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दुष्कर्मियों कों फांसी की सजा : 2018 में पड़ोस की 12 वर्षीय बच्ची से दुष्कर्म व हत्या के थे आरोपी

पानीपत न्यूज (Panipat News). हरियाणा के पानीपत जिले की कोर्ट ने शुक्रवार को 12 साल की बच्ची की दुष्कर्म के बाद हत्या करने वाले दो दोषियों को फांसी की सजा सुनाई। दोनों दोषियों ने जनवरी 2018 में पड़ोस की ही एक बच्ची के साथ इस घिनौनी वारदात को अंजाम दिया था।

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अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुमित गर्ग की कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए दोनों दोषियों को लेकर कहा कि ऐसे लोगों को समाज में रहने का कोई अधिकार नहीं है, ये लोग समाज के लिए खतरा है।

जज ने दोषियों को आईपीसी की धारा 302, 376 ए व 6 पॉक्सों में फांसी की सजा, 20-20-20 हजार का जुर्माना व जुर्माना न देने पर 6-6-6 माह की अतिरिक्त सजा सुनाई। आईपीसी की धारा 363 व 201 में 7-7 साल की सजा, 5-5 हजार का जुर्माना और जुर्माना न भरने पर 1-1 माह की अतिरिक्त सजा सुनाई।

 

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आईपीसी की धारा 366 में 10 साल की सजा, 5 हजार रुपए का जुर्माना और जुर्माना न भरने पर 1-1 माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। आईपीसी की धारा 376 डी में उम्रकैद की सजा, 25 हजार का जुर्माना व जुर्माना न देने पर 6 माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। अगर दोषी 376 डी में दंडित की गई जुर्माना राशि भरते हैं तो वह 25 हजार की राशि पीड़ित परिवार को दी जाएगी

मामा ने दी थी शिकायत

मतलौडा थाना क्षेत्र के गांव उरलाना कला के रहने वाले एक व्यक्ति ने पुलिस को दी शिकायत में बताया था कि उसकी बड़ी बहन विवाहित है। बहन की 12 साल की बेटी बचपन से ही उसके पास रहती थी। 13 जनवरी 2018 की शाम करीब 6 बजे उसकी भांजी घर का कूड़ा फेंकने के लिए बाहर गई थी, जोकि उसी समय से लापता हो गई थी। उसकी परिजनों ने रातभर तलाश की, मगर उसका कही कोई भेद नहीं लगा था।

14 जनवरी 2018 को भांजी का शव नग्न अवस्था में गांव की एक चौपाल के पास पड़ा मिला था। मामा ने पुलिस को कहा था कि उसे नहीं पता कि यह वारदात किसने की है और न ही उसको किसी पर शक है। जिसने भी यह वारदात की है, उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।

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दोनों ने किशोरी को देखते ही बनाया था दुष्कर्म का प्लान

पुलिस ने इस ब्लाइंड मर्डर केस की गुत्थी को जल्द ही सुलझाते हुए 14 जनवरी 2018 को वारदात में शामिल बच्ची के पड़ोस में रहने वाले दो युवक प्रदीप पुत्र दयानंद व सागर उर्फ कल्लू पुत्र चंद्रभान को गिरफ्तार किया था। उन्होंने पुलिस पूछताछ में इस घिनौनी वारदात को अंजाम देने के बारे में स्वीकार किया था।

दोषियों ने पुलिस को बताया था कि वह दोनों पक्के दोस्त हैं। प्रदीप की पत्नी बच्चों सहित करीब 10 दिन से दिल्ली मायका गई हुई थी। 13 जनवरी 2018 की शाम करीब साढ़े 5 बजे वह दोस्त सागर के साथ अपने घर के बाहर खड़ा था।

इसी दौरान उनकी आंखों के सामने से बच्ची हाथ में कूड़ा लेकर दूसरी जगह पर फेंकने के लिए जाती हुई दिखाई दी। जिसे देखकर दोनों ने ही उसके साथ दुष्कर्म करने का प्लान बनाया। जब बच्ची कूड़ा फेंक कर वापस लौट रही थी तो प्लान के मुताबिक सागर ने उसका मुंह दबा लिया और प्रदीप ने उसे उठा लिया। इसके बाद दोनों उसे मकान में ले गए।

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हत्या करने के बाद शव के साथ भी किया था बारी-बारी दुष्कर्म

मकान में ले जाने के बाद पहले प्रदीप और फिर सागर ने दुषकर्म किया था। इसके बाद जब बच्ची चीखने-चिल्लाने लगी तो दोनों ने उसके गले में डली शॉल से उसका गला घोंट कर उसकी हत्या कर दी। हत्या करने के बाद दोनों दरिंदों ने शव को पूरा नग्न कर दिया और फिर बारी-बारी शव के साथ भी दुष्कर्म किया। रात के समय में दोषियों ने बच्ची के शव को चौपाल के पास नग्न अवस्था में ही फेंक दिया था।