़ेगा। राजस्थान के पश्चिमी हिस्सों में आज दोपहर के बाद हल्की बारिश की गतिविधियां शुरू होने की संभावना है।
पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में देर रात या 9 फरवरी की सुबह तक छिटपुट बारिश शुरू हुई। उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में भी ओलावृष्टि की संभावना है। 10 फरवरी से मौसम साफ होना शुरू हो जाएगा।
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बारिश प्रभावित इलाकों में दिन के तापमान में 2-4 डिग्री की गिरावट आने की संभावना है। अगले 24 घंटों के दौरान न्यूनतम तापमान और बढ़ सकता है और उसके बाद गिर सकता है।
गेहूं की फसल को होगा फायदा
मौसम विभाग ने संभावना जताई है कि 9 फरवरी को बरसात होगी, लेकिन उसका गेहूं की फसल पर कोई नकारात्मक प्रभाव देखने को नहीं मिलेगा। क्योंकि फरवरी में आए इस पश्चिमी विक्षोभ से तापमान नियंत्रित हुआ है। यदि यह नहीं आता तो दिन के तापमान में ज्यादा वृद्धि हो सकती थी, जिस प्रभाव फसलों पर भी गिर सकता था।
इस समय दिन के तापमान में काफी कमी देखने को मिली है, जबकि रात का तापमान बढ़ा है। अब दिन के तापमान में गिरावट देखने को मिल सकती है।
देशभर में यह बना हुआ है मौसमी सिस्टम
केंद्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान के मुताबिक एक पश्चिमी विक्षोभ उत्तरी पाकिस्तान और आसपास के क्षेत्रों पर बना हुआ है। एक प्रेरित चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र पश्चिमी राजस्थान और आसपास के क्षेत्र पर बना हुआ है।
एक और चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र मध्य महाराष्ट्र और इससे सटे मराठवाड़ा पर बना हुआ है। एक टर्फ रेखा उत्तरी केरल से महाराष्ट्र के ऊपर बने चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र तक फैली हुई है।