Income Tax Slab: कर्मचारियों को 12 लाख तक की कमाई पर नहीं देना पड़ेगा 1 रुपया भी टैक्स
अगर आप भी टैक्स भरते है तो इस खबर को जानना आपका लिए बेहद जरूरी है। दरअसल सरकार के एक नए फैसले के अनुसार अब कर्मचारियों को 12 लाख तक की कमाई पर नहीं देना पड़ेगा 1 भी रुपया टैक्स। आइए नीचे खबर में जानते है विस्तार से।
HR Breaking News, Digital Desk- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी 2022 को देश का बजट (Budget 2022) पेश कर दिया था। इस बजट से नौकरीपेशा की उम्मीदें लगाए बैठा था, लेकिन इनकम टैक्स स्लैब (Income Tax Slab) में कोई बदलाव नहीं किया गया।
ऐसे में सभी नौकरीपेशा करदाता निराश (Budget for salaried person) हो गए हैं, लेकिन अभी भी अगर आप थोड़ी प्लानिंग करें तो 12 लाख रुपये तक की सैलरी पर पूरा टैक्स बचा सकते हैं। अधिकतर लोग टैक्स बचाने के बारे में आखिर वक्त में सोचते हैं, लेकिन टैक्स सेविंग एक दिन, एक हफ्ते या एक महीने का खेल नहीं हैं।
इसके लिए आपको साल शुरू होने के साथ-साथ प्लानिंग शुरू कर देनी चाहिए। अगर आप सही प्लानिंग करते हैं, सैलरी को ऑप्टिमाइज करते हैं, सारे एग्जेम्पशन (Tax Deductions) और डिडक्शन (Tax Exemptions) होते हैं तो यकीनन आप 12 लाख रुपये तक की सैलरी पर टैक्स बचा सकते हैं। यानी कि आपको 12 लाख रुपये की सैलरी तक पर कोई टैक्स नहीं (Zero tax on rs. 12 lakh salary) चुकाना होगा।
पहले समझिए क्या-क्या होता है सैलरी में-
हर किसी की सैलरी में बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ता यानी डीए तो होता ही है, जिस पर आपको कोई छूट नहीं मिलती है और इस पर आपको पूरा टैक्स चुकाना होता है। वहीं इसके अलावा सैलरी में तमाम तरह के स्पेशल अलाउंस और रीइम्बर्समेंट होते हैं, जिनमें एचआरए, एलटीए, कन्वेंस अलाउंस, फूड कूपन, इंटरनेट बिल, फोन बिल, फ्यूल बिल जैसी चीजें हो सकती हैं। आइए जानते हैं इन्हें कैसे मैनेज करें कि आपकी 12 लाख तक की सैलरी पर लगे जीरो टैक्स।
टैक्स बचाने में सबसे अहम है एचआरए-
सरकार मानती है कि लोग नौकरी के लिए लोग दूसरे शहरों को जाते हैं और वहां पर किराए पर घर लेकर रहते हैं। ऐसे में कंपनी की तरफ से मिलने वाले एचआरए यानी हाउस रेंट अलाउंट पर सरकार टैक्स छूट देती है। हालांकि, एचआरए पर कितनी छूट मिलेगी, इसको लेकर भी कुछ नियम हैं, वरना लोग सारी सैलरी एचआरए में ही ले लेंगे। एचआरए के लिए आपको 3 नंबर कैल्कुलेट करने होंगे और इनमें जो भी सबसे कम होगा, उस पर आपको टैक्स छूट मिलेगी।
1- जो एचआरए कंपनी की तरफ से सैलरी में मिला है।
2- मेट्रो शहर में बेसिक का 50 फीसदी और नॉन मेट्रो शहर में बेसिक का 40 फीसदी।
3- रेंट में से बेसिक का 10 फीसदी घटाने के बाद बची राशि। यानी अगर आपकी बेसिक है 2 लाख रुपए और साल का रेंट है होता है 1.20 लाख रुपए तो आपको 1.20 लाख- 20 हजार यानी 1 लाख रुपये तक का एचआरए का फायदा मिल सकता है।
इन तीनों में जो भी आंकड़ा सबसे कम होगा, आप उतने एचआरए पर टैक्स छूट पा सकते हैं।
लीव ट्रैवल अलाउंस, जिससे घूमने-फिरने का मिलेगा फायदा-
ये ऐसा अलाउंस है, जिसका फायदा बहुत ही कम लोग उठाते हैं। इसका फायदा आप 4 साल में 2 बार ले सकते हैं। इसके तहत आप कहीं घूमने जाते हैं तो आने-जाने का जितना किराया लगेगा, उस पैसे पर आपको पूरी टैक्स छूट मिल जाएगी। हालांकि, इसमें एक शर्त ये होती है कि कंपनी की तरफ से आपको एलटीए दिए जाने की सुविधा होनी चाहिए। मान लीजिए आप कहीं घूमने जाते हैं, जहां का किराया 10 हजार रुपये है। अगर आपका परिवार 4 लोगों का है, जिसमें पति-पत्नी और दो बच्चे हैं तो आपका आने जाने का किराया 80 हजार रुपये लगेगा।
