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Gold Investment - इस सरकारी स्कीम में लोग धड़ा-धड़ कर रहे निवेश, मिल रहा 25 लाख तक का एक्सट्रा फायदा

Sovereign Gold Bond- दिवाली (Diwali) के त्योहार में महज कुछ दिन बचे हैं. आमतौर पर फेस्टिव सीजन में खर्च बढ़ जाता है और इन खर्चों को पूरा करने के लिए कर्ज (Loan) भी लेना पड़ जाता है. ऐसे में आज हम आपको एक सरकारी स्कीम के बारे में बताने जा रहे है। जिसमें लोग धड़ा-धड़ निवेश करके 25 लाख रुपये का एकस्ट्रा फायदा उठा रहे हैं।  
 
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HR Breaking News, Digital Desk- दिवाली (Diwali) के त्योहार में महज कुछ दिन बचे हैं. आमतौर पर फेस्टिव सीजन में खर्च बढ़ जाता है और इन खर्चों को पूरा करने के लिए कर्ज (Loan) भी लेना पड़ जाता है. ऐसे में बैंक के चक्कर काटने के बजाय और भी कई ऑप्शन मौजूद हैं, जो आपकी जरूरत को पूरा कर सकते हैं. इनमें से एक है Sovereign Gold Bond. गोल्ड लोन की तरह ही इसके जरिए भी आप 20,000 रुपये से लेकर 20 लाख रुपये तक का लोन ले सकते हैं.  


सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्‍कीम-


सोना (Gold) भारतीय लोगों के लिए हमेशा से पसंदीदा रहा है. इसकी गिनती इन्वेस्टमेंट (Gold Investment) के पारम्परिक तरीकों में भी होती है. खासकर इसे अनिश्चितता भरे समय में सुरक्षित निवेश माध्यमों में से एक माना जाता है. इसका कारण है कि यह लॉन्ग टर्म में हमेशा फायदा ही देकर जाता है. हालांकि सोने के जेवर-गहने आदि खरीदने के साथ में कुछ रिस्क भी होते हैं, जैसे चोरी हो जाने का डर, लॉकर में रखने पर उसका चार्ज आदि. ऐसे में सरकार सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्‍कीम (Sovereign Gold Bond Scheme) बेहद सुरक्षित है. सॉवरेन गोल्‍ड बॉन्‍ड एक तरह से फिजिकल सोने का ही रूप होता है, जिसकी  कीमत सरकार पहले ही तय कर देती है. 

सरकार की तरफ से ये बॉन्ड रिजर्व बैंक जारी करता है. इन्हें बैंकों (स्मॉल फाइनेंस बैंकों और पेमेंट बैंकों को छोड़कर), स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ  इंडिया लिमिटेड, नॉमिनेटेड डाक घरों और मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों जैसे नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज लिमिटेड और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज लिमिटेड के माध्यम से खरीदा जा सकता है. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम के तहत कोई भी व्यक्ति एक ग्राम सोना खरीदकर निवेश की शुरुआत कर सकता है. किसी एक वित्त वर्ष के दौरान सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम में ज्यादा से ज्यादा 4 किलो सोना खरीदा जा सकता है. अविभाजित हिंदू परिवारों और ट्रस्‍टों के लिए ये लिमिट 20 किलो तय की गई है. 

आसानी से मिल जाता है लोन-


गोल्‍ड लोन की तरह ही Sovereign Gold Bond के जरिए भी जरूरत के समय आसानी से लोन लिया जा सकता है. खास बात ये है कि इस ऑप्शन से लोन लेना न सिर्फ पर्सनल लोन के मुकाबले सस्‍ता पड़ता है, इसके लिए ज्यादा परेशान भी नहीं होना पड़ता. इसके जरिए लोन पाने के लिए ऐसे निवेशक अप्लाई कर सकते हैं, जिन्होंने सरकार की ओर से जारी सॉवरेन गोल्‍ड बॉन्‍ड को खरीदा है, वह संबंधित बैंक या एनबीएफसी (NBFC) में इसके बदले लोन के लिए आवेदन करने के हकदार हैं. SGB पर लोन पाने के लिए जरूरी है कि निवेशक के पास डिमैट अकाउंट हो. बॉन्‍ड खरीदने वाला 21 साल से अधिक उम्र का कोई भी नागरिक इसके एवज में लोन प्राप्‍त कर सकता है. 


20 से 25 लाख तक ले सकते हैं लोन-


निजी और सरकारी क्षेत्र के बैंक अपने हिसाब से लोन की राशि तय करते हैं. एक ओर जहां स्टेट बैंक ऑफ इंडिया Sovereign Gold Bond के बदले मिनिमम 20,000 रुपये से मैक्सिमम 20 लाख रुपये का तक का लोन मुहैया कराता है. तो वहीं कुछ बैंकों में ये लिमिट मिनिमम 50,000 रुपये से लेकर 25 लाख रुपये तक भी होती है. कुछ बैंक में इसके जरिए आप छोटा या 10,000 रुपये तक का लोन भी अपनी जरूरत के अनुसार ले सकते हैं.  


बैंक वसूलते हैं अलग-अलग ब्याज- 


सॉवरेन गोल्‍ड बॉन्‍ड (Sovereign Gold Bond) के बदले लोन देने वाले बैंकों में ब्याज दरें भी अलग-अलग होती है. कैनरा बैंक समेत कुछ बैंक महज 8 फीसदी की ब्याज दर पर भी लोन देने के लिए तैयार रहते हैं. जबकि, भारतीय स्टेट बैंक (SBI) गोल्ड बॉन्ड पर लोन देने के एवज में 9.70  का ब्याज वसूल करता है. यूनियन बैंक में कर्ज की ब्याज दर करीब 10 फीसदी है. कुछ बैंकों में ब्याज की दर 13 से 15 फीसदी तक जाती है. 


इस लोन की अवधि 2-3 साल-


यहां बता दें कि गोल्ड बॉन्ड के बदले दिए जाने वाले लोन के लिए बैंक अपना निर्धारित प्रोसेसिंग शुल्क भी वसूल करते हैं. इस लोन की अवधि 24 महीने यानी दो या 36 महीने यानी तीन साल की होती है. इसके लिए बैंक में एक फॉर्म भरना होता है और लोन लेने से पहले ग्राहक को अपना डीमैट अकाउंट खुलवाना जरूरी होता है. भारत का कोई भी नागरिक, ट्रस्ट, एचयूएफ, चैरिटी संस्थान और यूनिवर्सिटी, जिसने SGB में निवेश किया है वो लोन ले सकते हैं.