Success Story - आंगनबाड़ी में काम कर मां ने निकाला घर खर्च, बेटी को मिली 21 लाख पैकेज की नौकरी
आंगनबाड़ी में मां काम करती है और बेटी ने अमेरिका की एमएनसी कंपनी में 21 लाख का पैकेज हासिल किया है. एक सामान्य से परिवार की इस बेटी ने सफलता पाने के लिए कैसे पार किया संघर्ष का ये रास्ता। आइए जानते है निचे खबर में।
HR Breaking News, Digital Desk - चपरासी के बच्चे भी चपरासी का ही काम करेंगे या नहीं, यह उनकी मेहनत और धैर्य पर निर्भर करता है. मेहनत को कोई दूसरा विकल्प नहीं है. इसका एक उदाहरण हैं उत्तराखंड की प्रियंका भट्ट (Priyamla Bhatt) . प्रियंका भट्ट (Priyamla Bhatt) की मां आंगनबाड़ी (Anganwadi) में हेल्पर का काम करती हैं और प्रियंका ने 21 लाख पैकेज वाली नौकरी अपने नाम कर ली है.
ऐसे समय में जब कोविड-19 महामारी के कारण कंपनियों में सैलरी कट और कॉस्ट कटिंग के नाम पर लोगों को नौकरी से निकाले का सिलसिला चल रहा है, वहीं उत्तराखंड (Uttarakhand) की प्रियंका भट्ट (Priyamla Bhatt) ने अपनी मेहनत और हुनर के दम पर एक कंपनी में 21 लाख का पैकेज हासिल कर सभी को हैरान कर दिया है. प्रियंका की ये सफलता हैरान करने वाली इसलिए है, क्योंकि उनके परिवार के पास पढ़ाई का खर्च उठाने की क्षमता नहीं थी.
इसलिए उत्तराखंड की नई टेहरी की रहने वाली 22 वर्षीय प्रियंका ने पुरकल यूथ डेवलपमेंट सोसाइटी (PYDS) से पास आउट होने के बाद दून स्थित यूपीईएस से इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार में इंजीनियरिंग की पढ़ाई की, जो वंचित परिवारों के बच्चों को शिक्षा प्रदान करती है. PYDS ने प्रियंका की पढ़ाई को स्पोंसर करने से पहले उसकी प्रवेश परीक्षा ली और उसके आर्थिक स्थिति का पता लगाया.
मां करती है आंगनबाड़ी में काम-
प्रियंका की मां आंगनबाड़ी वर्कर (anganwadi worker) हैं और पिता टेहरी डैम में मेनेटीनेंस डिपार्टमेंट में काम करते हैं. बेटी के प्लेसमेंट से माता पिता खुश हैं. प्रियंका अब अमेरिका की एमएनसी कंपनी के लिए हैदराबाद ऑफिस से काम करेगी.
प्रियंका का कहना है कि उनके लिए ये सफर बहुत बहुत मुश्किल हो सकता था, लेकिन स्कॉलरशिप की वजह से उनका रास्ता आसान हो गया. लॉकडाउन के दौरान जब नेटवर्क की भी दिक्कतें थीं, तब आसपास के लोगों ने प्रियंका की मदद की और पढ़ाई करने में मदद की. प्रियंका को अब सिर्फ अपने फाइनल ईयर के रिजल्ट का इंतजार है. इसके बाद वो जून से कंपनी के साथ काम करना शुरू कर देंगी.