Income Tax : 15 साल पुराने मामलों में टैक्स नोटिस भेज रहा विभाग, टैक्सपेयर हुए परेशान
Income Tax notice : इनकम टैक्स विभाग के इस कमा की वजह से आज बहुत सारे टैक्सपेयर परेशान हो रहे हैं क्योंकि विभाग उन्हें 15 साल पुराने कुछ मामलों में टैक्स नोटिस भेज रहा है और टैक्स भरने के लिए बोल रहा है | क्या है ये मामला, आइये नीचे खबर में विस्तार से जानते हैं
HR Breaking News, New Delhi : अगर आप पिछले 10 से 15 सालों से आयकर का भुगतान कर रहे हैं तो यह खबर आपके कान खड़े कर देगी. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की तरफ से 15 साल पुराने कुछ मामलों में टैक्स नोटिस आयकरदाताओं को भेजे गए हैं. इन नोटिस में टैक्स पेयर्स से पुराने टैक्स का भुगतान करने के लिए कहा गया है. कुछ टैक्सपेयर्स का कहना है कि पहले भुगतान किये गए टैक्स के लिए भी दोबारा नोटिस भेजा गया है. इस मामले को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के सामने रखा गया है.
Noida के इस आलीशान 16 करोड़ के बंगले पर चला सरकारी बुलडोज़र, जानिए वजह
नोटिस पिछले कुछ हफ्तों के दौरान भेजे गए
लाइव हिन्दुस्तान में प्रकाशित खबर के अनुसार विभाग की तरफ से ये नोटिस पिछले कुछ हफ्तों के दौरान भेजे गए हैं. इन नोटिस में एक हफ्ते के अंदर टैक्स की राशि जमा करने की बात कही गई है. इनमें से कुछ नोटिस असेसमेंट ईयर 2003-04 और 2004-05 से जुड़े हैं. इस बारे में विभाग की तरफ से कहा गया कि यह उम्मीद है कि नोटिस मिलने वालों का पुराना टैक्स बकाया हो. ऐसे में विभाग की तरफ से आयकरदाताओं को नोटिस भेजे जा रहे हैं.
टैक्स डिपार्टमेंट का किसी तरह का बकाया नहीं
जिन टैक्सपेयर्स को इस तरह के नोटिस मिले हैं वो इनको लेकर काफी परेशान हैं. उनका तर्क है कि इतने साल पुराने दस्तावेज अब खो चुके हैं. कुछ ने तो बिना चालान के ही पेमेंट किया था. ऐसे में यह कैसे साबित किया जाएगा कि वे टैक्स का भुगतान सालों पहले कर चुके हैं. जिन्हें नोटिस मिला है, उनका कहना है कि हमारे पास इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का किसी तरह का बकाया नहीं है. हमने साथ के साथ टैक्स का पूरा भुगतान किया है.
Noida के इस आलीशान 16 करोड़ के बंगले पर चला सरकारी बुलडोज़र, जानिए वजह
इस पूरे मामले में जानकारों का कहना है कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की तरफ से नया सिस्टम लागू किये जाने के बाद इस तरह की गड़बड़ी हो सकती है. ज्यादातर मामलों में टैक्स का भुगतान किया जा चुका है या जरूरी सुधार सालों पहले लागू किये जा चुके हैं. लेकिन विभाग के नए सिस्टम में इन बदलावों से जुड़ा कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा. जब तक इस समस्या का समाधान नहीं निकले, विभाग को ऐसे मामले होल्ड पर रखने चाहिए.