अगर आपकी कंपनी सैलरी का 80 हजार रुपये तक का हिस्सा एलटीए में देती है तो आप 80 हजार रुपये पर टैक्स छूट पा सकते हैं। तो अगर आपकी कंपनी एलटीए नहीं देती है तो एचआर से बात करें और एलटीए का फायदा उठाएं। अगर आप 30 फीसदी के स्लैब में आते हैं तो एलटीए की मदद से आपके काफी पैसे बचेंगे। देखा जाए तो एक तरह से आपकी घूमने की टिकट 30 फीसदी सस्ती पड़ेगी, जो किसी शानदार ऑफर से कम नहीं।
चिल्ड्रन एजुकेशन अलाउंस और हॉस्टल अलाउंस-
ये ऐसे अलाउंस हैं, जिनमें बहुत अधिक पैसों पर छूट नहीं मिलती, लेकिन कई बार सिर्फ 1 रुपये की वजह से भी आपकी सैलरी टैक्सेबल इनकम के दायरे में आ जाती है। ऐसे में आपको कोई भी टैक्स छूट छोड़नी नहीं चाहिए, भले ही वह छोटी हो या बड़ी। ये अलाउंस हैं चिल्ड्रन एजुकेशन अलाउंस और हॉस्टल अलाउंस। हालांकि, इसका फायदा उन्हें ही मिलता है, जिनके बच्चे स्कूल में पढ़ रहे हैं। अगर वह हॉस्टल में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं तो हॉस्टल अलाउंस भी मिलेगा। इन दोनों के तहत आपका कुल 9600 रुपये तक की टैक्स छूट मिलती है।
रीइम्बर्समेंट को जरूर करें क्लेम-
बहुत से लोग रीइम्बर्समेंट को एक झमेला समझते हैं और इससे दूर ही रहना पसंद करते हैं। कौन तमाम तरह के बिल बटोरे, उन्हें जोड़कर एचआर को दे फिर उसके पैसे लें, इतने झंझट से अच्छा वह ये पैसे स्पेशल अलाउंस की तरह सैलरी में ही ले लेते हैं। अगर आप भी ऐसा सोचते हैं तो पहले इस सोच को बदलिए। रीइम्बर्समेंट को जरूर क्लेम करें।
बिल जमा करने को झमेला ना समझें, क्योंकि इसकी मदद से आपका बहुत सारा टैक्स बच सकता है। इसके तहत आप बिजनस के लिए किए गए खर्चों को क्लेम कर सकते हैं, जिसमें फोन बिल, इंटरनेट बिल, फ्यूल बिल आदि आते हैं।
इतना ही नहीं, बहुत सी कंपनियां मील कूपन भी देती हैं, जिसके तहत 50 रुपये के हिसाब से आपको रोज दो मील कूपन मिलते हैं। अब तो कूपन की जगह सोडेक्सो जैसे कार्ड भी मिलने लगे हैं, जिनमें बिल का भी झंझट नहीं रहता है। इसका इस्तेमाल जरूरी नहीं कि आप खाना खाने के लिए ही करें, बल्कि घर की ग्रॉसरी खरीदने, पिज्जा खाने आदि भी में भी किया जा सकता है।
अगर आपकी कंपनी महीने में 26 दिन काम करती है तो रोज 2 मील कूपन (100 रुपये) मिल सकते हैं। इस तरह साल भर में आपको 26,400 रुपये मील वाउचर के तहत मिल जाएंगे। इसे आप रीइम्बर्समेंट में क्लेम कर सकते हैं। यानी इतने पैसे आपकी सैलरी की कैल्कुलेशन में कम हो जाएंगे और आपकी टैक्सेबल इनकम नीचे आ जाएगी।
अब जानिए कौन-कौन सी डिडक्शन मिलेंगी-
हमने तमाम तरह की छूट पाने की बात तो कर ली, अब जानते हैं कौन-कौन सा डिडक्शन मिलता है। आइए देखते हैं इसकी पूरी लिस्ट
1- सबसे पहले तो हर नौकरीपेशा को 50 हजार रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलता है। यानी आप आंख मूंद कर अपनी सैलरी में से 50 हजार रुपये को कम कर ही दीजिए।
2- इसके बाद बारी आती है 80सी की, जिसके तहत आप 1.5 लाख रुपये तक का निवेश कर के उस पर टैक्स का फायदा ले सकते हैं। इसके तहत आप पीपीएफ, सुकन्या समृद्धि योजना आदि में निवेश कर सकते हैं। इसके तहत आपको बच्चे की ट्यूशन फीस पर भी छूट मिलती है।
3- इसके बाद बारी आती है 80सीसीडी के तहत एनपीएस में निवेश पर मिलने वाले डिडक्शन की। इसमें निवेश पर आपको 50 हजार रुपये का अतिरिक्त डिडक्शन मिल सकता है।
