CIBIL Score : सिबिल स्कोर नहीं होगा खराब, RBI ने ग्राहकों के हित में बना दिए नए नियम
CIBIL Score News : सिबिल स्कोर खराब होने पर बैंक लोन देने से मना कर देते हैं। ऐसे में ग्राहक को अपनी जरूरत के समय आर्थिक मदद नहीं मिल पाती। अब आरबीआई (RBI rules for cibil score) ने बैंक ग्राहकों के हित में खास नियम बनाए हैं। इनके लागू होने पर सिबिल स्कोर खराब नहीं होगा। आइये जानते हैं इन नियमों के बारे में।
HR Breaking News : (CIBIL Score)। जब भी कोई उपभोक्ता लोन या क्रेडिट कार्ड लेने के लिए बैंक जाता है तो सिबिल स्कोर सबसे पहले चेक किया जाता है। सिबिल स्कोर (CIBIL Score new Rules) को लेकर अब आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है। आरबीआई ने ग्राहकों के हित में सिबिल स्कोर से जुड़े कई नियम तय किए हैं। इन नियमों का पालन करने पर ग्राहकों का सिबिल स्कोर खराब नहीं होगा। आरबीआई (RBI Guidelines) ने बैंकों व क्रेडिट इंफोर्मेशन ब्यूरो को इन नियमों को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए हैं।
शिकायत मिलने के बाद RBI ने उठाया कदम-
कई बार सिबिल स्कोर (RBI rules for cibil score) बैंकों की गलती या चूक के कारण भी खराब हो जाता है। ऐसे में ग्राहक की खुद की गलती न होने के कारण बेवजह ही परेशानी होती है। सिबिल स्कोर को लेकर इस तरह की शिकायतें आरबीआई (RBI) को मिली तो सिबिल स्कोर (how to improve cibil score) से जुड़े नए नियम तय कर दिए। अब बैंक व क्रेडिट ब्यूरो के स्तर पर सिबिल स्कोर में गड़बड़ी मिलती है तो तुरंत इस समस्या का समाधान होगा।
1. बैंक देंगे सिबिल स्कोर चेक करने की सूचना-
भारतीय रिजर्व बैंक (reserve bank of india) की ओर से सिबिल स्कोर से जुड़े नए नियमों के अनुसार बैंकों को अब सिबिल स्कोर चेक करने पर ग्राहक को इसकी सूचना देते हुए सिबिल स्कोर चेक (how to check cibil score) करने के बारे में बताना होगा। सिबिल स्कोर तय करने वाली सभी क्रेडिट इन्फार्मेशन कंपनियां भी यह मॉनीटरिंग करेंगी कि बैंक या एनबीएफसी (non banking finance companies) की ओर से किसी ग्राहक का सिबिल स्कोर या क्रेडिट रिपोर्ट (credit report) चेक की जाती है तो संबंधित ग्राहक को ईमेल या एसएमएस से इस बारे में सूचना दें।
2. बिना कारण बताए नहीं की जाएगी रिक्वेस्ट रिजेक्ट-
कोई ग्राहक बैंक में लोन (bank loan news) या क्रेडिट के लिए आवेदन करता है तो उसकी रिक्वेस्ट को बिना बताए रिजेक्ट नहीं किया जा सकता। अगर किसी की रिक्वेस्ट रिजेक्ट होती है तो उसका कारण बताना होगा। हर माह इस तरह के कारणों की लिस्ट बैंकों की ओर से सभी क्रेडिट सूचना कंपनियों को भेजी जानी जरूरी है।
3. बिना बताए नहीं किया जा सकता डिफॉल्टर घोषित-
अब कोई लोनधारक या क्रेडिट कार्ड लेने वाला ईएमआई (loan EMI) या बिल का भुगतान नहीं करता है तो बैंक उसे डिफॉल्टर घोषित कर देते हैं। अब यह कदम ग्राहक को सूचना दिए बिना बैंकों की ओर से नहीं उठाया जा सकता। बैंकों को डिफॉल्टर घोषित (loan Defaulter) करने से पहले मैसेज या मेल से सूचना देकर ग्राहक को कारण सहित स्पष्ट रूप से इस बारे में बताना होगा। आरबीआई के अनुसार बैंक लोगों की सिबिल स्कोर (RBI Rules for cibil score) से जुड़ी समस्याएं हल करने के लिए नोडल अफसर नियुक्त कर सकते हैं।
4. समस्या के समाधान के लिए समय तय-
सिबिल स्कोर (cibil score new rules) से जुड़ी समस्या के समाधान के लिए अब आरबीआई ने समय निर्धारित कर दिया है। 30 दिनों की तय अवधि तक ग्राहक की समस्या का हल बैंक या क्रेडिट इंफोर्मेशन कंपनी को करना होगा। इसके लिए ग्राहक की ओर से शिकायत किए जाने के बाद बैंकों (bank rules on cibil score) को 21 दिन व क्रेडिट ब्यूरो को 9 दिन मिलेंगे। लेट होने पर हर दिन के हिसाब से 100 रुपये जुर्माना जिम्मेदार संस्थान को देना होगा।
5. फुल क्रेडिट रिपोर्ट के लिए मुफ्त रहेगी सुविधा-
क्रेडिट कंपनियां साल में एक बार फुल क्रेडिट रिपोर्ट (credit report rules) की जानकारी साझा करेंगी। यह सुविधा ग्राहकों को मुफ्त में दी जाएगी। RBI के नए नियमों (RBI new rules) के अनुसार इसके लिए क्रेडिट कंपनियां अपनी वेबसाइट पर लिंक दे सकती हैं। इस लिंक के जरिये ग्राहक अपनी सिबिल रिपोर्ट व क्रेडिट हिस्ट्री (credit history) जान सकेंगे और सिबिल स्कोर देखते हुए लोन आदि लेने या न लेने का निर्णय भी कर सकेंगे।
6. ग्राहक यहां कर सकते हैं शिकायत-
बैंक और क्रेडिट इंफॉर्मेशन ब्यूरो (Credit Information Bureau) की ओर से अगर सिबिल स्कोर में गड़बड़ी है तो इसकी शिकायत सिबिल की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन दर्ज की जा सकती है। इसके अलावा ग्राहक सेवा नंबर पर भी संपर्क किया जा सकता है। 30 दिनों में भी समस्या का समाधान नहीं होता है तो बैंक ग्राहक भारतीय रिजर्व बैंक (reserve bank of india) के पास अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है।
