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Success Story: आंखों की रोशनी न होने के कारण, ऑडियो बुक्स से की पढ़ाई, UPSC में हासिल की 7वीं रैंक

किसी ने सच ही कहा है जिनके पास सब संसाधन होते है वे अक्सर जिंदगी में पिछे ही रह जाते है। आज हम आपको अपनी सक्सेसे स्टोरी में एक ऐसे विद्यार्थी की कहानी बताने जा रहे है। जिनकी आंखों की रोशन चले जाने के बाद भी जिसने हार नहीं मानी। ऑडियो बुक्स से पढ़ाई कर जिसने यूपीएससी में हासिल कर 7वीं रैंक। 

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आंखों की रोशनी न होने के कारण, ऑडियो बुक्स से की पढ़ाई,  UPSC में हासिल की 7वीं रैंक 

HR Breaking News, Digital Desk-  सिविल सेवा परीक्षा को भारत में सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है. परीक्षा का उद्देश्य देश में कुछ जरूरी नौकरियों के लिए योग्य, समझदार और जिम्मेदार उम्मीदवारों का चयन करना है. हर साल लाखों उम्मीदवार परीक्षा में शामिल होते हैं. चयनित होने के लिए, उम्मीदवारों को प्रीलिम्स, मेन्स और इंटरव्यू राउंड क्लीयर करने होंगे. आज हम बात कर रहे हैं ऑल इंडिया रैंक 7 धारक सम्यक जैन की. सम्यक की जर्नी निश्चित रूप से उम्मीदवारों को ईमानदारी और समर्पण के साथ तैयारी करने के लिए प्रेरित करेगी.

सम्यक जैन ने यूपीएससी फाइनल रिजल्ट 2021 में ऑल रैंक 7 हासिल की, जो 30 मई, 2022 को जारी किया गया था. यह सिविल सेवा परीक्षा का उनका दूसरा प्रयास था. यहां तैयारी की स्ट्रेटजी है जिसे सम्यक जैन ने फॉलो किया. 

सम्यक का जन्म और पालन-पोषण दिल्ली में हुआ था. वह एक संपन्न परिवार से ताल्लुक रखते हैं क्योंकि उसके माता-पिता दोनों एयर इंडिया के लिए काम करते हैं. सम्यक अपनी मां के साथ रहते हैं और उसके पिता पेरिस में तैनात हैं. सम्यक ने शेयर किया कि पहले प्रयास में वह मुख्य परीक्षा में जगह नहीं बना सके थे. 

ऐसा कहा जाता है कि प्रिंट की तुलना में ऑडियो या ऑडियो विजुअल माध्यम ज्यादा प्रभावी है. सम्यक जैन ने बताया कि वह ऑडियो बुक्स की मदद से पढ़ाई करते थे. उनके माता-पिता का लगातार सपोर्ट था और उनकी मां ने स्वेच्छा से परीक्षा के दिन उनके लेखक बनने के लिए इच्छा जताई.

अपनी शैक्षिक योग्यता के साथ आगे बढ़ते हुए सम्यक ने दिल्ली से ही बीए इंग्लिश ऑनर्स में ग्रेजुएशन किया. फिर उन्होंने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन, दिल्ली, बैच 2018-19 से अंग्रेजी पत्रकारिता में पीजी डिप्लोमा किया. अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में उनकी रुचि थी इसलिए उन्होंने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में पोस्ट ग्रेजुएशन किया. उन्होंने यूपीएससी में राजनीति विज्ञान और अंतरराष्ट्रीय संबंधों को ऑप्शनल सब्जेक्ट के रूप में लिया.

यूपीएससी की तैयारी के निर्णय के बारे में बात करते हुए, सम्यक ने शेयर किया कि लॉकडाउन के दौरान उनके मन में यह विचार था क्योंकि होम आइसोलेशन के कारण उनके पास बहुत समय था. अधिकांश रैंक धारकों की तरह, उनका भी मानना ​​है कि निरंतरता परीक्षा को पास करने की कुंजी है. वह दिन में कम से कम सात घंटे पढ़ाई करते थे.

सम्यक हमेशा पॉजिटिव मानसिकता रखने में विश्वास करते थे. उम्मीदवारों को अपना मूल्यांकन करते रहना चाहिए और समय-समय पर मॉक टेस्ट का ऑप्शन चुनना चाहिए. इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि कई प्रयास हैं, लेकिन सम्यक का मानना ​​​​है कि इसका यह मतलब नहीं है कि पढ़ाई पर फोकस न करें या दिन में 7-8 घंटे पढ़ाई के लिए बहाना बनाएं.

ऐसा कहा जाता है कि प्रिंट की तुलना में ऑडियो या ऑडियो विजुअल माध्यम ज्यादा प्रभावी है. सम्यक जैन ने बताया कि वह ऑडियो बुक्स की मदद से पढ़ाई करते थे. उनके माता-पिता का लगातार सपोर्ट था और उनकी मां ने स्वेच्छा से परीक्षा के दिन उनके लेखक बनने के लिए इच्छा जताई.

अपनी शैक्षिक योग्यता के साथ आगे बढ़ते हुए सम्यक ने दिल्ली से ही बीए इंग्लिश ऑनर्स में ग्रेजुएशन किया. फिर उन्होंने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन, दिल्ली, बैच 2018-19 से अंग्रेजी पत्रकारिता में पीजी डिप्लोमा किया. अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में उनकी रुचि थी इसलिए उन्होंने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में पोस्ट ग्रेजुएशन किया. उन्होंने यूपीएससी में राजनीति विज्ञान और अंतरराष्ट्रीय संबंधों को ऑप्शनल सब्जेक्ट के रूप में लिया.

यूपीएससी की तैयारी के निर्णय के बारे में बात करते हुए, सम्यक ने शेयर किया कि लॉकडाउन के दौरान उनके मन में यह विचार था क्योंकि होम आइसोलेशन के कारण उनके पास बहुत समय था. अधिकांश रैंक धारकों की तरह, उनका भी मानना है कि निरंतरता परीक्षा को पास करने की कुंजी है. वह दिन में कम से कम सात घंटे पढ़ाई करते थे.

सम्यक हमेशा पॉजिटिव मानसिकता रखने में विश्वास करते थे. उम्मीदवारों को अपना मूल्यांकन करते रहना चाहिए और समय-समय पर मॉक टेस्ट का ऑप्शन चुनना चाहिए. इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि कई प्रयास हैं, लेकिन सम्यक का मानना है कि इसका यह मतलब नहीं है कि पढ़ाई पर फोकस न करें या दिन में 7-8 घंटे पढ़ाई के लिए बहाना बनाएं.

पढ़ाई पर ध्यान देने के लिए उन्होंने सोशल मीडिया से ब्रेक लिया. उसी के बारे में मजाक करते हुए उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि हिमालय यूपीएससी के लिए अध्ययन करने के लिए सबसे अच्छी जगह होगी, अगर इंटरनेट कनेक्शन होता. अलग अलग क्षेत्रों और उनके ज्ञान के साथ-साथ राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मामलों में रुचि ने उन्हें परीक्षा पास करने में मदद की."