Success Story: ऐसे मिलती है कामयाबी, 60 हजार का बिजनेस पहुंचा 160 करोड़ के पार
HR Breaking News, Digital Desk- समृद्धि ऑटोमेशन के नाम से साल 2002 में संजीव सहगल ने सीसीटीवी कैमरे का कामकाज शुरू किया था. संजीव सहगल ने नागपुर से इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग की डिग्री ली हुई है. नागपूर यूनिवर्सिटी से साल 1992 में इंजीनियरिंग करने वाले संजीव सहगल ने 95 में पार्टनर के साथ मिलकर टेलीकॉम उपकरण बनाने की कंपनी लगाई थी. इसके बाद उनकी कंपनी ईपीबीएक्स बनाती थी. साल 1999 में हिंदुस्तान में कॉलर आईडी शुरू होने के बाद समृद्धि ऑटोमेशन ने पहला कॉलर आईडी डिवाइस बनाया था. साल 2002 से संजीव सहगल ने सीसीटीवी का काम शुरू किया.
पिछले 20 साल से संजीव सहगल समृद्धि ऑटोमेशन में स्पर्श ब्रांड नाम से सीसीटीवी और उसके लिए जरूरी उपकरण बना रहे हैं. साल 2002 में ₹60000 की पूंजी से शुरू किया गया समृद्धि ऑटोमेशन अब ₹160 करोड़ के टर्नओवर को पार कर चुका है.
संजीव सहगल का समृद्धि ऑटोमेशन इस समय मुख्य रूप से भारत सरकार के कई विभाग को सीसीटीवी कैमरा बेच रहा है. सरकारी विभाग से टेंडर लेने वाले ठेकेदारों के साथ मिलकर स्पर्श के कैमरे अब देश के रेलवे स्टेशन, स्कूल-कॉलेज, बंदरगाह, बैंक, डाकघर, जेल, पुलिस स्टेशन और लाइब्रेरी आदि में लगाए जा रहे हैं.
साल 2008 में समृद्धि ऑटोमेशन ने भारत में पहला सीसीटीवी कैमरा डिजाइन किया और बनाया. उस समय समृद्धि का टर्नओवर ढाई करोड़ रुपए था और उन्होंने सोनी से टाइ अप कर भारत में सीसीटीवी कैमरे बनाने की शुरुआत की.
11 गुना बढ़ा कारोबार-
साल 2008 से 2012 के बीच समृद्धि ऑटोमेशन का कारोबारी ग्रोथ 11 गुना रहा. साल 2012 के बाद भारत में सीसीटीवी बिजनेस में चीन की दखलअंदाजी बढ़ी. साल 2016-17 में समृद्धि ऑटोमेशन का कामकाज सामान्य चलता रहा, क्योंकि इस समय बीच में चीन की कंपनियों ने भारत को सस्ते सीसीटीवी कैमरे और अन्य उपकरणों से पाट दिया. इसके बाद कोरोनावायरस संकट में जब चीन से आयात ठप पड़ा तब समृद्धि ऑटोमेशन ने भारत सरकार के कामकाज पर ध्यान देना शुरू किया. सरकारी टेंडर लेने वाले ठेकेदारों के साथ मिलकर स्पर्श के कैमरे भारत सरकार के कई विभागों में लगाए गए.
आपदा में अवसर-
कोरोना संकट के बाद समृद्धि ऑटोमेशन ने थर्मल टेक्नोलॉजी की मदद से फीवर डिटेक्शन कैमरा बनाया था. कोरोना संक्रमण के दौरान करीब एक-डेढ़ साल तक फीवर की पहचान वाले कैमरे का काफी जोड़ चला. कोरोना संकट के दौरान मेड इन इंडिया को बढ़ावा देने के साथ ही चीन के प्रोडक्ट के खिलाफ लोगों के रुख से कंपनी को काफी मदद मिली. साल 2020 में 23 मार्च को लॉकडाउन लगने के बाद से पहले स्पर्श ने 20 मार्च को ही फीवर डिटेक्शन कैमरा लॉन्च कर दिया था. पीएम हाउस से लेकर तमाम जगहों पर स्पर्श के यह कैमरे लगाए गए. जिन लोगों को भी अपनी दुकान या फैक्ट्री कोरोना संकट के दौर में चालू रखना था, उन सब जगहों पर स्पर्श का यह कैमरा लगाया गया.
मेक इन इंडिया को मौका-
संजीव सहगल ने कहा, "मेक इन इंडिया को अगर मौका मिलेगा तो भारत में बने प्रोडक्ट की मोनोपोली भी बाजार में कायम हो सकती है. साल 2020 के बाद चीन के प्रोडक्ट के खिलाफ लोगों में बढ़ते गुस्से की वजह से समृद्धि ऑटोमेशन ने 12 अन्य सीसीटीवी ब्रांड की मैन्युफैक्चरिंग चीन से भारत में शिफ्ट कराई है. इनमें 7 मल्टीनेशनल और 5 नेशनल ब्रांड के कैमरे इस समय समृद्धि ऑटोमेशन बना रहे हैं. हाल में ही समृद्धि ऑटोमेशन ने एक नया प्लांट लगाया है.
चीन के बाहर सबसे बड़ा प्लांट-
कोरोना संक्रमण की अवधि में समृद्धि ऑटोमेशन के एक से तीन प्लांट हो चुके हैं. समृद्धि ऑटोमेशन के संजीव सहगल का कहना है कि इस प्लांट के तैयार होने के बाद यह चीन से बाहर सीसीटीवी कैमरे का सबसे बड़ा प्लांट हो सकता है. संजीव सहगल का दावा है कि उत्तराखंड के काशीपुर प्लांट में नौ एकड़ के प्लांट में समृद्धि ऑटोमेशन के इस यूनिट में हर महीने 10 लाख कैमरे बनाए जा सकते हैं.
नया कारोबार शुरू करने वाले युवाओं के लिए संजीव की सलाह-
- कारोबार में मेहनत का कोई विकल्प नहीं है.
- सही मौके की तलाश में रहें और उसका पूरा फायदा उठाने की तैयारी करें
- अपनी योग्यता और कामकाजी क्षमता बढ़ाएं और उस पर भरोसा करें
