Success Story - ऑटो चालक का बेटा सबसे कम उम्र में बना सीए, पढ़िए इनकी पूरी कहानी
आज हम आपको अपनी सक्सेस स्टोरी में एक ऐसे लड़के की कहानी बताने जा रहे है। जिनके पिता ने ऑटो चलाकर अपने परिवार का पालन पोषण किया। ऑटो चालक के बेटे ने आज वो कर दिखाया है जो बड़े-बड़े नहीं कर पाते। आइए जानते है इनकी पूरी कहानी।
HR Breaking News, Digital Desk- राजस्थान के भीलवाड़ा में ऑटो रिक्शा चलाकर परिवार का गुजर बसर चला रहे श्यामलाल तंबोली के बेटे शशांक ने पिता और परिवार की सारी आर्थिक समस्या का समाधान कर दिया। 20 साल की छोटी सी उम्र जहां विद्यार्थी डिग्री भी हासिल नहीं कर पाते उस उम्र में शशांक ने सीए, सीएस और सीएमए की उपाधि हासिल कर ली है। इस युवक ने सीएस में ऑल इंडिया में 4 और सीएमए में 13वां स्थान हासिल कर राजस्थान के साथ सूरत का नाम भी देश भर में रौशन कर दिया है।
शशांक के पिता ऑटो चालक होने के चलते परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर है। इसलिए उसे भीलवाड़ा में सरकारी स्कूल में 12वीं तक की पढ़ाई की। 2017 में 12वीं में जिले में टॉप किया था। शशांक पढ़ने में होशियार है लेकिन आर्थिक समस्या के चलते उसके सपने पर ग्रहण लग सकता था। लेकिन सूरत के सीए रवि छावछरिया के सीए स्टार्स प्रोग्राम ने शशांक के अपने पूरे करने में सहायता की। आर्थिक रूप से कमजोर लेकिन पढ़ने होशियार विद्यार्थियों के लिए सीए स्टार्स प्रोग्राम चलाया जाता है। इसमें चयन हुए विद्यार्थियों को नि:शुल्क सीए पढ़ने, रहने और खाने की सूरत में सुविधा दी जाती है। राजस्थान के भीलवाड़ा में 2017 में सीए स्टार्स की परीक्षा ली गई थी। इस परीक्षा में 15 साल के शशांक का चयन हुआ था।
2017 में शशांक सूरत आकर सीए रवि के मार्गदर्शन में सीए की पढ़ाई करने लगा। पढ़ने में होशियार होने के चलते उसे सीएस की पढ़ाई भी शुरू करवाई गई। देखते देखते 2021 में शशांक ने सीए पास कर लिया। साथ ही इस साल सीएस में 800 में से 541 अंक हासिल कर ऑल इंडिया में 4 रैंक हासिल किया। सीए और सीएस के साथ उसे सीएमए का भी मार्गदर्शन दिया गया। सीएमए की फाइनल परीक्षा का मंगलवार को परिणाम आया।
यह परिणाम देख शशांक और उसका परिवार खुश हो उठे। इस परीक्षा में 800 में से अंक 462 हासिल कर इंडिया टॉप 50 में 13वां रैंक हासिल कर सूरत के साथ राजस्थान के भीलवाड़ा का नाम रौशन कर दिया है। यह सिद्धि सिर्फ 20 साल की उम्र में हासिल कर ली है। दावा किया जा रहा है कि पूरे भारत में सिर्फ 20 साल की उम्र में सीए, सीएस और सीएमए पास करने वाला वो भी इंडिया रैंक के साथ वैसा शशांक अकेला विद्यार्थी है।
- अंग्रेजी नहीं बनी मेरी सफलता में बाधा-
में हिंदी माध्यम से पढ़ा हूं, गरीब परिवार से हूं, रवि सर के सीए स्टार्स प्रोग्राम ने मेरा और मेरे परिवार का भविष्य सवार दिया। निशुल्क सूरत में रहकर पढ़ा। 5 साल में यह सीढी हासिल कर पाया। रवि सर जैसा पढ़ाते और समझते गए वैसे करते करते आज सीए, सीएस और सीएमए बन गया। योग्य मार्गदर्शन मिले तो सफलता मिल ही जाती है। पहले मेरे हर की मासिक आय 5 से 6 हजार थी। घर भी किराएका है। सीए बनते ही आज मेरी साल की आय 10 लाख से अधिक है। सीएस और सीएमए के साथ भविष्य में और भी सवारेगा।
- पांच साल की मेहनत रंग लाई-
सीए स्टार्स में शशांक का प्रदर्शन देख लगा की इसे योग्य मार्गदर्शन दिया जाए तो यह कुछ बनेगा। इसे सूरत बुलाकर रहने के साथ योग्य मार्गदर्शन दिया। जैसे जैसे पढ़ाया वैसे वैसे पढ़ा। सीए के बाद सीएस बना आज सीएमए बनकर सूरत और राजस्थान का नाम रौशन कर दिया है। साथ ही सबसे कम उम्र मात्र 20 साल में सीए, सीएस और सीएमए पास करने वाला वो भी रैंक के साथ यह भारत का पहला लड़का है। इसके पीछे की गई पांच सालों की मेहनत रंग ला गई। आज लाखो के पैकेज में जॉब भी हासिल कर परिवार की आर्थिक समस्या दूर करने लगा है।
