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Bank News - सिर्फ 50 लोगों ने बैंकों के दबाए 92 हजार करोड़, चेक कर लें ऊपर से नीचे तक लिस्ट

बैंकों से कर्ज उठाकर पैसा दबाने वालों के पास 92 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम फंसी हैं. वित्त मंत्रालय ने लोक सभा में ये जानकारी दी है. आइए नीचे खबर में जानते है विस्तार से जानकारी.
 
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HR Breaking News, Digital Desk- बैंकों से कर्ज उठाकर पैसा दबाने वालों के पास 92 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम फंसी हैं. वित्त मंत्रालय ने लोक सभा में ये जानकारी दी है. मंत्रालय के मुताबिक 31 मार्च 2022 तक देश के टॉप 50 विलफुल डिफॉल्टर के पास 92570 करोड़ रुपये फंसे है. विलफुल डिफॉल्टर वो लोग होते हैं जो जानबूझ कर बैंकों की पैसा नहीं लौटाते. बदले में वो खुद को डिफॉल्ट घोषित कर देते हैं.

इन लोगों के पास पैसे लौटाने की क्षमता होती है लेकिन इसकी जगह वो कानूनी दांवपेच का सहारा लेते हैं और मूल रकम के मुकाबले बेहद छोटी रकम का भुगतान कर मामले को निपटाने की कोशिश करते हैं. इन्ही आंकड़ों में वित्त मंत्रालय ने ये भी जानकारी दी है कि बैंकों ने पिछले वित्त वर्ष 2021-22 तक छह साल की अवधि में अपने बही-खाते से 11.17 लाख करोड़ रुपये का कर्ज बट्टे खाते में डाला है.

कौन है लिस्ट में सबसे ऊपर-


दिए गए आंकड़ों के अनुसार विलफुल डिफॉल्टर की लिस्ट में सबसे ऊपर भगोड़ा हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी है जिसने 7848 करोड़ रुपये के कर्ज पर डिफॉल्ट किया है. लिस्ट में दूसरे नंबर पर इरा इंफ्रा है जिसने 5879 करोड़ रुपये के कर्ज पर डिफॉल्ट किया. तीसरे नंबर पर रीगो एग्रो है जिसे बैंकों के 4800 करोड़ रुपये लौटाने हैं. लिस्ट में शामिल अन्य विलफुल डिफॉल्टर में कॉनकास्ट स्टील एंड पावर को करीब 4600 करोड़, एबीजी शिपयार्ड को 3708 करोड़ रुपये, फ्रॉस्ट इंडरनेशनल को 3311 करोड़ रुपये, विनसम डायमंड्स को 2900 करोड़ रुपये, रोटोमैक ग्लोबल को 2800 करोड़ रुपये, कोस्टल प्रोजेक्ट्स को 2311 करोड़ रुपये, और जूम प्रोजेक्ट्स 2100 करोड़ रुपये चुकाने हैं.

बैंकों का 11 लाख करोड़ रुपये बट्टे खाते में-


वहीं सरकार ने जानकारी दी है कि बीते 6 साल में बैंकों के 11 लाख करोड़ रुपये बट्टे खाते में गए हैं. सरकारी बैंकों में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने सबसे ज्यादा 2 लाख करोड़ रुपये के कर्ज बट्टे खाते में डाले हैं. वहीं निजी बैंकों में आईसीआईसीआई बैंक ने सबसे ज्यादा 50500 करोड़ का कर्ज राइट ऑफ किया है. बैंकों के द्वारा कर्ज वापसी और बैलेंस शीट को सुधारने के लिए किए जा रहे प्रयासों का फायदा भी दिखा है. बैंकों का ग्रॉस एनपीए घटकर 5.41 लाख करोड़ रुपये पर आ गया है. जो कि एक समय 8.9 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया था.

कर्ज वापसी के लिए प्रयास जारी-


वहीं सरकार ने जानकारी दी है कि विलफुल डिफॉल्टर से कर्ज वापसी के कदम उठाए जा रहे हैं. पिछले हफ्ते ही सीबीआई ने मेहुल चोकसी के खिलाफ 3 नए मामले दर्ज किए हैं. फिलहाल सरकार बैंकों के पैसे लेकर भागने वालों को देश वापस लाने के लिए दुनिया भर के कोर्ट में मामले लड़ रही है. इसके साथ ही इनकी जब्त संपत्तियों से भी पैसों को रिकवर करने की कोशिश की जा रही है.