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Income Tax New Rules : बदल जाएगा इनकम टैक्स भरने का तरीका, टैक्सपेयर्स जान लें नए इनकम टैक्स बिल से जुड़ी 10 जरूरी बातें

Income Tax Rules : बजट 2025 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नए टैक्स स्लैब को लेकर अहम जानकारी दी थी। अब सालभर में की जाने वाली कमाई पर टैक्स के नियम बदलने के साथ ही टैक्स कानून भी बदल जाएगा। इतना ही नहीं, टैक्स नियमों व कानून (new income tax law) में बदलाव से करदाताओं के लिए इनकम टैक्स भरने का तरीका भी पूरी तरह से चेंज हो जाएगा। नए इनकम टैक्स कानून में कई चीजें अलग होंगी, इसलिए टैक्सपेयर्स के लिए खासतौर से नए इनकम टैक्स बिल (new income tax bill) से जुड़ी ये 10 बातें जान लेनी जरूरी हैं।
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Income Tax New Rules : बदल जाएगा इनकम टैक्स भरने का तरीका, टैक्सपेयर्स जान लें नए इनकम टैक्स बिल से जुड़ी 10 जरूरी बातें

HR Breaking News - (income tax) अब नए टैक्स नियमों के अनुसार 12 लाख तक की कमाई को इनकम टैक्स फ्री कर दिया गया है। टैक्स स्लैब (new income tax slabs) बदलने के अलावा कर भुगतान के कई और नियमों में भी सरकार की ओर से परिवर्तन कर दिया गया है। टैक्स से जुड़े तमाम प्रावधानों की स्पष्टता के लिए अब इनकम टैक्स कानून भी जल्द बदलने वाला है। इसके लिए इनकम टैक्स बिल पेश होने जा रहा है। इसके बाद टैक्स भरने का तरीका भी पहले जैसा नहीं रहेगा, इतने बड़े बदलाव के चलते टैक्सपेयर्स (latest update for taxpayers) को भी इस इनकम टैक्स बिल से अपडेट होना जरूरी है। आइये जानते हैं नए इनकम टैक्स बिल (income tax bill) से जुड़ी 10 खास और बड़ी बातें।

 


पुराने टैक्स नियमों को भुला देगा यह कानून -


नया इनकम टैक्स बिल (Income tax new bill update) कल ही संसद में पेश किया जा सकता है। इसका मुख्य उद्देश्य टैक्स कानूनों को सरल बनाना और मुकदमेबाजी कम करना है। वर्तमान इनकम टैक्स एक्ट, 1961 में अब तक 66 बदलाव किए जा चुके हैं यानी हर बजट के समय इसे बदला गया है। अब फिर इसे बदलने की तैयारी है। नया टैक्स कानून 1 अप्रैल, 2026 से लागू होने की संभावना है, जो 64 साल पुराने कानून की जगह पर इस्तेमाल किया जाएगा। इस बिल को हाल ही में कैबिनेट ने मंजूरी दी है, जो इसे आगे बढ़ाने की दिशा में एक अहम कदम है। नए कानून से आम नागरिकों और कारोबारियों के लिए टैक्स (Income tax new bill) प्रक्रिया को समझना आसान होगा। 


नए नियमों का यह पड़ेगा प्रभाव -


विशेषज्ञों के अनुसार, नया कानून टैक्स की प्रक्रिया को और सरल बनाएगा, जिससे नागरिकों को टैक्स भरने में आसानी होगी। अब बजट का इंतजार किए बिना सरकार खुद टैक्स (New Tax bill update) नियमों में बदलाव कर सकेगी। हालांकि, कई लोग इस परेशानी में हैं कि क्या यह बदलाव सच में कार्यान्वयन में सरल होंगे। सरकार का मानना है कि नए प्रस्ताव से टैक्स संबंधित कामकाजी प्रक्रियाओं में सुधार होगा और लोगों को टैक्स से जुड़ी परेशानियों में कमी आएगी। यह संशोधन टैक्स प्रणाली (amendment in tax system) को ज्यादा प्रभावी बनाएगा। आइए जानते हैं इससे जुडी 10 बातें जिनका सीधा प्रभाव करदाताओं पर भी पड़ेगा।

 


1. इस कंफ्यूजन को किया जाएगा दूर -


नई टैक्स प्रणाली में एक ही साल को टैक्स निर्धारण के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। इससे टैक्स देने वाले लोगों को फाइनेंशियल और असेसमेंट ईयर (financial and assessment year difference) के बीच का अंतर समझने में मदद मिलेगी। पहले की तुलना में यह तरीका सरल होगा, क्योंकि एक ही साल को टैक्स का आधार माना जाएगा।  इस समय लागू असेसमेंट ईयर और प्रीवियस ईयर (फाइनेंशियल ईयर) कंफ्यूज करने वाला है। इसे टैक्स ईयर (tax year new rule) में बदलकर इस कंफ्यूजन को दूर किया जाएगा। नई व्यवस्था में प्रावधान होगा कि अगर आप 1 अप्रैल 2025 से 31 मार्च 2026 तक कमाई करेंगे, तो उसी वर्ष को टैक्स वर्ष 2025-26  माना जाएगा, जिसे समझना आसान होगा। यह बदलाव लोगों को टैक्स भरने और रिटर्न फाइल (how to file ITR) करने में सुविधा देगा।
 

2. फाइनेंशियल ईयर शुरू होने की तारीख वही रहेगी -


अब तक वित्त वर्ष को 1 अप्रैल से 31 मार्च तक माना जाता रहा है और आगे भी ऐसा ही रहेगा। नए टैक्स बिल (nya tax bill kab lagu hoga) के तहत, फाइनेंशियल ईयर में कोई बदलाव नहीं किया गया है। नए बिल में पहले की तरह ही 1 जनवरी से कैलेंडर ईयर  और 1 अप्रैल से वित्त वर्ष या टैक्स ईयर (tax year kya hai) ही माना जाएगा। इसी कारण टैक्सपेयर्स को भी आय और रिटर्न की समय सीमा को समझने में कोई बदलाव नहीं दिखेगा।


