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Success Story: मां ने बकरी पाल और टीचर ने दे पढ़ाई का खर्च, विशाल को बनाया IAS

UPSC Success Story: जैसा की आपको पता है हर साल लाखों बच्चे UPSC की तैयारी करते हैं लेकिन लगन व मेहनत से काम करने वाले ही इसको पास कर पाते हैं ऐसी ही एक स्टोरी हम आपको बताने जा रहें हैं। बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के रहने वाले विशाल की जिसने लगन व मेहनत से UPSC पास की  खबर को पूरा पढ़ें।

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HR Breaking News : (ब्यूरो) : मेहनत और लगन से किसी भी मंजिल को कैसे प्राप्त  करते हैं यह बीते दिन यूपीएससी की ओर से जारी किए गए सिविल सेवा परीक्षा के परिणाम में सफल उम्मीदवारों ने साबित किया है। देश की सबसे कठिन मानी जाने वाली परीक्षा में सफलता प्राप्त करके इन उम्मीदवारों ने साबित कर दिया है कि मेहनत का कोई विकल्प नहीं होता।


इसके आगे कोई भी संघर्ष बड़ा नहीं होता। ऐसी ही कई सफल उम्मीदवारों की कहानियां बीते दिन से ही सभी के सामने आ रही हैं। इसी कड़ी में हम लेकर आए हैं, बिहार के विशाल की कहानी, जो अपने आप में संघर्ष और इसके बाद मिली सफलता की असल कहानी है।  

विशाल ने 484वां रैंक प्राप्त किया

बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के रहने वाले विशाल ने संघ लोक सेवा आयोग UPSC की द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा-2021 में 484वां रैंक प्राप्त की है। उनकी इस सफलता के बाद से ही मीनापुर प्रखंड स्थित उनके गांव मकसूदपुर में जश्न का माहौल है। घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। कोई उनकी मिसाल दे रहा है तो कोई उनसे प्रेरणा ले रहा है। 


मां करती है बकरी पालन (mother does goat rearing)


यूपीएससी (UPSC) में सफलता प्राप्त करने वाले विशाल बेहद गरीब घर से ताल्लुक रखते हैं। उनके पिता की साल 2008 में मौत हो गई थी। वे ही मजदूरी करके अपने घर का पालन-पोषण (Maintenance) करते थे। उनके जाने के बाद घर के हालात बेहद खराब हो गए थे। इसके बाद विशाल की मां रीना देवी ने बकरी और भैंस पालकर अपने परिवार का भरण पोषण (Maintenance)किया। 


सफलता का श्रेय परिवार और शिक्षक को


विशाल अपनी सफलता का पूरा श्रेय अपने परिवार और अपने अध्यापक गौरी शंकर प्रसाद को देते हैं। विशाल के अनुसार गौरी शंकर ने मुश्किल हालात में उनकी बहुत मदद की है। उन्होंने विशाल के पढ़ाई की फीस दी। पैसों की तंगी के समय अपने ही घर में रखा। जब विशाल नौकरी करने लगे थे तब अध्यापक ने ही उन्हें नौकरी छोड़कर यूपीएससी की तैयारी करने को प्रोत्साहित किया। इस दौरान भी अध्यापक गौरी शंकर ने उनकी आर्थिक मदद की। 

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पिता कहते थे बेटा बड़ा आदमी बनेगा


विशाल के स्वर्गीय पिता बिकाउ प्रसाद (sale prasad) कहा करते थे कि उनका बेटा पढ़-लिखकर बड़ा आदमी बनेगा। विशाल ने आखिरकार उनका सपना सच कर दिया है। विशाल ने साल 2011 में मैट्रिक में टॉप किया था। इसके बाद उन्होंने साल 2013 में आईआईटी कानपुर में प्रवेश लिया था। यहां से पासआउट होने के बाद विशाल ने रिलायंस कंपनी में जॉब की थी। अध्यापक गौरी शंकर के अनुसार विशाल शुरू से ही पढ़ने में काफी अच्छा था। पिता की मौत के बाद उसने और अधिक मेहनत करनी शुरू की और आज सफलता के इस मुकाम को हासिल किया है। 


इधर, दुकानदार के बेटे ने हासिल की सफलता


महाराष्ट्र के लातूर में एक दुकानदार के बेटे ने सिविल सेवा परीक्षा (civil services exam), 2021 में सफलता प्राप्त की है। उदगीर तहसील के रामेश्वर सुधाकर सबनवाड़ ने बीते दिन जारी हुए सिविल सेवा परीक्षा (civil services exam), 2021 के परिणाम में 202वीं रैंक प्राप्त की है। रामेश्वर ने अपनी शुरुआती पढ़ाई लातूर के जवाहर नवोदय विद्यालय से की है। इसके बाद उन्होंने पुणे से अपनी इंजीनियरिंग पूरी की है। रामेश्वर के अनुसार उन्होंने अपने दूसरे प्रयास में सिविल सेवा परीक्षा में सफलता पाई है। 

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दुकानदार हैं रामेश्वर के पिता


रामेश्वर (Rameshwar) के पिता दुकान चलाते हैं तो वहीं, उनकी माता हाउस वाइफ हैं। उनकी सफलता के बाद से घर में जश्न का माहौल है। इस साल यूपीएससी की परीक्षा में कुल 685 उम्मीदवारों का चयन हुआ है। इनमें 508 पुरुष और 177 महिला उम्मीदवार हैं।