home page

Loan Tips पर्सनल लोन लेने से पहले इन बातों का रखें ध्यान, होगी बड़ी बचत

अचानक पैसों की जरूरत पड़ने पर पर्सनल लोन (persnol loan) हमारे लिए बेहतर ऑप्शन साबित होता है लेकिन लोन (loan) लेते समय इन बातों का ध्यान न रखना कही बार हमारे लिए गले की फांस भी बन जाता है। आइए जाते है आपको लोन को लेकर कुछ टिप्स बताते है जिससे आपको ईएमआई में लगने वाले ब्याज दरों में काफी बचत करने का काम करेंगे
 
 | 

HR Breaking News, डिजिटल डेस्क नई दिल्ली, पैसों की अचानक पड़ने वाली जरूरत को पूरा करने के लिए लोग लोन का सहारा लेते हैं. फिर चाहे वह किसी बीमारी के लिए हो, घर खरीदने या  बेटी की शादी के लिए या फिर किसी अन्य खर्च के लिए क्यूं ना हो. इस बीच होम या ऑटो लोन को छोड़कर बात करते हैं, पर्सनल लोन (Personal Loan) की. पर्सनल लोन ना आसान जरूर होता है, लेकिन अगर आपने कुछ बातों का ध्यान नहीं रखा तो ये आपके लिए परेशानी का सबब बन सकता है. 

 
क्या होता है पर्सनल लोन?
Personal Loan दरअसल, एक अन-सिक्योर्ड लोन होता है, मतलब इसके लिए गोल्ड (Gold) और होम लोन (Home Loan) की तरह कोई कोलैटेरल या सिक्योरिटी नहीं जमा करना पड़ती है. सीधे शब्दों में कहें तो उधारकर्ता को कोई गारंटी या कुछ गिरवी रखने की जरूरत नहीं होती है. इस लोन की भुगतान अवधि आमतौर पर 12 से 60 महीनों के बीच होती है. होम लोन या कार लोन (Car Loan) के विपरीत इस लोन का उपयोग किसी भी तरह की आवश्यकता को पूरा करने के लिए किया जा सकता है जैसे, मेडिकल इमरजेंसी, शादी या फिर पढ़ाई का खर्च

 

ब्याज दरों के हिसाब से करें चुनाव 

पर्सनल लोन लेते समय आर ब्याज दर (Interest Rates) का आकलन जरूर करें. क्योंकि अन्य किसी भी तरह के लोन की तुलना में  पर्सनल लोन की ब्याज दरें ज्यादा रहती हैं. ये 10 से 24 फीसदी तक हो सकती हैं. ब्याज दर जितनी ज्यादा होगी, आपकी ईएमआई (EMI) उतनी ही अधिक बनेगी. ऐसे में पहली बात तो ये ध्यान में रखें कि पर्सनल लोन (Personal Loan) वहीं से लें, जहां सबसे कम ब्याज दर हो. 


समय पर भुगतान करने में भलाई 
पर्सनल लोन चाहे किसी भी काम के लिए लिया गया, इस बात का विशेष ध्यान रखना जाहिए कि उसकी किस्त का भुगतान (Loan Payment) बिना देरी के समय पर हो. क्योंकि भुगतान में चूक का असर आपको आगे किसी भी तरह का लोन लेते समय पड़ सकता है. दरअसल, इसका कारण ये है कि पेमेंट सही समय पर ना करना आपके क्रेडिट स्कोर (Credit Score) पर इफेक्ट डालता है. क्रेडिट स्कोर खराब होने से भविष्य में लोन लेना (Loan) मुश्किल हो जाता है, क्योंकि ज्यादातर कर्जदाता इसी के आधार पर लोन अप्रूव करते हैं.  


कर्ज उतना लें, जितना चुका पाएं 
किसी भी कर्ज का जाल आमतौर पर बेहद खराब होता है. कभी-कभी ऐसी स्थिति सामने आ जाती है, कि आप उसे ईएमआई (EMI) भरने में भी असमर्थ होते हैं. ऐसे में आपके द्वारा लिया गया कर्ज सिरदर्द बन जाता है. इसलिए बहुत जरूरी है कि आसानी से मिलने वाले पर्सनल लोन को लेते समय इस बात का ध्यान रखें कि जितनी जरूरत हो उतना ही लोन लें. यानी जिस राशि का भुगतान आप आसानी से कर सकें उतना कर्ज लें. 


कितने साल के लिए लोन लेना है?
पर्सनल लोन लेते समय इस बात का भी ध्यान रखें कि आप कितनी अवधि के लिए लोन लेना चाहते हैं. लंबी अवधि के लिए लोन लेने का मतलब है कि आपकी मासिक किस्त (EMI) की छोटी हो जाएगी. लेकिन आपको लंबे समय तक इसे भरना होगा और ब्याज भी ज्यादा देना होगा. वहीं अगर भुगतान अवधि कम रखते है...  तो ईएमआई जरूर ज्यादा होगी, लेकिन ब्याज कम देना होगा. ऐसे में अपनी जरूरत के हिसाब से Personal Loan की अवधि का चयन करें.