Income Tax : इनकम टैक्स की धारा 80C खत्म, टैक्सपेयर्स जान लें अब कैसे मिलेगा 1.5 लाख का लाभ
Income tax Rules : सरकार ने इनकम टैक्स कानून में एक महत्वपूर्ण बदलाव किया है, जिससे टैक्सपेयर्स को नए विकल्पों का सामना करना होगा। पहले इनकम टैक्स की धारा 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक की टैक्स में छूट मिलती थी। अब नए इनकम टैक्स बिल (New income tax bill) में इस धारा को ही खत्म कर दिया गया है। इससे कई लोग कंफ्यूजन में हैं कि अब यह लाभ मिलेगा या नहीं और मिलेगा तो कैसे मिलेगा? आइये जानते हैं पूरी डिटेल।
HR Breaking News : (New IT rules) आयकर कानून में एक बड़ा बदलाव आया है, जिसने सभी टैक्सपेयर्स को चौंका दिया है। सरकार ने इनकम टैक्स की धारा 80C (IT section 80C) को खत्म कर दिया है। यह धारा 1.5 लाख तक का टैक्स बचाने के लिए सबसे लोकप्रिय तरीकों में से एक थी। अब इस नियम के खत्म होने के बाद, टैक्सपेयर्स को कुछ नए विकल्पों को तलाशते हुए उनके बारे में जानकारी जुटानी होगी खबर में जानिये अब कैसे यह लाभ टैक्सपेयर्स (latest update for taxpayers) को मिल सकता है।
क्या है संसद में नया प्रस्ताव -
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitaraman) द्वारा इनकम टैक्स व्यवस्था में बदलाव के लिए एक नया प्रस्ताव संसद में पेश किया गया। इसका उद्देश्य कर नियमों को आसान और स्पष्ट बनाना है, ताकि लोग इसे आसानी से समझ सकें। इसके तहत इनकम टैक्स स्लैब (new income tax slabs) में परिवर्तन किया गया है। इस समय नया इनकम टैक्स बिल समीक्षा के दौर से गुजर रहा है और बाद में इसे नए टैक्स कानून (new income tax act) के रूप में लागू किया जाएगा। इस प्रस्ताव पर टैक्स देने वालों में दिलचस्पी और चर्चा बढ़ गई है।
कब होता था धारा 80C का लाभ -
अगर आप पुरानी टैक्स प्रणाली के तहत टैक्स भरते हैं, तो आपको धारा 80C के तहत कुछ निवेश विकल्पों से लाभ होता है। इनमें कुछ निवेश योजनाएं शामिल हैं, जो टैक्स बचत के लिए मददगार हैं। इन योजनाओं के तहत आप एक निश्चित राशि तक कर में छूट पा सकते हैं। इसके जरिए आपकी बचत योजनाओं जैसे इक्विटी-लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS), पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF), जीवन बीमा प्रीमियम, नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS), और टैक्स-सेवर डिपॉजिट में निवेश करना आसान होता है। यह तरीका उन लोगों के लिए उपयोगी है, जो अपनी टैक्स देनदारी 1.5 लाख रुपये तक कम करना चाहते हैं।
धारा 80C वाले प्रावधान अब धारा 123 में-
नए बिल प्रस्ताव में एक महत्वपूर्ण बदलाव हुआ है, जिसके अनुसार धारा 80सी की कुछ छूट अब एक नई धारा 123 के तहत आएंगी। इसके तहत, किसी व्यक्ति या परिवार जैस हिंदू अविभाजित परिवार (Hindu Undevided Family) (HUF) को उस वर्ष में किए गए भुगतान या जमा पर छूट मिलेगी, लेकिन इसकी सीमा 1.5 लाख रुपये तक होगी। यह छूट निर्धारित राशियों के कुल के बराबर होगी, लेकिन एक निश्चित राशि से अधिक नहीं मिल पाएगी। इससे नए नियमों के तहत छूट प्राप्त करना सरल हो जाएगा।
छूट देने वाले कई तरीकों को रखा इस धारा में-
टैक्स विशेषज्ञों के अनुसार नया आयकर बिल पुराने कानून के एक हिस्से की तरह है। यह नए नियमों की धारा 123 में बचत के विकल्पों की सूची प्रदान करता है, जो आयकर अधिनियम 1961 की धारा 80C (Section 80C of Income Tax Act 1961) में टैक्स की छूट देने वाले विभिन्न तरीकों को स्पष्ट करता है। यह बदलाव विशेष रूप से टैक्स प्लानिंग के लिए उपयोगी है, जिसे शेड्यूल XV के साथ पढ़ा जाएगा और इसमें आयकर बचाने के उपायों का विस्तार से विवरण मिलता है।
नए बिल में हुए ये बदलाव -
नए आयकर बिल में 622 पन्ने और 536 धाराएं शामिल हैं। यह बिल पुराने कानून के मुकाबले विस्तृत है और कई अप्रासंगिक धाराओं को छोड़कर बाकी को शामिल किया गया है। इसमें हर धारा का एक विशेष खंड दिया गया है। इससे नया बिल (Income Tax new bill) ज्यादा स्पष्ट और व्यवस्थित तरीके से टैक्स से जुड़ी जानकारी प्रदान करता है, जिससे टैक्स से संबंधित नियमों को समझना और लागू करना आसान होगा। इनकम टैक्स कानून के नए प्रावधान अगले साल नए वित्त वर्ष 1 अप्रैल 2026 से लागू किए जाएंगे।
अधिनियम में हैं कुछ विशेष धाराएं -
टैक्स विशेषज्ञों के अनुसार, 1961 के आयकर अधिनियम में धारा 80, 80C, 80D, 80E (Section 80 in Income Tax Act) में कुछ विशेष धाराएं थीं, लेकिन नए बिल में इन धाराओं की पुनः संख्या निर्धारित की गई है, जो कि धारा संख्या 298 के तहत निहित की गई हैं। इस बदलाव से धाराओं की कुल संख्या बढ़कर 500 तक या उससे अधिक हो सकती है। हालांकि, इसका उद्देश्य कर कानूनों को सरल और अधिक स्पष्ट बनाना है। नया बिल टैक्स प्रणाली (New Tax Regime) को समझने में आसानी प्रदान करता है, जिससे करदाताओं को नियमों को पालन करना और उनके फायदे प्राप्त करना सरल हो सके।
