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Succes Story : पिता पर 20 लाख का कर्ज, मां मनरेगा में मजदूर, फिर अपने दमदार हौसलों से पास की UPSC की परीक्षा

जैसा की आपको पता है हर साल लाखों बच्चे UPSC की तैयारी करते हैं और बहुत सारी कठिनाइयों के बाद भी अपने सपनों को पूरा करते हैं। हम आपको बताने जा रहे हैं। ऐसे ही एक गांव में रहने वाले IAS SohanLal की कहानी जो गांव में  रेता ढोने का काम करता था। फिर भी की UPSC की परीक्षा पास आप भी इनसे प्रेरणा लें और अपने सपनों को पूरा करें। 

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Succes Story : पिता पर 20 लाख का कर्ज, मां मनरेगा में मजदूर, फिर अपने दमदार हौसलों से पास की UPSC की परीक्षा 

HR Breaking News : ब्यूरो : जलाशय का काम चल रहा है। वहां मैं रेता ढोने के लिए रोज सुबह साढ़े सात बजे जाती हूं। इन दिनों मनरेगा में साथी मजदूर बस एक ही सवाल बार-बार पूछते हैं कि बेटा कलेक्टर बन गया। इसलिए अब तगारी उठाना कब छोड़ रही हो

IAS SohanLal  गांव रामनगर, तिवरी जोधपुर यह कहना है राजस्थान के जोधपुर जिले की तिवरी तहसील के गांव रामपुरा के राम नगर की मीरा देवी का। पहले इनकी पहचान मनरेगा श्रमिक Meera Devi के रूप में हुआ करती थी। अब ये अफसर सोहनलाल की मां के रूप में भी पहचानी जा रही हैं, जो इनके लिए गर्व की बात की है। बेटे के ज्वाइन करने के बाद ये मनरेगा में मजदूरी करना भी छोड़ देंगी।


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IAS SohanLal  AIR 681 यूपीएससी संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा में मीरा देवी के बेटे सोहनलाल सिहाग ने भी कामयाबी हासिल की है। UPSC CSE  के नतीजों में सोहनलाल को 681वीं रैंक मिली है। अभी कैडर अलॉट नहीं हुआ है, मगर मजदूर मां की खुशी का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि वो कहती हैं 'बेटा सोहनलाल आईएएस बन गया। अब वो कलेक्टर की कुर्सी पर बैठेगा'

IAS SohanLal  के पिता का इंटरव्यू वन India Hindi से बातचीत में IAS सोहनलाल के पिता गोरधन राम सिहाग ने अपने तीन बेटों व एक बेटी को मुश्किल आर्थिक हालात में भी पढ़ने-लिखने का भरपूर अवसर देने और काबिल बनाने की पूरी कहानी बयां की। जोधपुर जिले के गांव रामपुर में 15 बीघा जमीन पर खेती करने वाले किसान गोरधन राम सिहाग ने बेटे को अफसर बनाने के लिए 20 लाख रुपए का कर्ज तक ले रखा है।


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सरकारी स्कूल से हुई Sohan Lal की शिक्षा गोरधन राम सिहाग ने बताया कि तीसरे नंबर के बेटे सोहनलाल ने गांव रामनगर की जाटा राइका की ढाणी स्थित सरकारी स्कूल से सातवीं तक की पढ़ाई की। आठवीं निजी स्कूल से पास की। दसवीं गांव के ही सरकारी स्कूल से उत्तीर्ण की। 11वीं व 12वीं कोटा से की। कोटा में तैयारी करते वक्त सोहन लाल का आईआईटी बॉम्बे में चयन हो गया था। तब इन्हें 54वीं रैंक मिली थी।

30 को पता चलेगा कौनसा कैडर मिलेगा? पिता गोरधन राम सिहाग कहते हैं कि बेटे सोहनलाल ने चौथे प्रयास में upsc exam पास की है। उसे आईएएस कैडर मिलता है या कोई दूसरा कैडर? इसका पता 30 जून को पता लगेगा। इसके बाद वह ट्रेनिंग पर चला जाएगा। फिलहाल घर पर ही है।

दो रुपए ब्याज दर से लिया उधार गोरधन कहते हैं कि उन्होंने अपने बच्चों को पढ़ाने व Sohan Lal को ias officer बनाने के लिए जमीन गिरवी रखकर तो सहकारी समिति से साढ़े तीन लाख का कर्ज लिया। यह भी कम पड़ता दिखा तो अपने स्तर पर दो रुपए प्रति सौ रुपए की ब्याज दर से 20 लाख रुपए उधार लिए, जिनका ब्याज अभी भी चुका रहे हैं।

सोहन लाल के भाई-बहन की पढ़े-लिखे बता दें कि किसान पिता गोरधन राम सिहाग और मनरेगा मजदूर मां मीरा देवी ने सोहनलाल के अलावा उसके दो बड़े भाइयों व छोटी बहन के भी स्कूल-कॉलेज की ओर बढ़ते कदम कभी नहीं रोके। बड़ा भाई श्रवण साइबर एक्सपर्ट है। वर्तमान में अमेरिका में रहकर PhD कर रहा है। दूसरा भाई वसंत राजस्थान प्रशासनिक सेवा की तैयारी कर

रोजाना सात घंटे पढ़ाई कर पाया मुकाम मीडिया से बातचीत में सोहनलाल कहते हैं कि बॉम्बे आईआईटी से बीटेक की पढ़ाई के दौरान ही तय कर लिया था कि सिविल सेवा में जाना है। ऐसे में मुम्बई के बाद दिल्ली का रुख किया। यहां सिविल सेवा की तैयारी की। रोजाना सात घंटे पढ़ता था। शुरुआती तीन प्रयासों में अफसलता हाथ लगी, मगर चौथे प्रयास में सिविल सेवा परीक्षा 2021 में मेहनत रंग ले आई।