4- वहीं 80डी के तहत आपको हेल्थ इंश्योरेंस पर टैक्स छूट मिलेगी। खुद के लिए आप 25 हजार रुपये और माता-पिता के लिए 50 हजार रुपये तक के हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर टैक्स छूट पा सकते हैं।
5- 5000 रुपये पर टैक्स छूट आप प्रिवेंटिव हेल्थ चेकअप करवाकर पा सकते हैं।
6- होम लोन और इलेक्ट्रिक व्हीकल के लोन पर आपको अलग-अलग शर्तों के हिसाब से 1.5-2 लाख रुपये तक के ब्याज पर टैक्स छूट मिल सकती है। ये छूट 80ईई के तहत मिलती है।
7- इतना ही नहीं, सेविंग अकाउंट और एफडी पर मिले ब्याज पर भी आप 10 हजार रुपये तक पर टैक्स छूट पा सकते हैं। वहीं सीनियर सिटीजन के लिए यह छूट 50 हजार रुपये है।
अब समझिए कैल्कुलेशन-
सबसे पहले तो आपको सारे एग्जेम्पशन को अपनी सैलरी में से घटाना होगा। अगर आपकी सैलरी 12 लाख रुपये है तो सबसे पहले उसमें से 50 हजार रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन हटा दीजिए तो आपकी सैलरी बचेगी 11.50 लाख रुपये। इस पर 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये पर टैक्स छूट ले लें तो सैलरी 10 लाख रुपये ही बचेगी। अगर आप हर महीने 13-15 हजार रुपये का रेंट देते हैं तो कम से कम 1.5 लाख रुपये तक का एचआरए क्लेम कर सकते हैं।
इसके बाद आपकी टैक्सेबल सैलरी हो जाएगी 8.5 लाख रुपये। कंपनी से एलटीए लें और करीब 80 हजार रुपये का डिडक्शन पाएं, जिसके बाद आपकी टैक्सेबल सैलरी 7.7 लाख रुपये ही रह जाएगी। इसके अलावा कंपनी से आपको 20 हजार रुपये तो फोन और इंटरनेट बिल के लिए ही मिल जाएंगे। यानी 20 हजार रुपये ये कम करेंगे तो टैक्सेबल इनकम बचेगी 7.5 लाख रुपये।
इस पर आपको करीब 26,400 रुपये पर मील कूपन की टैक्स छूट मिल जाएगी। यानी अब आपकी सैलरी बचती है 7,23,600 रुपये। अपने और अपने परिवार के हेल्थ इंश्योरेंस पर आप आसानी से 50 हजार रुपये तक खर्च कर ही देंगे। मान लीजिए पति-पत्नी और दो बच्चों के लिए 10 लाख रुपये का फैमिली फ्लोटर प्लान लेते हैं तो आपको करीब 20 हजार रुपये खर्च करने ही पड़ेंगे।
वहीं अगर माता-पिता के लिए 10-10 लाख का प्लान लेते हैं तो उम्र अधिक होने की वजह उनका प्रीमियम अधिक होगा और ये करीब 25-30 हजार रुपये से भी ऊपर जाएगा, तो आप करीब 50 हजार रुपये तो आसानी से हेल्थ इंश्योरेंस से बचा सकते हैं। इस तरह आपकी टैक्सेबल सैलरी हो जाती है 6,73,600 रुपये। कंपनी के तरफ से आपको जो कन्वेंस रीइम्बर्समेंट मिलता है, वह भी करीब 1.6 लाख रुपये तक सालाना तो होगा ही। अगर उसे भी इससे कम करते हैं तो आपकी टैक्सेबल सैलरी 5,13,600 रुपये बचेगी।
अब आपकी सैलरी 5 लाख के बेहद करीब आ चुकी है, आपको सिर्फ 13,600 रुपयों का इंतजाम करना है। अगर आपके बच्चे हैं तो 9600 तक तो चिल्ड्रन एजुकेशन अलाउंस और हॉस्टल अलाउंस के मिल जाएंगे। इसके बाद आपकी सैलरी हो जाएगी 5,04,000 रुपये। अब आप कम से कम 4 हजार रुपये एनपीएस में निवेश कर दें जो रिटायरमेंट पर आपके काम आएंगे और अभी आपका टैक्स बच जाएगा।
सरकार की तरफ से 5 लाख रुपये तक की टैक्सेबल सैलरी वालों को 2.5 लाख रुपये तक पर टैक्स रिबेट दी जाती है। मतलब आपका टैक्स हो गया जीरो। हालांकि, इस जीरो टैक्स में बहुत बड़ा रोल है कन्वेंस, मील कूपन, इंटरनेट जैसे रीइम्बर्समेंट का। तो अगर आपकी कंपनी की तरफ से ये सुविधाएं नहीं मिल रही हैं तो एचआर से बात करें और अपना टैक्स का बोझ कम करें। इन रीइम्बर्समेंट के ना होने की वजह से आपका टैक्स बोझ काफी अधिक हो जाता है।