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OPS Vs NPS : जानिए पुरानी और नई पेंशन स्कीम में क्या है फर्क, किसमें कितना मिलता है फायदा

old pension scheme vs new pension scheme पहले कर्मचारियों को पुरानी पेंशन स्कीम के तहत रिटायरमेंट के बाद एक निश्चित पेंशन मिला करती थी वहीं अब पेंशन रिटायरमेंट के समय कर्मचारियों के वेतन पर आधारित होती है। आइए  जानते है पुरानी और नई पेंशन स्कीम दोनों में क्या है फर्क
 
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OPS Vs NPS : जानिए पुरानी और नई पेंशन स्कीम में क्या है फर्क, किसमें कितना मिलता है फायदा

HR Breaking News, डिजिटल डेस्क नई दिल्ली, जैसे-जैसे चुनाव पास आते हैं, ओल्ड पेंशन स्कीम (Old Pension Scheme) का मुद्दा गर्माने लगता है। कुछ ऐसा ही इस समय गुजरात (Gujarat) में देखने को मिल रहा है। गुजरात में विधानसभा चुनाव (Gujarat Assembly Election) होने हैं। इस समय कई राजनीतिक पार्टियां गुजरात में चुनाव प्रचार में लगी हैं। आम आदमी पार्टी (AAP) भी इनमें से एक है। आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने मंगलवार को गुजरात की जनता से एक बड़ा वादा कर दिया। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी सत्ता में आती है, तो सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना लागू कर दी जाएगी। आइए जानते हैं कि पुरानी और नई पेंशन योजना (New Pension Scheme) में क्या फर्क है और किसमें कर्मचारियों को क्या-क्या फायदे हैं।


कब लागू हुई थी नई पेंशन स्कीम?
साल 2004 से पहले कर्मचारियों को पुरानी पेंशन स्कीम के तहत रिटायरमेंट के बाद एक निश्चित पेंशन मिलती थी। यह पेंशन रिटायरमेंट के समय कर्मचारी के वेतन पर आधारित होती थी। इस स्कीम के तहत रिटायर्ड कर्मचारी की मौत के बाद उसके परिजनों को भी पेंशन का प्रावधान था। अटल बिहारी वाजपेई की सरकार ने अप्रैल 2005 के बाद नियुक्त होने वाले कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन स्कीम को बंद कर दिया था। इसकी जगह नई पेंशन योजना (New pension scheme) लागू की गई थी। इसके बाद राज्यों ने भी नई पेंशन योजना को अपना लिया।


ऐसी है पुरानी पेंशन स्कीम (OPS)

1. इस स्कीम में रिटायरमेंट के समय कर्मचारी के वेतन की आधी राशि पेंशन के रूप में दी जाती है।

2. पुरानी स्कीम में जनरल प्रोविडेंट फंड यानी GPF का प्रावधान है।

3. इस स्कीम में 20 लाख रुपये तक ग्रेच्युटी की रकम मिलती है।

3. पुरानी पेंशन स्कीम में भुगतान सरकार की ट्रेजरी के माध्यम से होता है।
4. रिटायर्ड कर्मचारी की मृत्यु होने पर उसके परिजनों को पेंशन की राशि मिलती है।

5. पुरानी पेंशन स्कीम में पेंशन के लिए कर्मचारी के वेतन से कोई पैसा नहीं कटता है।

6. इसमें छह महीने बाद मिलने वाले DA का प्रावधान है।

नई पेंशन स्कीम में क्या है खास ?

1. नई पेंशन स्कीम (NPS) में कर्मचारी की बेसिक सैलरी+ डीए का 10 फीसद हिस्सा कटता है।

2. एनपीएस शेयर बाजार पर आधारित है। इसलिए यह पूरी तरह सुरक्षित नहीं है।

3. इस स्कीम में रिटायरमेंट पर पेंशन पाने के लिए एनपीएस फंड का 40% निवेश करना होता है।

4. यहां रिटायरमेंट के बाद निश्चित पेंशन की गारंटी नहीं होती।

5. एनपीएस शेयर बाजार पर आधारित है, इसलिए यहां टैक्स का भी प्रावधान है।

6. इसमें छह महीने बाद मिलने वाले DA का प्रावधान नहीं है।


बिगड़ जाएगी राज्यों की वित्तीय स्थिति

अर्थशास्त्रियों ने चेतावनी दी है कि एनपीएस से पुरानी पेंशन योजना में वापस जाना राज्यों के वित्त के लिए विनाशकारी परिणाम ला सकता है। बता दें कि भारत का संवैधानिक ऑडिटर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) पुरानी पेंशन स्कीम से राज्यों की वित्तीय स्थिति पर पड़ने वाले बोझ का पता लगा रहा है। सीएजी की एक डिवीजन लंबी अवधि के और अल्पकालिक प्रभावों का पता लगाने के लिए पुरानी पेंशन योजना पर वापस लौटने से जुड़े विभिन्न पहलुओं को देख रहा है।