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Success Story: एक पैर छोटा होने पर भी नहीं मानी हार, छोटी उम्र में ही लगाई सफलता की छलांग

अगर आपके अंदर कुछ करने का जज्बा है तो असुविधाओं और संसाधनों का अभाव आपके आड़े नही आ सकता। अपनी मेहनत और कड़े परिश्रम से आप बड़े से बड़ा मुकाम भी हासिल कर सकते है। आज हम आपको एक ऐसी कहानी बताने जा रहे है कि एक पैर छोटा होने पर भी नहीं मानी हार और छोटी से उम्र में ही लगा दी सफलता की छलांग। आइए जानते है इनकी पूरी कहानी। 
 
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HR Breaking News, Digital Desk- अगर आपके अंदर कुछ करने का जज्बा हो तो असुविधाओं और संसाधनों का अभाव मायने नहीं रखता. कठिन मेहनत, समर्पण और जज्बे से आप बड़े से बड़ा मुकाम हासिल कर सकते हैं.

महाराष्ट्र की सुरश्री रहाणे (Surashri Rahane) ने अपनी मेहनत, लगन, समर्पण और जज्बे से इसे सच कर दिखाया है. तमाम शारीरिक जटिलताओं के बाद भी आज वह कामयाबी की बुलंदियां छू रहीं हैं. आज उनकी सपलता के चर्चे हर तरफ हो रहे हैं. आइए जानते हैं कैसा रहा है उनका यह सफर.


जन्म से मिलती गई चुनौती-


जन्म के महज 15 दिन बाद ही सुरश्री रहाणे की पहली सर्जरी हुई थी. इसके बाद भी कई सर्जरी हुई. उनका एक पैर दूसरे से छोटा है. इस वजह से उन्हें चलने में दिक्कत होती थी. इस समस्या के समाधान के लिए सुरश्री को एक नहीं, बल्कि 15 सर्जरी से गुजरना पड़ा. हालांकि इतनी सर्जरी के बाद भी दिक्कत थोड़ी बहुत ही दूर हुई, लेकिन सुरश्री ने इसे कभी खुद पर हावी नहीं होने दिया. वह जी जान से पढ़ाई में लगी रहीं औऱ स्कूल में टॉपर रहीं.

स्कूल के बाद उन्हों ने पुणे के कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से ग्रेजुएशन किया. इसके बाद नई दिल्ली के प्रतिष्ठित बिजनेस स्कूशल, दिल्ली यूनिवर्सिटी के फैकल्टी  ऑफ मैनेजमेंट स्टजडीज (FMS) से पोस्टी ग्रेजुएशन कंप्लीट की. वह सर्टिफाइड स्कूबा ड्राइवर और प्रशिक्षित भरतनाट्यम डांसर भी हैं. मई 2022 में हुए अलायंस लिट्रेचर फेस्टिवल में सुरश्री को कांग्रेस सांसद शशि थरूर (Shashi Tharoor) से मिलने का मौका मिला. इस दौरान थरूर ने उनकी खूब प्रशंसा की.


22 साल की उम्र में ही कर ली शादी-

महाराष्र् थ के नाशिक में रहने वाली सुरश्री की सफलता की कहानी इतनी आसान नहीं है. उन्होंने काफी संघर्ष किया है. सुरश्री ने पेप्सीहको और एचपी जैसी प्रति‍ष्ठित कंपनियों के साथ काम किया. 30 साल की जिंदगी में 15 सर्जरी से गुजरने के बाद भी वह विचलित नहीं होती हैं. पुणे के कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में स्टडी के दौरान इनकी मुलाकात अमोल बगुल से हुई. ग्रेजुएशन कंप्लीट होते ही 22 साल की उम्र में सुरश्री ने अमोल के साथ शादी कर ली. हालांकि, शादी के बाद भी दोनों ने करियर पर फोकस किया. बीटेक करने के बाद सुरश्री और अमोल दोनों को प्रतिष्ठित संस्थािनों में दाखिला मिला.


इस तरह पूरा किया उद्यमी बनने का सपना-

 
सुरश्री को घर में शुरू से ही बिजनेस का माहौल मिला था, ऐसे में वह भी बिजनेस ही करना चाहती थीं. पहले वेंचर के लिए सुरश्री को एक इन्वेस्टर मिला भी, लेकिन इससे पहले की काम धरातल पर आता यह पार्टनरशिप होने से पहले ही टूट गई. लेकिन, सुरश्री इस असफलता से निराश नहीं हुईं. जॉब के साथ-साथ उन्होंने बचत करना शुरू किया.

कुछ साल बाद उन्होंने अपनी जमा पूंजी से अपना वेंचर शुरू कर दिया. उन्होंने अपनी कंपनी का नाम Yearbook Canvas रखा. 2018 में शुरू हुई यह कंपनी कुछ ही साल में सफल हो गई.

यह कंपनी शिक्षण संस्थाकनों और कॉरपोरेट्स की सोशल नेटवर्क, इयरबुक और मर्चेंडाइज को बनाने में मदद करती है. अपने वेंचर के जरिये सुरश्री को-फाउंडर अभिनव के साथ देश में सबसे बड़ा एलुमिनी इकोसिस्टकम बनाने की भी कोशिश कर रही हैं.