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Bank Fraud - 4000 करोड़ का एक और बड़ा बैंक घोटाला, 20 बैंक है शामिल

सीबीआई ने कोलकाता में बेस्ड कॉरपोरेट पावर लिमिटेड और उसके निदेशकों के खिलाफ 4000 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी के मामले में एफआईआर दर्ज की है. इस बैंक घोटाले में 20 बैंक शामिल है। आइए नीचे खबर में जानते है पूरा मामला. 

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Bank Fraud - 4000 करोड़ का एक और बड़ा बैंक घोटाला, 20 बैंक है शामिल

HR Breaking News, Digital Desk- सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन यानी CBI ने कोलकाता में बेस्ड कॉरपोरेट पावर लिमिटेड और उसके निदेशकों के खिलाफ 4000 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी के मामले में एफआईआर दर्ज की है.

जिन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, उनमें कंपनी के प्रमोटर्स या डायरेक्टर, अज्ञात सरकारी कर्मचारी और अन्य कुछ लोगों के खिलाफ करीब 4037.87 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी के आरोप में मामला दर्ज किया गया है. अधिकारियों ने बताया कि 20 बैंकों के कंसोर्टियम के साथ बैंक फ्रॉड किया गया है.

16 जगहों में हुई छापेमारी-


सीबीआई ने मुंबई, नागपुर, कोलकाता, रांची, दुर्गापुर, विशाखापट्टनम और गाजियाबाद में स्थित 16 जगहों में छापेमारी की है. एफआईआर में जिन लोगों का नाम आया है, उनमें अभिजीत ग्रुप के चेयरमैन मनोज जयसवाल, मैनेजिंग डायरेक्टर अभिषेक अग्रवाल और अन्य लोग शामिल हैं.

यह भी आरोप लगाया गया है कि साल 2009 और 2013 के बीच, कथित कर्जदाता ने गलत प्रोजेक्ट की कॉस्ट स्टेटमेंट को सब्मिट किया था और बैंक के फंड्स को डायवर्ट किया था. यह भी आरोप लगा कि पार्टियों और फंड्स से जुड़े ट्रांजैक्शन को कई कंपनियों को डायवर्ट किया गया, जो डमी अकाउंट्स थे. सीबीआई के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि ऐसा करके कर्जदाता ने फंड्स का गलत इस्तेमाल किया है.


एक और बैंक फ्रॉड आया सामने-


वहीं, आपको बता दें कि दूसरी तरफ, सार्वजनिक क्षेत्र के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में फिर मेहुल चोकसी-नीरव मोदी जैसा घोटाला सामने आया है. सीबीआई ने पीएनबी के एक अधिकारी के खिलाफ 34 फर्जी बैंक गारंटियों के जरिये कथित रूप से 168.59 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के आरोप में एफआईआर दर्ज की है. यह बैंक अधिकारी अब निलंबित है.

मेहुल चोकसी-नीरव मोदी की जोड़ी द्वारा कथित रूप से साख पत्र या गारंटी (एलओयू) के जरिये किए गए घोटाले के करीब चार साल बाद इसी तरह का यह पहला मामला है.

इस एफआईआर के मुताबिक, बैंक अधिकारी प्रिय रंजन कुमार ने यही तरीका अपनाकर 34 जाली बैंक गारंटियां जारी कीं और इनकी प्रविष्टि कोर बैंकिंग प्रणाली फिनेकल में दर्ज नहीं की.

FIR के मुताबिक, 27 नवंबर, 2022 की अंतरिम जांच रिपोर्ट के अनुसार, यह तथ्य सामने आया है कि बैंक की प्रणाली के अवैध और अनधिकृत उपयोग के माध्यम से कुछ अज्ञात व्यक्तियों की मिलीभगत से बैंक कर्मचारियों द्वारा धोखाधड़ी को अंजाम दिया गया है.