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Property Will : क्या प्रोपर्टी में बराबर का हिस्सा नहीं मिलने पर वसीयत करवा सकते हैं रद्द, जानिये अपने कानूनी अधिकार

Property Will Case : कोर्ट प्रोपर्टी के विवादों से अटे पड़े हैं। वकीलों के चैंबरों में न जाने कितनी फाइलें प्रोपर्टी (Property rights) से जुड़े मामलों की है। प्रोपर्टी में हिस्सेदारी, हक को लेकर घर में ही भाई-भाई के झगड़े हो रहे हैं और अदालतों में विवाद (Property Will rights) जा रहे हैं। अब सवाल आता है कि क्या प्रोपर्टी में बराबर का हिस्सा न मिलने पर वसीयत (Property Will) रद्द करवा सकते हैं। इस आर्टिकल में आप प्रोपर्टी से जुड़े अपने कानूनी अधिकार जानेंगे। 

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Property Will : क्या प्रोपर्टी में बराबर का हिस्सा नहीं मिलने पर वसीयत करवा सकते हैं रद्द, जानिये कानूनी अधिकार

HR Breaking News (property will law) : अकसर संपत्ति में बराबर का बंटावारा (Property Division) न होने पर विवाद होते रहते हैं। कहीं, एक भाई दूसरे का हिस्सा दबा लेता है तो कहीं, माता पिता ही अपनी संतानों को कम ज्यादा प्रोपर्टी (Parent's Property) देते हैं।

 

 

कानून कहता है कि पेरेंट्स की ओर से वसीयत (Property Will) में जिसको जितनी प्रोपर्टी दी गई है उसको उतनी ही प्रोपर्टी (Property) मिलेगी। तो सवाल उठता है कि क्या किसी को कम प्रोपर्टी मिलने पर वह पूरा हक लेने के लिए वसीयत (Property Will) को कोर्ट में चैलेंज कर सकता है।

 

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क्यों है वसीयत (Property Will) जरूरी
 

अगर आप आपकी संपत्त को भविष्य में कुछ ही लोगों को देना चाहते हैं तो वसीयत (Property Will) कराना जरूरी है। अगर आपने वसीयत (Property Will) नहीं कराई तो आपकी मौत के बाद संपत्ति सभी हकदारों को बराबर बंटेगी। संपत्ति का बंटवारा उत्तराधिकार कानूनों (Property Succession Laws) के तहत किया जाता है। 

 


वसीयत को जरूर कराएं रजिस्टर
 

वहीं, आप भविष्य में किसी भी विवाद से बचना चाहते हैं तो वसीयत को रजिस्टर (Property Will Registered) जरूर करा लें। फिर सवाल आता है कि रजिस्टर्ड वसीयत (Registered Will) को क्या अदालत में चुनौती दी जा सकती है? इस सवाल का जवाब आइए आर्टिकल में जानते हैं। 

 

 


ऐसे किया जाता है प्रोपर्टी में बंटवारा

सवाल आता है कि क्या वसीयत को कोर्ट में चैलेंज कर सकते हैं? इस सवाल के जवाब से पहले जानते हैं कि आखिर संपत्ति का बंटवारा (Division of Property) कैसे होता है। हिंदू उत्तराधिकार कानून के तहत किसी भी व्यक्ति की पैतृक संपत्ति (Ancestral Property) में सारे बच्चों और उसकी पत्नी (Wife's Right in Property) का अधिकार होता है। यह सब में बराबर बंटती है। 

अगर किसी परिवार में किसी व्यक्ति के 4 बच्चे हैं तो उन चारों बच्चों की शादी हो जाती है तो और फिर आगे भी उनके बच्चे हो जाते हैं तो ऐसे मामले में पैतृक संपत्ति (partition of ancestral property) पहले 4 बच्चों में बंटेगी। फिर आगे की संतानों में उन चार बच्चों के हिस्से की संपत्ति उनकी संतानों में बराबर बंटेगी। किसी की एक संतान है तो उसको उसके पिता की सारी संपत्ति (Property Will) मिल जाएगी। किसी के दो बच्चें हैं तो उनको उनके पिता की संपत्ति आधी आधी मिलेगी। फिर इन बंटवारों में विवाद भी हो जाता है।  


कोर्ट में चैलेंज की जा सकती है वसीयत?

इस सवाल का जवाब है हां, जी हां, वसीयत को कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है। वसीयत में खामी है तो आप ऐसा कर सकते हैं। चाहे वसीयत रजिस्टर्ड ही या रिजस्टर्ड न हो। इसके कई कारण हो सकते हैं, वसीयत कोर्ट में न घसीटी जाए, इसके लिए इसका निष्पादन भारतीय उत्तराधिकारी कानून, 1925 (Indian Succession Act, 1925) के सभी प्रावधानों के अनुसार ही होना चाहिए।  


उदाहरण से समझते हैं मामला

अगर एक महिला को उसके माता-पिता ने प्रोपर्टी (Property Will) दी है और महिला को अपने चार बेटों में से एक के ही नाम वसीयत करनी है और वह उनके नाम वसीयत कर देती हैं तो और महिला की मौत हो जाती है। फिर 3 भाइयों को संपत्ति में हिस्सा लेने के समय पता चलता है कि यह तो पहले ही एक के नाम हो चुकी है। तो अब क्या वो बाकी 3 भाई वसीयत (Property Will) को अदालत में चुनौती दे सकते हैं?


दे सकते हैं वसीयत को चुनौती

वो तीन भाई वसीयत को चुनौती दे सकते हैं। वसीयत की वैधता (validity of will) और वास्तविकता (Reality) को अदालत में चुनौती दी जा सकती है। कानूनी तौर पर आप ऐसा कर सकते हैं। भाई वसीयत स्थानांतरित करने के लिए प्रोबेट मुकदमा दर्ज करेगा तो उस दौरान आप उस वसीयत की वैधता को चुनौती दे सकते हैं। 


ऐसे दें वसीयत (Will) को चुनौती

आप न्यायालय में मुकदमा दायर कर अपना अधिकार जता सकते हैं। परिवार में 4 भाइयों में किसी एक के नाम मां की मृत्यु के पहले वसीयत मिलती है तो आप चेक करां सकते हैं कि कहीं दस्तावेजों पर फर्जी हस्ताक्षर तो नहीं करवाए गए हैं। ऐसे में आप वसीयत को अदालत में चुनौती दे सकते हैं। आप इसमें अनुभवी वकील की मदद लें। 


 

रजिस्टर्ड वसीयत (Will) भी हो तो दें सकते हैं चुनौती

वसीयत (Property Will) को रजिस्टर्ड करने से यह नहीं है कि आप उसको चुनौती नहीं दे सकते। वसीयत को चुनौती देना उसे अबाध्य नहीं बनाता है। आप अदालत में भी कोर्ट के सामने चुनौती दे सकते हैं। रजिस्टर्ड वसीयत (registered will) को मृतक का अंतिम वसीयतनामा नहीं माना जा सकता है।  


वसीयत (Will) को कोर्ट से रद्द किया जा सकता है 

अगर किसी ने वसीयत (Property Will) को धोखे से बनाया है तो उसे कोर्ट में चैलेंज करने पर अदालत उसे रद्द भी कर सकती है। ऐसी वसीयत में वसीयतकर्ता की स्वतंत्र सहमति नहीं मानी जाती। इसलिए अदालत इसको रद्द कर सकती है। धमकी का इस्तेमाल करके वसीयत (Property Will) की गई है तो अदालत उसे रद्द करने का अधिकार रखती है।  

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