home page

Business Idea : इस खेती से ये शख्स कमा रहा लाखों रुपये, जानिए खेती करने का तरीका

Agripreneurship : आज के समय की अगर बात की जाए तो अपना बिजनेस करने वालों की ज्यादा मौज है। इस स्पेशल प्लाटं की खेती कर आप लाखों के मालिक बन सकते हैं। 
 | 
Business Idea : इस खेती से ये शख्स कमा रहा लाखों रुपये, जानिए खेती करने का तरीका

HR Breaking News (ब्यूरो) : कोरोना काल में प्राइवेट जॉब करने वालों की क्या हालत हुई यह किसी से नहीं छिपी है. कई कंपनियों ने बड़े स्तर पर अपने यहां से कामगारों की छटनी कर दी. जिससे लाखों लोगों की नौकरियां चली गई. इसके बाद अधिकतर लोगों ने अपना खुद का शुरु किया. इसके लिए सरकार ने भी उन्हें प्रोत्साहित किया. यही वजह है कि सरकार अब ऐसे लोगों के लिए कई सारी योजनाएं चला रही है.

ये भी पढ़ें : पैसे की कमी नहीें रहने देगा ये बिजनेस, 50 हजार के निवेश में कमाए करोड़ों

जिसका लाभ लेकर लोग कम खर्चे में अपने बिजनेस की शुरुआत करें.
बिजनेस अगर सही तरीके से किया जाए तो इसके कई लाभ हैं. आज हम आपको एक ऐसे ही बिजनेस के संबंध जानकारी शेयर करने जा रहे हैं जिसमें आप बेहद कम पैसे लगाकर अच्छी खासी कमाई कर सकते हैं. इस बिजनेस को शुरू करने के लिए आपको 25 हजार रुपये निवेश करना होगा.

पांच साल बाद आप इससे 72 लाख रुपये की आमदनी आसानी से अर्जित कर सकते हैं.

ये भी पढ़ें : नौकरी से परेशान हाेकर खड़ा किया खुद का बिजनेस, आज बनी दुनिया की नंबर-1 कंपनी


नीलगिरी की खेती फायदे का सौदा


हम चर्चा कर रहे हैं नीलगिरी (Neelgiri Farming) यानी यूकेलिप्टस के पेड़ की खेती की. इसकी खेती को लेकर गांव में किसानों कम रुचि दिखाते हैं. लेकिन एक्सपर्ट्स की मानें तो अगर हम इसकी सही तरीके से खेती करें तो अच्छा खासा प्रोफिट कमाया जा सकता है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि इसकी पूरे भारत में खेती हो सकती है. इसकी खेती किसी भी मौसम में की जा सकती है. इस पर किसी मौसम या क्षेत्र का खास असर नहीं पड़ता.

जानें किस काम आता है यह पेड़


नीलगिरी के एक हेक्टेयर में 3 हजार से अधिक पौधे हम लगा सकते हैं. इसके पौधे नर्सरी 7-8 रुपये में आसानी से मिल जाते हैं. यह पेड़ मूल रूप से ऑस्ट्रेलियाई होते हैं. लेकिन, इसकी खेती भारत में भी होती है. इसके पेड़ों का उपयोग हार्डबोर्ड, लुगदी, फर्नीचर, पेटियां आदि बनाने के लिए किया जाता है. मध्य प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और बिहार सहित भारत के कई राज्यों में इसकी खेती हाल में शुरु हुई है.