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Employee - बैंक कर्मचारियों का CEO ने जीता दिल, प्लेन छोड़कर ट्रेन से किया सफर

अगर आप किसी बड़े पद पर पहुंच जाते हो तो आप अपने से निचे वालो को छोटा समझने लग पड़ते हो। तो ऐसे में आज हम आपको एक ऐसे सीईओ की कहानी बताने जा रहे है जिन्होंने अपने प्लेन के सफर को छोड़कर अपने बैंक कर्मचारियों के साथ ट्रेन में सफर कर उनका दिल जीत लिया है। 
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बैंक कर्मचारियों का CEO ने जीता दिल, प्लेन छोड़कर ट्रेन से किया सफर 

HR Breaking News, Digital Desk- अगर आप किसी बड़ी कंपनी या बैंक के सीईओ (CEO) बन जाएं, तो इस ओहदे पर पहुंचकर आप कुछ चीजों में बदलाव देख सकते हैं, जैसे यात्रा के लिए ज्यादातर फ्लाइट का इस्तेमाल, महंगे होटलों में खाना और न जानें क्या-क्या?

लेकिन हम आपको एक ऐसे CEO के बारे में बता रहे हैं, जो बड़ी हस्ती होने के बाद भी यात्रा के  दौरान, प्लेन के बजाय ट्रेन में सफर को तरजीह देता है. हम बात कर रहे हैं बंधन बैंक (Bandhan Bank) के फाउंडर और सीईओ चंद्रशेखर घोष (Chandra Shekhar Ghosh) की. 


दिल्ली से चंडीगढ़ का सफर-

 
बंधन बैंक के फाउंडर चंद्रशेखर घोष को 'The Humble CEO' के नाम से पुकारा जा रहा है. इसका कारण है कि उनकी सादा जीवन उच्च विचार वाली सोच. दरअसल, ये सीईओ फिलहाल चर्चा में इस वजह से आए हैं, क्योंकि एक ऑफिशियल यात्रा के दौरान उन्होंने दिल्ली से चंडीगढ़ (Delhi to Chandigarh) के सफर के लिए प्लेन में जाने के बजाय अपने सहकर्मियों के साथ शताब्दी ट्रेन (Shatabdi Train) में सफर का निर्णय लिया.

उनकी इस बात से बैंक के अधिकारी उनकी विनम्रता और सदगी के कायल हो गए. बंधन बैंक के मार्केटिंग हेड अपूर्व सरकार (Apurva Sircar) ने कहा कि चंद्रशेखर जैसे महान व्यक्ति की विनम्रता आम नहीं है, खासकर उनके कद और हैसियत वाले के लोगों के लिए. 


CEO की विनम्रता के कायल हुए कर्मचारी-


बिजनेस टुडे के मुताबिक, अपूर्व सरकार ने बंधन बैंक के सीईओ चंद्रशेखर घोष के साथ अपना हालिया अनुभव साझा कर उनके सादा स्वभाव की जमकर तारीफ की. उन्होंने बताया कि ऐसे समय में जब उड़ानें सबसे पसंदीदा यात्रा विकल्प हैं, घोष के ट्रेन से यात्रा करने का निर्णय काबिले-तारीफ है. उन्होंने कहा कि जब हम बैंक के काम से दिल्ली और चंडीगढ़ की यात्रा करने की योजना को अंतिम रूप दे रहे थे, तो सीईओ ने गजब का तर्क देकर ट्रेन से सफर की बात कही. 

शताब्दी एक्सप्रेस के किया सफर-


चंद्रशेखर घोष ने कहा कि एक उड़ान में इस दूरी को तय करने में एक घंटे का समय लगता है, लेकिन हवाई अड्डे के प्रतीक्षा समय ज्यादा समय लगेगा. जबकि, शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेन को यह दूरी तय करने में करीब 4 घंटे का समय लगेगा.

इसलिए ट्रेन से सफर करना ज्यादा अच्छा रहेगा. इस बीच अपूर्व ने आईआईएफएल सिक्योरिटीज लिमिटेड (IIFL Securities Ltd) के निदेशक, संजीव भसीन की एक यूट्यूब चैनल के साथ टेलीफोन पर हुई बातचीत का लिंक भी पोस्ट किया. इसमें भसीन ने मोहाली में चंद्रशेखर घोष के साथ मुलाकात का जिक्र किया है.  


ग्रामीण इलाकों को देखना पसंद-


भसीन ने बातचीत में इस बात का खुलासा किया कि क्यों आखिर बंधन बैंक के सीईओ चंद्रशेखर प्लेन की जगह ट्रेन से यात्रा करने को तरजीह देते हैं. आईआईएफएल के निदेशक के मुताबिक, मैंने उनके जैसा आदमी नहीं देखा, जिसने 5,000 रुपये से शुरुआत की और अब उसके पास 1 लाख करोड़ रुपये का जमा आधार है.

सीईओ चंद्रशेखर, सिर्फ ग्रामीण इलाकों को देखने के लिए ट्रेन से यात्रा करते हैं. उन्होंने कहा कि हर एक बातचीत में उनसे सीखने के लिए बहुत कुछ है.