3. इन धाराओं में हो सकता है बदलाव -


नए टैक्स बिल में कुछ धाराओं (sections of Iicome tax) में बदलाव हो सकता है, जैसे रिटर्न फाइलिंग से जुड़ी धाराओं को बदला जा सकता है। फिलहाल, इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग का मसौदा सेक्शन 139 (Income Tax Return Filing Section 139) में है, लेकिन न्यू टैक्स रिजीम में यह सेक्शन 115BAC के तहत आती है। नए बिल में इन दोनों धाराओं को आसानी से पेश करने के लिए बदला जा सकता है। नए इनकम टैक्स एक्ट 2025 (income tax act 2025) में कई और धाराएं भी बदली जा सकती हैं। 
 

4. पहले जैसे हैं रेजिडेंसी कानून -


नए बिल में रेजिडेंसी कानूनों में कोई परिवर्तन नहीं होगा। वर्तमान कानून में टैक्सपेयर्स की रेजिडेंसी का निर्धारण तीन श्रेणियों जैसे ऑर्डिनरी, नॉन-ऑर्डिनरी (Non-Ordinary Residency rules) और एनआरआई के तहत किया जाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि इन नियमों में संशोधन की आवश्यकता है। वर्तमान व्यवस्था के तहत, करदाताओं को अपनी निवास स्थिति निर्धारित करने के लिए पिछले 10 वर्षों का रिकॉर्ड देखना पड़ता है। इस प्रक्रिया में यह जानने के लिए कि व्यक्ति ने कितने दिन देश में बिताए, पुरानी जानकारी की समीक्षा करनी होती है।


5. नए बिल में इतनी धाराएं शामिल -


टैक्स मामलों से जुड़े जानकार कहते हैं कि नए इनकम टैक्स बिल (IT bill latest update) में 23 चैप्टर, 536 धाराएं और 16 अनुसूचियां हैं, जबकि मौजूदा आयकर कानून  में 298 धाराएं और 14 अनुसूचियां ही हैं। इसमें 600 से अधिक पन्नों का होना आयकर अधिनियम के विस्तार और व्यापकता को दर्शाता है। हालांकि नए इनकम टैक्स कानून (income tax kanoon) को सरल बनाने के प्रयास किए गए हैं, ताकि टैक्सपेयर्स को अधिक आसानी हो सके।


6 क्यों हो रहे पुराने कानून में बदलाव -


नए कानून में करदाताओं के लिए समझने में आसानी लाने के लिए कई बदलाव किए गए हैं। पुराने जटिल शब्दों और अवधारणाओं को हटाकर नए और सरल नियम (New Tax Rules) पेश किए गए हैं। अब कर वर्ष की अवधारणा को पहले के बजाय लागू किया गया है, जिससे समय की गणना सरल हुई है। इसके अलावा, कटौतियों के लिए नियमों को एक स्थान पर संकलित किया गया है। जैसे कि वेतन से होने वाली सामान्य कटौतियां (exemptions in tax), जैसे बोनस, छुट्टियों का नकदीकरण और अन्य भत्ते, अब अलग-अलग स्थानों पर नहीं, बल्कि एक जगह पर मिलेंगी। इससे कर्मचारियों को इन कटौतियों को समझने में आसानी होगी। 
 

7 कैसे होगी डिवैल्यूवेशन की गणना -


इस विधेयक में कंपनियों के लिए भी प्रावधान किए गए हैं, जिनके तहत अवमूल्यन की गणना (calculation of devaluation) एक सरल सूत्र के अनुसार की जाएगी, जिससे जटिलता कम हो गई है। अब कंपनियों को अपनी संपत्तियों के मूल्य में कमी की गणना करने में मुश्किल नहीं होगी। नए बिल का उद्देश्य यह है कि करदाताओं और कंपनियों दोनों को नियमों को समझने में आसानी हो और कोई भी अनावश्यक जटिलता ना हो।


8. TDS को लेकर नियम- 


नए इनकम टैक्स बिल के अनुसार, सभी TDS से संबंधित वर्गों को एक जगह किया गया है और इसे सरल टेबल्स में रखा गया है ताकि समझने में आसानी हो। हालांकि, इसका मतलब यह है कि रिपोर्टिंग के लिए फॉर्म और यूटिलिटीज में बदलाव करने की जरूरत होगी। इससे TDS नियमों (Tax Deduction System) का पालन करना आसान होगा, लेकिन प्रशासनिक बदलाव आवश्यक होंगे।
 

9. ITR की तारीख को लेकर नहीं कोई बदलाव -


2025 के बजट में यह घोषणा की गई कि आयकर रिटर्न (income tax return) और पूंजीगत लाभ कराधान में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। इसका मतलब यह है कि टैक्सपेयर्स के लिए रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा में कोई नया बदलाव नहीं होगा, यह पहले की तरह यथावत रहेगी।


10. कब से लागू होगा नया टैक्स कानून -


नए आयकर बिल (New Tax bills) को 1 अप्रैल, 2026 से यानी अगले वित्त वर्ष 2026-27 से लागू करने की योजना है। इसका मतलब है कि वित्तीय वर्ष 2025-26 तक पुराने टैक्स नियमों व कानूनों (new tax bills rules) के तहत टैक्स की गणना और रिपोर्टिंग की जाएगी। इस बदलाव का असर अगले वित्तीय वर्ष से दिखाई देगा और नई व्यवस्था उसी समय से लागू होगी।